ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर 5 दिन के रिमांड भेजी गयी, हाईकमीशन में डिनर और भारत के खिलाफ रच रही साजिश
नई दिल्ली. पाकिस्तान के लिये जासूसी करने के आरोप में हरियाणा की एक यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के उच्चायोग के एक कर्मचारी से मुलाकात के मामले में शनिवार को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया गया है। जहां से उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
पाकिस्तान के उच्चायोग में तैनात पाकिस्तान कर्मचारी एहसान उररहीम उर्फ दानिश ने ज्योति मल्होत्रा को डिनरी पर बुलाया था। इस बीच दोनों के बीच हुई बातचीत औरे यूट्यूबर ने उसके साथ एक वीडिया भी रिकॉर्ड किया था और बाद में दानिश और उसके साथी अली एहसान ने ज्योति को पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी पीआईओएस से मिलवाया।
ज्योति ने जट्ट रंधावा नाम से सेव किये गये एक पीआईओ शाकिर उर्फ राणा शाहबाज से व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचेट जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर बातचीत की । ज्योति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 152 और ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारायें 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनकी लिखित स्वीकारोक्ति ली गयी है और मामला हिसार की इकोनॉमिक ऑफेसेज विंग को सौंपा गया है।
ज्योति हिसार की रहने वाली, बीए तक पढ़ाई की
ज्योति की उम्र 33 साल है। उसका घर हिसार के न्यू अग्रसेन कॉलोनी में है। BA की पढ़ाई की है। अविवाहित है और ज्यादातर दिल्ली में रहती है। 6 मई को वह हिसार से दिल्ली गई थी।ज्योति के पिता हरीश कुमार मल्होत्रा बिजली निगम से रिटायर्ड हैं। ज्योति का पासपोर्ट 22 अक्टूबर 2018 को बना था। यह 21 अक्टूबर 2028 तक वैध है। ज्योति और उनके पिता के खिलाफ पुलिस में कोई पुराना मामला दर्ज नहीं है।
ज्योति सोशल मीडिया पर एक्टिव है। फेसबुक और यूट्यूब पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। पिछले 2-3 सालों से वह ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाती है, जिसमें देश-विदेश की यात्राओं के वीडियो बनाती है।पहले वह गुरुग्राम की एक निजी कंपनी में काम करती थी, लेकिन कोविड के दौरान उसे नौकरी से हटा दिया गया। इसके बाद वह ब्लॉगर बन गई।
ऐसे पाकिस्तानी एजेंट्स के संपर्क में आई ज्योति
साल 2023 से जासूसी का शक: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में ज्योति ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। यह यात्रा उसने उच्चायोग के जरिए वीजा लेकर की थी। इस दौरान ज्योति की मुलाकात पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई, जिसके साथ उसके गहरे संबंध बन गए। दानिश के माध्यम से ज्योति की पहचान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अन्य एजेंटों से कराई गई, जिनमें अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज (जिसका नाम उसने अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ नाम से सेव किया था) शामिल थे।