ग्वालियर-चम्बल में बनेगा विकास का नया हब : मुख्यमंत्री
77 करोड़ की लागत से ग्वालियर में निर्मित अन्तरराज्यीय बस टर्मिनल सहित 265.56 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण
ग्वालियर -सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के समग्र विकास के लिए हमारी सरकार दृढ़संकल्पित है। सरकार हर व्यक्ति के जीवन में उजाला लाने के लिए कटिबद्ध हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र शीघ्र ही राज्य का सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा। यह बात शनिवार को उपनगर ग्वालियर में 265.56 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का रिमोट का बटन दबाकर लोकार्पण एवं भूमिपूजन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को मंच से हितलाभ भी वितरित किए। इस मौके पर समारोह की अध्यक्षता केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रुप में ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह तथा सांसद भारत सिंह कुशवाह मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्षेत्रीय किसानों से अपील की कि वे अपनी जमीन बेचने की कतई न सोंचे, क्योंकि इस क्षेत्र में शीघ्र ही रोजगार के नए अवसर और विकास की नई धाराएं बहने वाली हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नदियों को जोड़ने का अभियान चल रहा है। केंद्र सरकार की मदद से यहां पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय नदी लिंक परियोजना पर करीब 70 हजार करोड़ रुपये की लागत से काम किया जा रहा है। साथ ही केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी लिंक परियोजना से भी ग्वालियर-चंबल के किसानों को व्यापक स्तर पर लाभ मिलने वाला है।
इस क्षेत्र के बीहड़ों को अब बेहतर तरीके से विकसित किया जा रहा है। यहां के बीहड़ों में जल्द ही केंद्र सरकार के सहयोग से 2000 मेगावाट क्षमता का एक बड़ा सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना होगी। इस परियोजना से दोनों ही प्रदेशों को ऊर्जा आपूर्ति होगी। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश 6-6 माह बराबरी से इस परियोजना से उत्पादित बिजली का उपभोग करेंगे।
आगरा से ग्वालियर के बीच बन रहे नये सिक्स-लेन नेशनल हाई-वे के चलते बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने इस क्षेत्र में बड़ा निवेश करने में अपनी रुचि दिखाई है। इससे यहां तेजी से औद्योगिक विकास होगा और इस क्षेत्र का कायाकल्प भी सुनिश्चित होगा।
ग्वालियर के गौरवशाली अतीत का स्मरण करते हुए कहा कि यह भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मभूमि और राजमाता विजयाराजे सिंधिया की कर्मभूमि रही है। प्रदेश की धरती से भारत के विकास का दीपक अटलजी के रूप में प्रज्ज्वलित हुआ था। भारत मानवता के लिए जीता है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने तीन-तीन देशों से लड़ाई लड़ी। सर्जिकल स्टाइक में पाकिस्तान को माकूल जवाब देने के लिए हमारे सुखोई विमान ग्वालियर से ही उड़े। राज्य के स्वर्णिम भविष्य के निर्माण के लिए सरकार ने शुक्रवार को ही 94 हजार से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए राशि दी है। उन्होंने ग्वालियर की जनता को बधाई देते हुए कहा कि वाकई यहां अतिभव्य आईएसबीटी लोकार्पित हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व पटल पर भारत के गौरव को प्रतिस्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिन-रात एक कर प्रदेश की जनता के लिए औद्योगिक क्रांति की शुरुआत की है। हमारी मांग थी कि ग्वालियर-चंबल संभाग में डॉ. अंबेडकर धाम की स्थापना हो, जो बाबा साहेब की विचारधारा का मंथन केंद्र बने। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले के डबरा के जौरासी गांव में 8 करोड़ रुपए की लागत से डॉ. अंबेडकर धाम बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज इसी अंबेडकर धाम के विकास के दूसरे चरण में 50 हजार वर्गफीट भूमि में एक भव्य इमारत चौरासी गांव में ही बनाने की मंजूरी दी है।