बिना एयरफोर्स वन के चुपके से यूक्रेन पहुंचे जो बाइडेन

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को उस समय सभी को हैरान कर दिया, जब वह अचानक युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंच गये। आधुनिक इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला। जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने वॉर एरिया का दौरा किया। अमूमन अमेरिका जैसे किसी देश के राष्ट्रपति जब किसी दौरे पर जाते हैं तो बेहद कड़ी सुरक्षा के साथ एक भारी काफिला उनके साथ चलता है। लेकिन बाइडेन के यूक्रेन दौरे में ऐसा कुछ भी नहीं था।
जो बाइडेन के इस दौरे की सीक्रेसी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके यूक्रन जाने की कई महीनों तक प्लानिंग की गयी थी और इसे एक बेहद छोटी टीम ने खुफिया तरीके से अंजाम दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने बताया है कि बाइडेन के कीव दौरे के लिये व्हाइट हाउस और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के कुछ वरिष्ठ अधिकारी महीनों तक खुफिया तौर पर प्लानिंग में जुटे थे। इस दौरे का खाका तैयार करने वाले अधिकारियों का मानना था कि मौजूदा वैश्विक परिस्थिति को देखते हुए इस दौरे को सीक्रेट तौर पर अंजाम दिया जाये। इसके लिये सीधे यूक्रेन पहुंचने के बजाय पोलैंड के जरिये राजधानी कीव पहुंचने पर सहमति बनी थी।

रडार को चकमा देने के लिए एयरफोर्स वन से बनाई दूरी

इस यूक्रेन दौरे की सीक्रेट प्लानिंग का एक अहम मोड़ यह भी था कि बाइडेन के दौरे के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक विशेष प्लेन एयरफोर्स वन विमान के बजाए वायुसेना के बोइंग विमान C-32 को चुना गया. एयरफोर्स वन से यूक्रेन नहीं जाने का मुख्य मकसद यही था कि रडार की नजरों से बचा जा सके. इस दौरान उनके साथ कुछ मुट्ठीभर सुरक्षाकर्मी, मेडिकल टीम, करीबी सलाहकार और दो पत्रकार मौजूद थे. इस तरह से बाइडेन को लेकर छोटे विमान ने यूक्रेन के लिए उड़ान भरी.

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