दिल्ली ब्लास्ट- बड़े शहरों में धमाकों की साजिश थी, दबाव में आतंकी ने अधूरा IED ही तैयार किया
नई दिल्ली. लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास देर शाम हुए कार धमाके में मृतकों की संख्या बढकर 12 हो गई है। इस बीच सूत्रों ने बताया कि ब्लास्ट किसी बडी साजिश का हिस्सा था। मामले में गिरफ्तार 8 आतंकियों से शुरूआती पूछताछ में ऐसे संकेत मिले है कि कई बडे शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश थी। जिस आई20 कार में धमाका हुआ उसे चलाने वाले की पहचान कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी के रूप में हुई है। उमर विस्फोट में मारा जा चुका है। वह फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। पुलिस ने जम्मू कश्मीर से उमर की मां का डीएनए सैंपल लिया है ताकि धमाके के अवशेष में मिले शव के टुकडों की पहचान हो सके। इस तरह जैश ए मोहम्मद के इस नए वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल में 8 आतंकी मिल चुके है, इनमें 6 डॅक्टर है।

सूत्रों ने कहा कि दिल्ली एनसीआर और पुलवामा में लगातार छापेमारी से उमर दबाव में आ गया था। इसके बाद जल्दबाजी में अधूरा आईईडी तैयार किया गया जिससे कार में विस्फोट हो गया। इसलिए विस्फोट का असर सीमित रहा और क्रेटर या छर्रे नहीं मिले। कार ने किसी टारगेट को टक्कर नहीं मारी न किसी बिल्डिंग में घुसी यानी यह सुसाइड कार बॉम्बिंग जैसा हमला नहीं था। विस्फोट का कारण वहीं सामग्री लगती है जो फरीदाबाद से जब्त की गई है। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद से जुडा है जो जम्मू कश्मीर, हरियाणा और यूपी में सक्रिय है।

