सीएए का विरोध में दिल्ली में ट्रम्प जहां ठहरे वहीं, 20किमी दूसरे हुई हिंसा में एक हेड कान्स्टेबल और नागरिक की मौत
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के मुद्दे पर उत्तर पूर्व दिल्ली में सोमवार को लगातार दूसरे दिन हिंसा हुई। जाफराबाद और मौजपुर इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक गुटों के बीच झड़प् में दो लोगों की मौत हो गयी। सिर पर पत्थर लगने से हैड कान्स्टेबल रतनलाल की मौत हो गयी। जबकि गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी भी मारा गया। इसके साथ ही शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा घायल हो गये। उपद्रवियों ने कई जगहों पर खड़ी गाडि़यों में आग लगा दी गयी।
भजनपुरा में पेट्रोल पम्प भी फूंक दिया और जाफराबाद में उपद्रवियों ने खुलेआम पिस्तौल लहराई और फायरिंग की। खजूरी खास में पुलिस स्वयं भी उपद्रवियों पर पथराव करती नजर आई। रविवार की शम को इस इलाके में पहली बार तब हिंसा भड़की थी, जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा एक सड़क खुलवाने पहुंचे थे।
ल्गातार दो दिन हुई हिंसा के बाद सोमवार की शाम को उत्तर पूर्व दिल्ली में सीआरपीएफ की 8 कंपनियां तैनात कर दी गयी है। डीएमआरसी ने एहतियातन 5 मेट्रो स्टेशन जाफराबाद, मौजपुर‘-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिवबिहार मेट्रो स्टेशन को बन्द कर दिया गया है। इस रूट की ट्रेने वेलकम स्टेशन तक ही जायेगी। जिस इलाके में हिंसा भड़की है, वह चाणक्यपुरी से लगभग 20 किमी दूरी पर है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ठहरे हैं। हिंसा के बाद गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली के हालात का जायजा लेने के लिये आपात बैठक बुलानी पड़ी।
टकराव शनिवार को हुआ, पहली बार रविवार को हिंसा हुई
उत्तर -पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरूआत शनिवार की शाम से हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें अधिकतर महिलायें थी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीनबाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठालेकर गयी थी। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बन्द कर रखी थी। रविवार को यहां पहली बार हिंसा भड़की । विवाद तब शुरू हुआ, जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और सड़क खुलवाने की मांग को लेकर सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे।
हिंसा मौजपुर से ही शुरू हुई
सोमवार की सुबह से मौजपुर चौराहे पर मंदिर के सामने महिलाएं नागरिकता कानून के समर्थन में सड़क पर बैठ गईं। दूसरी तरफ इस कानून के विरोध में प्रदर्शनकारी आमने.सामने हो गए। इसके बाद वहां माहौल भड़क गया और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पथराव करने वाले लोग नकाब पहने हुए थे। इसके बाद हालात बेकाबू होते चले गए। वजीराबाद रोड पर प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। जाफराबाद रोड पर उपद्रवियों ने फायरिंग की। सरेआम पिस्टल और तलवारें लहराईं। उनके सामने पुलिस बेबस नजर आई। भजनपुरा में पेट्रोल पंप में आग लगा दी। यहीं पर सिर पर लगे पत्थर से हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई। हिंसा के दौरान शाहदरा डीसीपी की गाड़ी में भी आग लगा दी गई। दिनभर चली हिंसा में 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।