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व्यापार मेला की सबसे पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल लांच-आर मुरलीधरन

ग्वालियर. ग्वालियर व्यापार मेला में गुरूवार की दोपहर 4 बजे ऑटोमोबाइल सेक्टर में खाटूश्याम ऑटोमोबाइल शोरूम पर होप ने बाजार में पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल को बाजार में उतारा है इस इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल को होम कंपनी सेल्स हैड आर मुरलीधरन, खाटूश्याम ऑटोमोबाइल शोरूम के संचालक रोहित और भरत राजपूत सहित अपनी टीम के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल को बाजार में लांच किया है। मध्य प्रदेश के उभरते स्मार्ट-सिटी, ग्वालियर ने आज भारत के सबसे तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता HOP इलेक्ट्रिक द्वारा शहरी कम्यूट हाई-स्पीड ई-मोटरसाइकिल, HOP OXO के लॉन्च का जश्न मनाया।

HOP OXO एक आकर्षक डिजाइन में स्थिरता और सामर्थ्य को जोड़ती है। अपनी अत्याधुनिक विशेषताओं के साथ, HOP OXO लोगों के राइड करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। OXO की टॉप स्पीड 90 किमी/95 किमी/घंटा* और वास्तविक रेंज 135 किमी/150 किमी है। ई-मोटरसाइकिल 72 V के उद्योग-प्रथम वोल्टेज आर्किटेक्चर, 5.2Kw / 6.2kw* की मोटर पावर (पीक) और 185 Nm / 200 Nm* के अधिकतम टॉर्क (व्हील पर) पर आधारित है। मोटरसाइकिल एक BLDC हब मोटर, साइनसॉइडल FOC वेक्टर कंट्रोल और इको-पावर-स्पोर्ट राइडिंग मोड्स और रिवर्स मोड से लैस है।

आर मुरलीधरन, नॉर्थ सेल्स हेड, HOP इलेक्ट्रिक ने कहा, “बढ़ती जलवायु संरक्षण जागरूकता, और सस्टेनेबल मोबिलिटी प्लेटफार्मों को अपनाने से कार्बन फुट-प्रिंट को कम करने की दिशा में सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी मदद मिलेगी। … ईवी का हमारा पोर्टफोलियो और नया HOP OXO, सरकार के एजेंडे के अनुरूप हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। ग्वालियर, जो भारत में उभरते स्मार्ट-शहरों में से एक है, में संभावित ग्राहकों के लिए हमारे उत्पादों को लाना खुशी की बात है । “

HOP OXO 5 अलग-अलग रंगों में उपलब्ध है – ट्वाइलाइट ग्रे, कैंडी रेड, मैग्नेटिक ब्लू, इलेक्ट्रिक येलो और ट्रू ब्लैक। प्रो पैकेज की विशेषताएं नियम और शर्तों के अधीन हैं।

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एके-203 का भारत में निर्माण शुरू, दुश्मन के होंगे दांत खट्टे

AK-203 Assault Rifleनई दिल्ली. उत्तरप्रदेश के अमेठी जिले में स्थित कोर्वा आर्डिनेंस फैक्ट्री में भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से बनी असॉल्ट राइफल कलाशनिकोव AK-203 का उत्पाउदन शुरू हो चुका है। पहला बैच बनकर तैयार है। जल्दी इंडियन आर्मी को इसकी डिलेवरी की जायेगी। भारतीय सेना के लिये कुल मिलाकर 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू कर दिया गया है।             इससे पहले रूसी से 70 हजार से 1 लाख राइफल्स, उनके पार्ट्स और तकनीकी भारत भेजा गयी थी। AK-203 कलाशनिकोव सीरीज की सबसे एडवांस असॉल्ट राइफल हैं। जो कम्पनी इसे बना रही है उसका है। इंडो-रसिया राइफल्स प्रा. लिमि (IRRPL)। इस राइफल्स के आने से भारत में इंसास(INSAS) का उपयोग बन्द कर दिया जायेगा या फिर बेहद कम हो जायेगा। एके-203 इंसास से कई मामलों में बेहतर, आसान और घातक हैं।

AK-203 Assault Rifle

INSAS में 20 से 30 राउंड की मैगजीन लगती है. AK-203 में 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है. इंसास की मजल वेलोसिटी 915 मीटर प्रति सेकेंड है. AK-203 की मजल वेलोसिटी 715 मीटर प्रति सेकेंड है. यानी इंसास की गोलियां ज्यादा तेज गति से जाती है. दोनों ही राइफलें गैस ऑपरेटेड, रोटेटिंग बोल्ट तकनीक पर काम करती हैं.

इंसास राइफल पर इन-बिल्ट आयरन साइट, माउंट प्वाइंट लगाया जा सकता है, ताकि दूरबीन से दुश्मन को देखा जा सके. इस मामले में AK-203 ज्यादा बेहतर है क्योंकि इसपर एडजस्टबल आयरन साइट तो है ही, इसके अलावा पिकैटिनी रेल लगी है, यानी आप दुनिया के किसी भी तरह के दूरबीन को इस बंदूक पर लगा सकते हैं. यानी जितनी ताकतवर दूरबीन उतना घातक हमला.

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अगले माह खत्म हो रहा वीडी शर्मा कार्यकाल, डॉ. सुमेर सोलंकी का सबसे आगे, प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में राजेन्द्र शुक्ला, लालसिंह आर्य का नाम भी विचार

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 17 महीने के लिये बढ़ा दिया गया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 9 राज्यों में विधानसभा और आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। जेपी नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होने वाला था लेकिन बढ़ाकर जून 2024 तक के लिये कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यला बढ़ेगा या नहीं? इस पर जल्दी ही फैसला लिया जायेगा। वीडी का 3 वर्षीय कार्यकाल अगले माह में पूरा होने वाला है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार तो नड्डा का कार्यकाल बढ़ाये जाने के बाद भी उनकी टीम में बड़े पैमाने पर बदलाव होना तय है। इसमें राष्ट्रीय पदाधिकारियों से लेकर राज्य के अध्यक्ष भी बदले जाना है। खासकर उन राज्यों में जहां भाजपा की सरकार है। दरअसल, पार्टी विधानसभा चुनावों को 2024 के लोकसभा चुनाव के सेमीफायनल के तौर पर देख रही है।
वीडी शर्मा को केन्द्र जिम्मेदारी मिलने संभावना
भाजपा सूत्रों के अनुसार विष्णुदत्त शर्मा को हटाया तो उन्हें केन्द्र में जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके स्थान पर पार्टी चुनावी गणित के हिसाब से जातीय कार्ड खेल सकती है। इस नजर से एमपी में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी वोटबैंक को साधने की है। 2018 में हार की वजह इस बड़े वोटबैंक को छिटकना था। ऐसे में आदिवासी नेता को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है। इसमें राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी का नाम आगे है। सोलंकी मोदी-शाह की पसंद भी है और मुख्यमंत्री के साथ उनकी पटरी भी बैठ जायेगी।

आदिवासी चेहरा है डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी
मध्यप्रदेश में आदिवासी वोटर्स 22 प्रतिशत हैं। आदिवासी बहुल इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 84 में से 34 सीट पर जीत हासिल की थी। 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। जिन सीटों पर आदिवासी जीत और हार तय करते हैं। वहां सिर्फ भाजपा को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। 20113 की तुलना में 18 सीट कम है। अब सरकार आदिवासी जनाधार को वापिस भाजपा के पाले में लाने की कोशिश में जुटी है।

लालसिंह आर्य को सौंपी जा सकती है कुर्सी
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी यदि दलित मतदाता को साधे रखने की रणनीति पर आगे बढ़ती है तो इस वर्ग से प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने से मना नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य को भी कुर्सी सौंपी जा सकती है लालसिंह आर्य, शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। हालांकि वह 2018 में चुनाव हार गये थे।

राजेन्द्र शुक्ला की शिवराज से पटरी बैठती है विंध्य भी साधेगा
इसी तरह वीडी शर्मा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया तो उनके स्थान पर सामान्य वर्ग के नेता को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके लिये पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला इस रेस में आगे हैं। इसकी वजह यह है कि राजेन्द्र शुक्ला के नाम पर शिवराज सहमत हो जायेंगे और अन्य नेताओं की ओर से उनका विरोध नहीं होगा। खास बात यह है कि शुक्ला को अध्यक्ष बनाया जाता है तो भारतीय जनता पार्टी विंध्य के साथ-साथ महाकौशल भी साध लेगी।

 

 

 

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सागर अग्रवाल हैं चेम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी, व्यापारियों के बीच मिल रहा अपार जनसमर्थन

ग्वालियर एक प्रमुख व्यवसायी और समुदाय के नेता सागर अग्रवाल ने मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एमपीसीसीआई) में उपाध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। सागर अग्रवाल, जो एमपीसीसीआई के कई वर्षों से सक्रिय सदस्य हैं, के पास वाणिज्य और उद्योग के क्षेत्र में समृद्ध अनुभव है। उन्हें राज्य में व्यवसायों के सामने आने वाली चुनौतियों की गहरी समझ है और स्थानीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
MPCCI के उपाध्यक्ष के रूप में, सागर अग्रवाल व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में काम करने का वादा करते हैं। वह बुनियादी ढांचे में सुधार, नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहा है। निजी क्षेत्र में अपने काम के अलावा, सागर अग्रवाल समुदाय के एक सक्रिय सदस्य भी हैं। वह विभिन्न सामाजिक और परोपकारी पहलों में शामिल रहे हैं और उन्होंने युवाओं के बीच शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए काम किया है।
सागर अग्रवाल का अनुभव, समर्पण और समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें उपाध्यक्ष पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाती है। चुने जाने पर, वह MPCCI के लिए एक नया दृष्टिकोण और नए विचार लाएंगे, और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि व्यवसायों और समुदाय के हितों का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व हो। MPCCI में उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव आने वाले 18 जनवरी को होगा, और सागर अग्रवाल ने अपने प्रचार अभियान की जोरदार शुरुआत कर दी है। वह व्यापारिक समुदाय के सदस्यों के साथ मिलते हैं, और उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
सागर अग्रवाल MPCCI में उपाध्यक्ष पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार हैं, जिनके पास समृद्ध अनुभव और स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास और विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता है। उनके पास व्यवसाय समुदाय का समर्थन है और नए विचारों और नए दृष्टिकोणों को चैंबर में लाने के लिए अच्छी तरह से तैनात हैं।

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Mercedes-Benz Vision EQXX 1000 किमी एक बार चार्जा करने चलेगी इलेक्ट्रिक कार

नई दिल्ली. लग्जरी कार मेकर कम्पनी मर्सिडीज बेंज ने कुछ माह पहले भारतीय बाजार में अपनी इलेक्ट्रिक कार मर्सिडीज लांच की थी। अभी तक यह देश के सबसे अधिक रेंज देने वाली इलेक्ट्रिक कार थी जो फुल चार्ज में 857 किमी चलती थी। अब कम्पनी ने भारतीय बाजार में एक और दमदार इलेक्ट्रिक कार मर्सिडीज बेंज पेश की है। यह एक बार चार्ज होने पर 1000 किमी चल सकती है। विजन ईक्यूएक्सएक्स ईवी कॉन्सेप्ट को इस वर्ष की शुरूआत में दुनिया भर में पेश किया गया था।

एक बार चार्ज में महीने भर चलेगी
कम्पनी ने इस कार की परफॉर्मेन्स से अधिक एफिशिएंसी पर ध्यान दिया है। इसमें सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर है जो 244एचपी (180केडब्ल्यू) जेनरेट करती है। इसमें 180केडब्ल्यएच की बैटरी है। 900 बोल्ट तक की चॉर्जिंग स्पीड को सपोर्ट करती है। रेंज को बढ़ाने के लिये इसमें रूफ पर सोलर पैनल भी रखा है। जिसके जरिये बैटरी की रेंज एक दिन में 25 किमी तक बढ़ जाती है। हालांकि यह सौर पैनल रियर विण्डो को भी ढंक देते हैं। जिससे गाड़ी चलाने में परेशानी हो सकती है। कुल मिलाकर अगर आप हर 20 किमी ऑफिस जाते हैं और महीने में 25 दिन ऑफिस जाना है तो इसकी बैटरी पूरा एक माह चल सकती है।

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बाड़े पर नही लगेंगें फुटपाथी, लगे तो होगी कार्यवाही

ग्वालियर।। महाराज बाड़े पर लगने वाले फुटकर बिक्रेताओं एवं ठेले वालो के लिए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिवंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। माननीय न्यायालय के आदेश पालन में निगमायुक्त किशोर कन्याल के निर्देश पर मदाखलत उपायुक्त सत्यपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में महाराज बाड़े पर खड़े होने वाले ठेलों एवं फुटपथियो को हटाते हुए समान जप्ती की कार्यवाही की गई। और सभी को चेतावनी दी गई कि कल से प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। असुविधा से बचने के लिए बाड़े क्षेत्र में ठेला या फुटपाथ दुकान न लगाए।

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Hydrogen Car- हाइड्रोजन से 400 किमी दौड़ेगी कार

नई दिल्ली. भारत में जल्द ही आपको हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली गाडि़यां सड़कों पर दौड़ती दिखाई देगी। भारत सरकार लगातार इलेक्ट्रिक और बायो-फ्यूल से चलने वाले वाहनों पर जोर दे रही है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत में आम लोगों को कब से हाइड्रोजन कार मिलने लगेगी। वह मंगलवार को निजी चैनल के समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस बीच उन्होंने प्रदूषण का 2 तरफा इलाज भी बताया। नितिन गडकरी ने कहा है कि पराली से ईंधन बनाया जा रहा है जो हाईड्रोजन कार में उपयोग हो सकेगा। नितिन गडकरी भारत की पहली हाइड्रोजन कार में यात्रा करके समारोह में शामिल होने के लिये पहुंचे थे।

क्या है हाइड्रोजन कार, यह इलेक्ट्रिक कार से कितनी महंगी और प्रति किमी कितना आएगा खर्च, जानें सब कुछ
दरअसल, हाइड्रोजन कार की मैन्यूफैक्चरिंग अब भारत में होगी। इसका प्रोसेस शुरू हो चुका है। अभी हाइड्रोजन 3 प्रकार से तैयार हो रहा है। ब्लैक हाइड्रोजन जो कोयले बनता है। ब्राउन हाइड्रोन जो पेट्रोलियम से तैयार किया जाता है। इसका तीसरा तरीका इस तरह से है ग्रीन हाइड्रोजन मुनिसिपल वेस्ट, सीवेज वॉटर या पानी से बनाया जाता है।
गड़करी ने बताया हम नगरपालिका के कचरे से ग्रीन फ्यूल बनाना चाहते हैं। हम अब ईधन आयात नहीं, बल्कि निर्यात करना चाहते हैं। हम खेती के वेस्ट से भी एनर्जी बना सकते हैं। इसके लिये हमें इलेक्ट्रोलाइजर चाहिये जो भारत दुनिया में सबसे अधिक बनाता है। वह 1.25 से 1.5 करोड़ का बनता है। इसका काम है ऑक्सीजन अलग कर हाइड्रोजन बनाना है। इसके लिये हमें जेनरेटर चाहिये जो अब इथेनॉल फ्यूल बेस्ड बना दिया गया है। किलोस्कर ने इसे कम लागत में बना दिया है।

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पानी से फ्यूल बनाकर कार 400 किमी दौड़ेगी
नितिन गडकरी ने कहा है कि एक समय तो उनकी पत्नी भी उनकी बात पर भरोसा हीं नहीं करती थी कि पानी से फ्यूल बनाकर कार चलेगी। इसलिये उन्होंने सोचा था कि वह अब इसी में यात्रा करें। सड़क परिवहन मंत्री गडकरी के अनुसार भारत में डेढ़ से 2 वर्ष में लोग हाइड्रोजन कार चला सकेंगे। उनकी कोशिश है कि 80 रूपये किलो हाइड्रोजन मिल सकेगी। 1 किलो हाइड्रोजन में कार 400 किमी दौड़ेंगी।

Explainer: हाइड्रोजन कार को क्यों कहा जा रहा फ्यूचर कार; जानिए कीमत, चलाने का खर्च और भारत की तैयारियां - Explainer Why Hydrogen FCEV Car Is Being Called Future Car Know Price

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नदी में मिला हीरे खजाना, 20 हजार लोग हीरा तलाश रहे लोगों ने लगाया तंबू 

May be an image of one or more people, people walking, people standing, tree, outdoors and crowdपन्ना. आरामगंज में इन दिनों आराम हराम है। वजह है कि रूझ नदी में बांध निर्माण कार्य कंे लिये चल रही खुदाई और इस मिट्टी में मिल रहे हीरे। नदी में खुदाई और इस साल हुई अधिक वर्षा की वजह से रूंझ नदी में इस साल वर्षा में कई लोगों को हीरे मिले। इसके बाद हर दिन मिल रहे हीरों की खबर सुनकर दूर-दूर से लोग यहां हीरा खोजन आने लगे। पिछले कुछ दिनों से यहां नजारा है कि रूंझ नदी के साथ ही उसकी सहायक नदी बागे में 20 से 25 हजार लोग हीरा खोजने में जुटे हैं। इनमें पन्ना सहित आसपास के जिले सतना, छतरपुर, दमोह और कटनी सहित उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के लोग भी शामिल हैं। बांदा से हीरा तलाशने आयी मुन्नीबाई अपने परिवार के साथ तंबू गाड़कर पिछले एक सप्ताह से नदी किनारे ही रह रही है।

कूनो नेशनल पार्क में खजाना

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में खजाना मिलने की खबर सामने आई है. दरअसल कूनो नेशनल पार्क में पालपुर राजघराने के किले की खुदाई में चांदी के सिक्के मिले हैं. अफसरों ने 24 घंटे बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद पालपुर राजघराने के वंशजों ने अफसरों पर खजाना छिपाने के आरोप लगा दिए हैं. जिसके बाद पुलिस पालपुर राजघराने के किले में मिले कथित खजाने की जांच में जुट गई है.
क्या है पूरा मामला

स्थानीय कारोबारी के मुताबिक हीरा खोजने की आपाधापी में लोग न केवल आपस में झगड़ रहे हैं, बल्कि जंगलों में भी उत्पात मचा रहे हैं। पिछले दिनों लोगों को हटाने के लिए वन विभाग की टीम पहुंची, तो भीड़ ने वन अमले पर ही हमला कर दिया था। इसके बाद टीम लौट आई थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोगों को हीरे मिल रहे हैं, लेकिन सभी या तो ब्लैक मार्केट में बेचे जा रहे हैं, या लोग उन्हें अपने साथ ले जा रहे हैं। जिस इलाके में हीरे मिल रहे हैं, वह जंगल की सीमा में आता है, इसलिए यहां हीरा खनन की वैधानिक अनुमति है ही नहीं। हाल ही मेें यहां एक खदान की मिट्टी धंसने से हीरा खोज रही एक महिला दबकर घायल हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने लोगों को हटाने का प्रयास शुरू किया, लेकिन भीड़ के आगे बेबस साबित हुआ। गौरतलब है कि जिस इलाके में यह हो रहा है, वह प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का विधानसभा क्षेत्र है। बावजूद इसके अवैध हीरा खनन पर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। जिला हीरा एवं खनिज अधिकारी रवि पटेल ने कहा कि कलेक्टर ने संयुक्त टीम गठित की है, जाे दीपावली बाद जांच शुरू करेगी।

भीड़ हटाये -कलेक्टर
हीरा तलाशने आ रही भीड़ की एक कारण एक अफवाह भी है। जो सोशल मीडिया पर भी फैल रही है कि कलेक्टर ने एक महीने के लिये हीरा तलाशने की छूट आम लोगों को दी है। कलेक्टर संजय मिश्रा ने संवाददाताओं से बात कर इस गलतफहमी को दूर भी किया और बताया कि राजस्व और वन विभाग की टीम को नदी से लोगों को भीड़ हटाने के सख्त निर्देश दिये गये है। इसके बावजूद जंगल में नदी के बीच हीरा खोजने आने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।

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न्यूरो सर्जरी से स्पाइनल कॉर्ड का इलाज संभव -डॉ. विक्रम सिंह भदौरिया

ग्वालियर. डॉ. विक्रमसिंह भदोरिया गजराराजा मेडीकल कॉलेज से पासआउट होने के बाद दिल्ली के मैक्स और अपोलो में सेवाये ंदेने के बाद अपने अनुभव का लाभ अब ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल को मिल रहा है। डॉ. विक्रम भदोरिया ने बताया है कि ग्वालियर मरीज दिल्ली के न्यूरोसर्जन को ढूंढने में अस्पतालों के चक्कर लगा कर थक जाता है तब उसे कहीं जाकर वह सही डॉक्टर तक पहुंचता है। इसलिये मैंने ग्वालियर आकर अपोलो ज्वाइन किया है। अपोलो में अपडेट आईसीयू, एमआरआई, सीटी एक छत के नीचे उपलब्ध है और दिल्ली से कम पैसे इलाज लेकर मरीज को डिस्चार्ज कर रहे हैं। अगर मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिलने से पैरालाइज हो जाता है। मैं तो परकिंशन का भी उपचार कर रहा है और यह इलाज यहां पर आधी कीमत पर संभव है। मैं आपको यह बताना चाहता हूं भले ही मुझे पैसे कम मिले लेकिन मैं अपनी क्वालिटी से कम्प्रोमाइज नहीं करता हूं।
वर्ल्ड कटिंग टेक्नोलॉजी उपलब्ध
यह सुविधा मुंबई, दिल्ली के बाद ग्वालियर के अपोलो में उपलब्ध है। ट्यूमर की सर्जरी 8 से 10 घंटे और स्पाइन की सर्जरी 6 घंटे तक चलती है।
स्पाइनलकॉड इंजुरी
सिर से लेकर लेट्रिन रास्ते के सिग्नल स्पाइन के माध्यम से पहुंचते हैं और हाथ पैर स्पाइनल के थ्रो ही काम करते हैं। ब्रेन से सिग्नल ट्रांसफर होते हुए नसों तक पहुंचते है तभी हमारे हाथ पैर काम करते हैं और वजन को स्मूथली ट्रांसफर करती है।
केस-1
29 वर्षीय एक मरीज रोड साइड एक्सीडेंट की वजह से गंभीर हालत में घायल हो गया था जिसकी वजह से उसे सवाईइकल कॉर्ड इंजुरी हुई सर्वाइकल कॉर्ड की इंजुरी की वजह से स्पाइनल कॉर्ड से होकर गुजरने वाली नसों में डैमेज हुआ था जिससे मरीज की गर्दन के नीचे का पूरा हिस्सा और दोनो हाथ पैरालाइज हो गये थे मरीज को साथ में गर्दन में सी-4 व 5 में फैक्चर भी था जिसकी वजह मरीज की हालत काफी गंभीर थी इसका ऑपरेशन किया गया जिसके बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
केस-2
47 वर्षीय मरीज जिसे सर्वाइकल डोर्सल ट्यूमर जो कि गर्दन और छाती के हिस्से में के बीच में होता है जिसकी वजह से सी-7 एवं डी 1,2,3 वर्टेब्रा में स्टेनोसिस मतलब वर्टेब्रा के बीच में जो स्पेस होना चाहिये वह कम होने की वजह से स्पाइनल कॉर्ड को गुजरने के लिये पर्याप्त स्पेस नहीं मिल पाने के कारण मरीज को दोनों पैरो में सुन्नपन और कमजोरी की शिकायत थी। जिसकी ऑपरेशन करने के बाद मरीज स्वस्थ्य है।
केस-3
54 वर्षीय मरीज रोड साइड एक्सीडेंट का शिकार हुआ यह काफी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया मरीज की प्रारंभिक जांच के उपरांत पता चला कि मरीज को डी4,5,6,7,8,9,10, एवं राइट साइड की 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 पसलियों और लेफ्ट साइड कमी 5, 6, 7पसलियों में फ्रैक्चर था और साथ में मरीज को पैराप्लेजिया जो कि मरीज को एक्सीडेंट की वजह से स्पाइनल कॉर्ड मैं इंजुरी की वजह से हुआ था इसमें हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ में न्यूरो सर्जन की एक अहम भूमिका थी क्योंकि गंभीर चोट लगने की वजह से वर्टेब्रा में फ्रैक्चर होने की वजह से कहीं न कहीं वर्टेब्रा का प्रेशर स्पाइनल कॉर्ड पर पड़ा और स्पाइनल कॉर्ड के उस हिस्से में इंजुरी हुई जिसकी वजह से मरीज को पैरालाइसिस की शिकायत हुई इस तरह के केस में फ्रैक्चर को ठीक करने के साथ -साथ स्पाइनल कॉर्ड की इंजुरी को भी रिपेयर करना होता तभी मरीज को पूरी तरह से आराम मिलता हे।

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बिना लायसेंस व बिल के मेडिसिन लाकर सप्लाई करने को पकड़ा

ग्वालियर। मेवाती मौहल्ला निवासी एक मेडिसिन सप्लायर बिना लायसेंस व बिल के आगरा से दवाईयां लाकर शहर के मेडिकल स्टोर्स पर सप्लाय कर रहा है। ड्रग विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर काईम ब्रांच व ड्रग विभाग की संयुक्त टीम बनाकर कार्यवाही करने हेतु निर्देषित किया गया।
सीएसपी मुरार/डीएसपी अपराध ऋषिकेष मीणा ने टीआई क्राइम ब्रांच दामोदर गुप्ता व ड्रग विभाग की संयुक्त टीम को मुखबिर के बताये स्थान पर कार्यवाही करने हेतु भेजा गया। टीम द्वारा मुखबिर के बताये स्थान मेवाती मौहल्ला बहोड़ापुर पर पहुंचकर देखा तो वहां आरोपी के मकान के ग्राउंड फ्लोर में काफी मात्रा में Merosure-O, FourtsB, Apexfer, Oratil, Hartic-3, Bevon  नामक मेडिसिन भरी हुई थी, जिनकी अनुमानित कीमत 90 हजार रूपये आंकी गई। ड्रग विभाग की टीम द्वारा उक्त आरोपी से मेडिसिन के लायसेंस व बिल मांगने पर आरोपी द्वारा उक्त मेडिसिन बिना लायसंेस व बिल के आगरा मार्केट से लेकर आना बताया गया। उक्त मेडिसिन के चोरी का होने की भी संभावना है। ड्रग विभाग की टीम द्वारा सभी मेडिसिन को जप्त किया है।