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रंग बिरंगी पतंगों से सराबोर हुआ आसमान, कैनवास पर रंग बिरंगे चित्र उकेर कर किया धरती का श्रृंगार

ग्वालियर- मकर संक्रांति के पर्व पर नगर निगम द्वारा आनंद उत्सव 2025 और आमजनों को स्वच्छता, प्रकृति, जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से बालभवन में पतंगबाजी एवं जल संरक्षण पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में बडी संख्या में प्रतिभागियों ने रंग बिरंगी पतंगे आसमान में उडाईं और प्रत्येक पतंग पर जल संरक्षण का संदेश लिखा था और साथ ही 400 से अधिक बच्चों ने ड्राइंग सीट पर जल संरक्षण का संदेश देते हुए चित्र उकेरे। जिनकी अतिथियों द्वारा सराहना की गई।
बाल भवन में आयोजित चित्रकला एवं पतंगबाजी प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में सभापति श्री उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बच्चों को प्रोत्साहित करने उपनेता सत्तापक्ष मंगल यादव, एमआईसी सदस्य शकील मंसूरी, पार्षद सोनू त्रिपाठी, मनोज राजपूत, जनप्रतिनिधि हरीबाबू शिवहरे, कलेक्टर रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त ने प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार का वितरण किया।
आनंद उत्सव 2025 के अवसर पर आयोजित ड्राइंग एवं पतंगबाजी प्रतियोगिता में सभापति ने सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी और कहा कि हर्षोल्लास के पर्व मकर संक्रांति को हमें स्वच्छता के साथ मनाना है। इस बार शहर स्वच्छता में अव्वल स्थान पर आये इसके लिए सभी की स्वच्छता में सामूहिक प्रयास करने होगें। इसके साथ ही सभी को जल बचाने एवं स्वच्छता की शपथ सभापति श्री मनोज तोमर ने दिलाई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पर्यावरण विशेषज्ञ, जल बचाओ अभियान के श्री शैलेश सिंह कुशवाह ने जल बचाने का संदेश दिया।
कार्यक्रम का संचालन सहायक नोडल अधिकारी खेल सुश्री विजेता सिंह चौहान ने किया। कार्यक्रम में अपर आयुक्त विजय राज, मुनीश सिंह सिकरवार, अनिल दुबे, अपर आयुक्त वित्त रजनी शुक्ला, उपायुक्त अमर सत्य गुप्ता, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, सुनील चौहान, सहायक यंत्री सुश्री शालिनी सिंह, नोडल अधिकारी एसबीएम आईईसी मुकेश बंसल, सहायक नोडल शैलेन्द्र सक्सेना सहित अन्य अधिकारी एंव कर्मचारी उपस्थित रहे।
दिव्यांग सुनील ने पैरों से उकेरी कलाकृति
ड्राइंग प्रतियोगिता में लाल टिपारा से आये दिव्यांग सुनील जाटव द्वारा पैरों से तिरंगा का चित्र बनाकर सभी का मन मोह लिया।
इन्हें मिले पुरस्कार
ड्राइंग प्रतियोगिता सीनियर केटेगरी – प्रथम खुशी मंगल, द्वितीय भारत तोमर, सांत्वना जयंत खुराना, आरिफ खान, प्रेम प्रजापति रहे। साथ ही ड्राइंग प्रतियोगिता जूनियर केटेगरी में प्रथम राधिका बाथम, द्वितीय इशिता गुप्ता, सांत्वना अदिति अग्रवाल, आस्था बाथम रहीं। पतंगबाजी प्रतियोगिता में प्रथम रणजीत सिंह, द्वितीय अंश अग्रवाल, सांत्वना वीर प्रताप सिंह रहे। कार्यक्रम में आयुषी भार्गव द्वारा मेघा रे पर नृत्य की प्रस्तुति दी। साथ ही दिल्ली पब्लिक वर्ल्ड स्कूल की छात्राओं द्वारा मकर संक्रांति की नृत्य प्रस्तुति दी। सुश्री गरिमा गेरा द्वारा लाइव कैलीग्राफी कर मकर संक्रांति पर बनायी गई पतंग निगमायुक्त श्री अमन वैष्णव को भेट की। जजेस हितेन्द्र शाक्य (फ्रीलांसर आर्टिस्ट), बेताल केन रहे। कार्यक्रम के उपरंात सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट व स्वल्पाहार दिया।

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नागा साधुओं को नही दी जाती है मुखाग्नि, जीवित में ही पिंडदान कर चुके होते हैं संन्यासी कैसे करते हैं अंतिम संस्कार

नई दिल्ली. प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में आस्था का मेला सज चुका है और प्रतिदिन करोड़ों की तादाद में श्रद्धालु आस्था के संगम में डुबकी लगा रहे हैं। सबसे पहले मंगलवार को अखाड़ों ने अमृत स्नान में हिस्सा लिया और इसके बाद साधु-संतों से लेकर आमजन संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में नागा साधुओं का भी जमावड़ा देखा गया है और पे/ावाई से लेकर पवित्र स्नान में नागा साधु बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। नागासाधुओं के बारे में एक रहस्य यह भी है। आखिर मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है।
जीवित रहते करते हैं पिंडदान
नागा साधु जीवित रहते ही स्वयं अपना पिंडदान और अंतिम संस्कार कर चुके है। ऐसे में उनकी अत्येष्टि को लेकर भी कई सवाल होते आये हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार जन्म से लेकर मृत्यु तक संस्कारों का पालन किया जाता है। इसमें अंतिम संस्कार भी प्रमुख है। आम लोगों की अंत्येष्टि दाह संस्कार कर की जाती है। लेकिन नागा साधु तो स्वयं ही अपना पिंडदान कर चुके होते हैं। उनका अंतिम संस्कार कैसे होता है।
जूना अखाड़ा के कोतवाल अखंडानंद महाराज बताते हैं कि मृत्यु के बाद नागा साधु की समाधि लगाई जाती है। वह चाहे जल समाधि हो या फिर भू-समाधि उनका दाह संस्कार नहीं किया जाता है। अखंडानंद महाराज ने बताया है कि नागा की चिता को आग नहीं दी जाती और ऐसा करने पर दबहुत दोष लगता है। इसकी वजह बताते हुए महाराज ने कहा है कि नागा साधु पहले ही अपने जीवन को नष्ट कर चुका है। पिंडदान कर चुका होता है। तब जाकर ही वह नागा साधु बन पाता है।
अंतिम इच्छा का भी होता है पालन
जल समाधि और भू समाधि की परंपरा
अखंडानंद महाराज ने बताया है कि आम व्यक्ति से अलग नागा साधु बनने के बाद अंतिम संस्कार में पिंडदान और दाह संस्कार की प्रक्रिया लागू नहीं होती। इसी कारण से नागा को अग्नि को समर्पित न करके, जल या फिर भू-समाधि दी जाती है। संन्यासी स्वामी हरप्रसाद ने बताया है कि नागा साधु जीवित रहते ही अपना तन और मन परमात्मा को समर्पित कर चुका होता है और साथ ही पिंडदान कर चुके होते हैं। ऐसे में उनके शव को अग्नि नहीं दी जाती है। पहले नागा साधुओं को जल समाधि देने का चलन था। लेकिन नदियों के प्रदूषण को कम करने के मकसद से अब जल समाधि की जगह नागाओं को सिद्ध योग मुद्रा में बैठाकर भू-समाधि दी जाती है। इसकी वजह है कि भू-समाधि पाकर नागा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पा जाते है। इस समाधि से पहले हिन्दू धर्म के अनुसार उनके शव को स्नान कराया जाता है और फिर मंत्रोच्चण के साथ भू-समाधि दे दी जाती है।
मृत्यु के बाद नागा साधु के शव पर भगवा वस्त्र डाले जाते हैं और भस्म लगाया जाता है जो उनकी आध्यात्मिक साधना का प्रतीक है उनके मुंह में गंगाजल और तुलसी की पंत्तियां भी राखी जाती है। इसके बाद ही भू-समाधि दी जाती है। साथ ही उस समाधि स्थल पर एक सनातनी निशान बना दिया जाता है। ताकि कोई उस जगह को ंगंदा न कर सके। नागा साधुओं को धर्म रक्षक भी है। यही वजह है कि एक योद्धा की तरह पूरे मान-सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाती है।
अंतिम इच्छा का भी होता है पालन
नागा साधुओं की भू-समाधि के दौरान एक गड्ढा खोदा जाता, मृत संत के पद के मुताबिक उस गड्ढे की गहराई और आकार तय होता है. इसके बाद मंत्रों के उच्चारण और पूजा-पाठ के साथ नागा को बैठाकर मिट्टी से ढक दिया जाता है. अगर नागा साधु जल समाधि की आखिरी इच्छा जाहिर करके जाता है तो उसे किसी पवित्र नदी में समर्पित भी किया जा सकता है. कई बार अखाड़े की परंपरा के अनुसार भी नागा साधु का अंतिम संस्कार किया जाता है.नागा परंपरा के अनुसार मान्यता है कि उनका शरीर पंच महाभूत पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से मिलकर बना है और मृत्यु के बाद इन ही तत्वों को शरीर समाहित किया जाना चाहिए. ऐसे में नागा साधुओं की मृत्यु के बाद उन्हें भू-समाधि या जल समाधि देने की परंपरा है।

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मकर संक्राति पर चम्बल नदी में छोड़े गये 25 घडि़याल, 21 मेल और 4 फीमेल

मुरैना. 28 घडि़यालों को सोमवार को चम्बल नदी में छोड़ा गया। वन अमला दोपहर में देवरी स्थित घडि़याल केन्द्र से इन्हें लेकर राजघाट के जैतपुर गांव पहुंचा और रेंजर एवं प्रभारी देवरी घडि़याल केन्द्र रिंकी आर्य ने बताया कि छोड़े गये घडि़यालों की आयु 2 ज्यादा है। इनमें 4 मेल और 21 फीमेल घडि़याल हे।
मुरैना वन विभाग हर साल जनवरी माह में केन्द्र से घडि़यालों को चम्बल नदी में छोड़ता है। पानी में छोड़े गये घडि़याल मई-जून 2022 में केन्द्र में अंडे से बाहर आये थे। तब से यह केन्द्र पर ही बड़े हो रहे थे।

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2 कुलपतियों सहित 17 प्रोफेसरों पर FIR, अरूण शर्मा बोले EOW कार्यालय के कई चक्कर काटी तब हुई एफआईआर

ग्वालियर. मुरैना के सबलगढ़ के झुंडपुरा में फर्जी शिवशक्ति कॉलेज के संचालन के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को जीवाजी विश्वविद्यालय (जेयू) के कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी और राजस्थान के बांसवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएस ठाकुर समेत 17 प्रोफेसरों पर एफआईआर दर्ज की है। मौके पर शिवशक्ति कॉलेज का कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बावजूद प्रोफसर फर्जी कॉलेज का निरीक्षण कर संबंद्धता की अनुशंसा करते रहे।
इन पर धारा 420, 409ए, 467ए, 468 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। कॉलेज में 2012 से कागजों पर चल रहा था। इसे हर साल संबद्धता दी जा रही थी। ईओडब्ल्यू महानिदेशक उपेन्द्र जैन ने जांच में पाया है कि शिवशक्ति कॉलेज का मौके पर कोई अस्तित्व नहीं है। इस मामले मे ंजेयू के कुपति ने कोई जवाब नहीं दिया और वहीं बासवांड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति बोले -नो कमेंट्स।
कैसे हुआ खुलासा
शिकायतकर्ता डॉ. अरूण शर्मा ने बताया है कि कैसे खुली परतें, मुझे शिवशक्ति कॉलेज का प्राचार्य ने बताया है कि शिकायत की तो जेयू से नौकरी गयी, अब बेरोजगार हूं और जान जाने का भी खतरा बना हुआ है।
मई 2023 में मुझे सबलगढ़ के शिवशक्ति कॉलेज में प्राचार्य का पद पर नियुक्त होना बताया गया। यह कॉलेज कभी झुंडपुरा तो कभी सबलगढ़ में दर्शाया गया। मैं उस वक्त आर्यांश कॉलेज मुरार में प्राचार्य और जेयू में मानसेवी शिक्षक पद पर था। मैंने पहली शिकायत तात्कालीन रजिस्ट्रार से की। दूसरी शिकायत 6 जून 2023 को की गयी। अभी तक 15 शिकायतें जेयू कुलपति समेत अन्य अधिकारियों से कर चुका हूं। लेकिन जेयू ने कोई कार्यवाही नहीं। उल्टा मुझे जेयू से मानसेवी शिक्षक की नौकरी से हटा दिया। आर्यांश कॉले से भी मुझे बाहर कर दिया गया। शिवशक्ति कॉलेज के संचालक ने जान से मारने की धमकी दी और फिर भी हार नहीं मानी। एसपी से लिखित शिकायत की। लेकिन अभी तक पुलिस सुरक्षा नहीं मिली।
ईओडब्ल्यू कार्यालय के कई चक्कर काटने के बाद हुई FIR
मैंने ठान लिया था कि न्याय के लिये लडूंगा, क्योंकि जो कॉलेज कहीं है ही नहीं। उसमें मुझे प्राचार्य कैसे दर्शाया जा रहा है। इतनी शिकायत के बाद भी जेयू ने 8 जनवरी को ऐसे कॉलेजों की सूची जारी की है। जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट के शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के पोर्टल पर एआईएसएचई के यिले वर्ष 2023-24 का डेटा अपलोड नहीं कर रहे है। ऐसे कॉलेजों की संख्या 158 हैं इस सूची में 143 पर शिवशक्ति कॉलेज झुंडपुरा मुरैना का नाम दर्ज किया गया है। जबकि जेयू के अधिकारियों ने भलीभांति पता है यह कॉलेज झुंडपुरा में नहीं चल रहा है।

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पुलिस ने चाइनीज मांझा बेच रहे दुकानदार बेचने वाले के खिलाफ कार्यवाही

ग्वालियर। – मकर संक्रांति पर होने वाले पतंग महोत्सव अवसरों पर चायनीज मांझा के उपयोग से पशु-पक्षियों के साथ-साथ मानव जीवन पर होने वाले नुकसान को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्ट्रर द्वारा चायनीज मांझा के उपयोग पर बैन लगाने हेतु आदेश जारी किया गया है। जिस पर से पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह द्वारा जिले के समस्त थाना प्रभारियों को चायनीज मांझा का उपयोग करने वाले एवं बेचने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये। इसी अनुक्रम में अति0 पुलिस अधीक्षक ग्रामीण निरंजन शर्मा द्वारा अपने अधीनस्थ समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में चायनीज मांझा के उपयोग पर रोक लगाकर उसे बेचने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।
एसडीओपी डबरा विवेक शर्मा तथा थाना प्रभारी डबरा शहर निरीक्षक यशवंत गोयल के नेतृत्व में थाना बल की टीम को क्षेत्र में चायनीज मांझा के उपयोग पर रोक लगाकर उसे बेचने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु लगाया गया। पुलिस टीम द्वारा अवैध चाइनीज मांझा के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए चांदनी चौक पर स्थित वर्मा प्रोविजन स्टोर के मालिक संतोष वर्मा पिता राम भरोसे वर्मा उम्र 37 साल निवासी हनुमान डंडा डबरा की दुकान को चेक किया गया तो दुकान में ड्रेगन के 47 नग, मोनो कटर 12 नग, सादा पन्नी वाला 20 नग कुल कीमत 1000 रुपए रखे मिले जिसे पुलिस टीम द्वारा विधिवत जप्त किया गया।

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MP में 18 जिलों में बीजेपी के जिलाध्यक्षों का ऐलान, संविधान को ताक पर रखकर सिंधिया के नजदीकी को शिवपुरी जिले की कमान

भोपाल. एमपी में भारतीय जनता पार्टी ने लगभग 18 और जिलों के अध्यक्षों का ऐलान किया गया है। सोमवार की रात जारी नामों में भोपाल नगर में रविन्द्र यती, भोपाल ग्रामीण में तीरथ सिंह मीणा उज्जैन ग्रामीण में राजेश धाकड़, गुना में धमेन्द्र सिंकरबार और शिवपुरी से जसमंत जाटव को जिलों की कमान दी गयी है। अहम बात यह है कि बीजेपी ने शिवपुरी में अपने ही संविधान का उल्लंघन कर सिंधिया के नजदीकी को कमान दी है।
इससे पहले रविवार की रात को उज्जैन नगर और विदिशा जिलों के अध्यक्षों का ऐलान किया गया था। इ स तरह से भाजपा में अभी तक कुल 20 जिलों में जिलाध्यक्षाों के नाम जारी कर चुकी है।
9 जिलों में अध्यक्ष रिपीट हुए हैं
सोमवार की रात को जारी 18 जिलों के जिलाध्यक्षों में 9 जिलों में अध्यक्षों को रिपीट किया गया है। इन जिलों में रतलाम में प्रदीप उपाध्याय, हरदा में राजेश वर्मा, मैहर में कमलेश सुहाने, बुरहानपुर में मनोज माने, मऊगंज में राजेन्द्र मिश्रा, पन्ना में बृजेन्द्र मिश्रा, छतरपुर में चन्द्रभान सिंह गौतम, अशोकनगर में आलोक तिवारी और गुना में धर्मेन्द्र सिकरबार का फिर से जिलों की कमान सौंपी गयी है।
सिंधिया के लिये संविधान ताक पर
भाजपा के संविधान के मुताबिक वहीं कार्यकर्त्ता जिलाध्यक्ष बन सकता है। जो कम से कम 6 साल पार्टी की प्राथमिक सदस्य रहा हो। शिवपुरी के जिलाध्यक्ष बने जसमंत जाटव मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये हैं। जसमंत को भाजपा में शामिल हीुए पूरे 4 साल भी नहीं हुए। लेकिन पार्टी ने सिंधिया की पसंद को प्राथमिकता देने के चलते जसमंत को अध्यक्ष बनाया है। जसमंत 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था।

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हिट एंड रन-तेज रफ्तार वाहन ने बाइक सवारों को कुचला जिसमें साले की मौत और जीजा घायल

ग्वालियर. एक बार पुनः तेर रफ्तार कार ने एक जिन्दगी छीन ली है। जबकि एक युवक जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है। बाइक सवार जीजा-साले मकर संक्रांति पर अपने घर पुरानी छावनी लौट रहे थे। लेकिन जलालपुर के पास अज्ञात वाहन उनको रौंदता हुआ निकल गया। घटना सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 1 बजे की है।
घटना में साले की मौत हो गयी है। जबकि जीजा गंभीर रूप से घायल हो गया है।घटना का पता चलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया है। जहां एक को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर जांच शुरू कर दी है।
क्या है घटनाक्रम
शहर के पुरानी छावनी क्षेत्र के सुंदरलाल का मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय मनीष कुमार, पुत्र सोनेराम, एक निजी कंपनी में काम करता था। सोमवार को वह किसी काम से अपने बहनोई सूरज सिंह के साथ डबरा गया था। काम पूरा करते-करते रात हो गई, जिसके बाद दोनों बाइक से ग्वालियर लौट रहे थे। रात करीब 1 बजे जलालपुर तिराहे के पास, घर से कुछ किलोमीटर पहले, एक तेज रफ्तार वाहन ने उनकी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर के बाद वाहन उन्हें रौंदता हुआ निकल गया। हादसे की सूचना पर बहोड़ापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में पाया गया कि मनीष की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि सूरज सिंह का इलाज जारी है।
घटनास्थल से कुछ दूरी पर है घर
जहां एक्सीडेंट हुआ है उससे 4 किमी की दूरी पर मृतक का घर था। वह घर पहुंचने ही वाले थे। लेकिन उससे पहले ही जलालपुर तिराहा पर तेज रफ्तार वाहन ने मौत बनकर आ घेरा। घर पर सभी दोनों का इंतजार कर रहे थे। लेकिन पहुंची सड़क दुर्घटना की खबर।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज तलाश रही है
आरोपी वाहन का पता लगाने के लिये पुलिस आस-पास लग सीसीटीवी तलाश रही है। जिससे आरोपी वाहन चालक की पहचान हो सके और उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सके। सुबह तक पुलिस को एक भी कैमरे में टक्कर कारने वाली गाड़ी स्पॉट नहीं हुई थी।

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दिल्ली पुलिस ने 400 स्कूलों में बम की खबर ईमेल करने वाला पुलिस की गिरफ्त में, अफजल गुरू से जुड़ रहे तार

नई दिल्ली. बमों की फर्जी खबर के मामले में दिल्ली पुलिस ने 400 स्कूलों मे ंबम की झूठी कॉल करने वाले बच्चे को पकड़ा है पुलिस अब इस एंगल पर जांच कर रही है। इस बच्चे के पीछे कहीं कोई और तो नहीं जा मेल करवा रहा है। पुलिस के अनुसार इस बचचे का परिवार एक NGO  के संपर्क में था। यह वहीे एनजीओ है जो अफजल गुरू की फांसी का विरोध कर रहा था।
माहौल बिगाड़ने के लिये तो कोई ओर मेल नहीं करा रहा-पुलिस
पुलिस की शुरूआती जांच में पता चला है कि एक साथ 250 स्कूलों में जो मेल आया था। उसके पीछे भी यही बच्चा हे। पुलिस ने बताया है कि जांच में यह पता कर रहे हैं कि कहीं जानबूझ कर कानून व्यवस्था को खबरा करने की नीयत से तो बच्चे से कोई मेल नहीं करवा रहा था।
एनजीओ के एंगल पर भी जांच रही है पुलिस
पुलिस इस जांच में पूरी तरह से जुट गयी ह। इसके पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं है और साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है। NGO   का सेल है या नहीं है। पुलिस को बच्चे के पीछे किसी और के होने का शक इस वजह से है कि क्योंकि नाबालिग जिस तरह के टेक्नीकल शब्दों का उपयोग कर रहा था तो किसी शातिर के हो सकते हैं।
खबर अपडेट हो रही है

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महिला टीआई ने सख्ती दिखाई तो विधायक प्रतिनिधि की निकली हेकड़ी

ग्वालियर. स्कॉर्पियों पर हूटर लगाकर रौब झाड़ रहे विधायक प्रतिनिधि को जब पुलिस ने रोका तो उसने रौब दिखाना शुरू कर दिया। स्वयं का दतिया -सेवढ़ा विधायक प्रदीप अग्रवाल का प्रतिनिधि बताकर पुलिस को हड़काना चाहा तो पुलिस ने पहले समझाया तो बार-बार जेब से फोन निकालकर चमकाने लगा।घटना बिजौली इलाके की है। इसी वक्त वहां एसडीओपी बेहट संतोष पटेल और टीआई बिजौली प्रीति भार्गव पहुंच गये।
महिला टीआई ने विधायक प्रतिनिधि को पहले समझाया। लेकिन वह रौब दिखाने लगा तो टीआई प्रीति भार्ग ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि चलों विधायक से बात कराओ। मैं उनसे पूछती हूं कि गाड़ी पर अवैध हूटर लगाकर घूमने की इजाजत किसने दी तो युवक की हेकड़ी निकल गयी । इसके बाद पुलिस ने गाड़ी से हूटर हटवाया और युवक पर जुर्माना भी लगाया।
महिला टीआई ने कहा- विधायक से बात कराओ तो निकली हेकड़ी
पुलिस जवानों से बहस होते देख बिजौली थाना प्रभारी प्रीति भार्गव ने स्कॉर्पियो चालक से कहा कि, चलिए आप विधायक प्रतिनिधि हो तो विधायक जी से बात कराओ। इस पर कुछ देर के लिए कार चालक यहां वहां देखने लगा और मोबाइल लेकर प्रयास करने की नौटंकी की। इसके बाद पुलिस समझ गई कि यह फर्जी है। पुलिस ने उसकी हेकड़ी निकालते हुए पहले गाड़ी पर लगा हूटर निकाला फिर अवैध तरीके से हूटर लगाने पर जुर्माना भी वसूला। इस दौरान वह बार-बार माफी भी मांगता हुआ नजर आया।

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स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा -सैलानी देख सकेंगे लेजर शो वीर सावरकर सरोवर में

ग्वालियर – स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत जो भी प्रगतिरत परियोजनाएं हैं व डिपॉजिट वर्क जो नगर निगम द्वारा करवाये जा रहे हैं, इन उक्त कार्यों से संबंधित अधिकारी समय सीमा में कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण करायें। वहीं पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस संबंधी जानकारी बनाकर उन कार्यों को भी प्राथमिकता में लेकर पूर्ण करें व पूर्ण हो चुके कार्यो से संबंधित पेमेंट इत्यादी की भी वस्तुस्थिती जांच कर जल्द से जल्द निराकरण करवाया जाये। नगर निगम आयुक्त ने स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में स्मार्ट सिटी, नगर निगम एवं पीडीएमसी के सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सोमवार को मोतीमहल स्थित स्मार्टसिटी के सभाकक्ष में नगर निगम आयुक्त व स्मार्ट सिटी सीईओ प्रभारी ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर स्मार्ट सिटी द्वारा क्रियान्वित किये गए कार्य व वर्तमान में प्रगतिरत कार्यों, डिपॉजिट वर्क सहित सभी कार्यों की वर्तमान कार्य स्थिति व वित्तीय स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक समीक्षा की। बैठक में नगर निगम आयुक्त नें स्मार्ट सिटी की प्रस्तावित बोर्ड बैठक से संबंधित एजेंडा तैयार करने के साथ इसे जल्द से जल्द करवाये जाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में श्री वैष्णव ने कटोराताल पर म्यूजिकल फाउंटेन के साथ लेजर शो चलाने के लिये भी जरुरी कार्य योजना बनाने के साथ इस कार्य के लिये निविदा प्रक्रिया जल्द किये जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।


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