सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा 5 लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, सिटी प्लानर के पद से हटाये गये
ग्वालियर. नगर निगम सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को ईओडब्ल्यू की टीम ने शनिवार कीे दोपहर 3.30 बजे 5 लाख की चलती कार में रिश्वत हुए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ईओडब्ल्यू की टीम सिटीप्लानर प्रदीप वर्मा को लेकर विश्वविद्यालय थाने पहुंची। पैसे लेने के लिए फरियादी धर्मेन्द्र भारद्वाज ने सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को एसपी निवास के पास बुलाया था। फरियादी धर्मेन्द्र भारद्वाज 5 लाख रुपये लेकर पहुंचा था जबकि सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा अपनी कार से वहां पहुंचा। कार में जैसे ही सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा ने फरियादी से 5 लाख रुपये की रिश्वत ली इसका सिग्नल मिलते ही ईओडब्ल्यू ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया इसके बाद आरोपित को विश्वविद्यालय थाने ले जाया गया है।
घर पर भी कार्रवाई जारी
जानकारी के अनुसार 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के विनय नगर स्थित निवास पर भी ईओडब्ल्यू की टीम कार्रवाई करने पहुंच गई है। वहां पर दस्तावेजों के साथ यह भी देखा जा रहा है कि आय से अधिक संपत्ति तो अधिकारी ने अर्जित तो नहीं की है। ऐसा बताया जा रहा है जिस प्रकरण की शिकायत लोकायुक्त में की जाती थी उसकी फाइल गायब हो जाती थी जिसकी शिकायत थाना विश्वविद्यालय में की जाती थी। इस तरह प्रकरण थाना विश्वविद्यालय में दर्ज है।
सुरेशनगर में दो जगह थी जिसमें कुछ डुपलेक्स बनाने थे दूसरी जगह पर 19 हजार वर्गफीट में मल्टी निर्माण करने के बदले में सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा ने फरियादी धर्मेन्द्र भारद्वाज से 50 लाख रूपये की रिश्वत की मांग की थी कुल मिलाकर 25 लाख रूपये में सौदा तय हो गया था। सौदा क्या था आप निर्माण कीजिये हम आपके निर्माण कार्य को नहीं रोकेंगे और जब आपका निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा तब हम आपको उसकी परमिशन दे देंगे।
10 लाख रु. देने के बाद भी बाकी रकम का दबाव बनाया
थाटीपुर पर रहने वाले एक बिल्डर की इमारत पर दो माह पहले सिटी प्लानर ने बुलडोजर लगा दिया था। तुड़ाई के डर से सहमें बिल्डर ने सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा से बात की तो तुड़ाई रूकवाने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की गई। बिल्डर ने कोरोना के कारण आर्थिक संकट बताया तो तय हुआ कि 10 लाख रुपये अभी देना होंगे और बाकी रकम बाद में दे दी जाएगी। बिल्डर के अनुसार उसने सिटी प्लानर को 10 लाख रुपये तत्काल दे दिए थे इसके बाद अब फिर से सिटी प्लानर बाकी रकम के लिए उस पर दबाव बना रहा था। दोनों पक्षों में बातचीत के बाद सौदा 25 लाख में तय हो गया था। उधर बिल्डर ने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज करा दी थी।
सिटी प्लानर के पद से हटाया
जैसे निगमायुक्त संदीप माकिन को पता चला कि सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा 5 लाख रूपये की रिश्वत लेते ईओडब्ल्यू की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है उसके तत्काल बाद प्रदीप वर्मा को सिटी प्लानर के पद से हटा कार्यपालन यंत्री पवन सिंघल को बना दिया गया है।