“हरि पर्वत” अर्बन वन परियोजना – सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति\एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने पौधे रोपकर किया परियोजना का शुभारंभ
अलापुर पहाड़ी पर विकसित हो रहा है “हरि पर्वत”
ग्वालियर – अलापुर पहाड़ी पर सिटी फोरेस्ट विकसित कर हरीतिमा की चादर ओढ़ाई जा रही है। इसे “हरि पर्वत” नाम दिया गया है। “हरि पर्वत” के एक हिस्से में विकसित किए जा रहे मनोरम “हरि आनंद वन” में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने पौधे रोपकर ग्वालियर की इस सिटी फोरेस्ट परियोजना का शुभारंभ किया। न्यायमूर्ति ने यलो फायकल प्रजाति एवं प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश ने कचनार का पौधा रोपा।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रशासनिक न्यायाधिपति संजीव सचदेवा, उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायमूर्ति एस ए धर्माधिकारी, उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक व उच्च न्यायालय ग्वालियर के रजिस्ट्रार धरमिंदर सिंह ने “हरि पर्वत” के “हरि आनंद वन” में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे। इस अवसर पर “हरि पर्वत” के पोस्टर का विमोचन भी माननीय न्यायमूर्तिगणों द्वारा किया गया। “हरि पर्वत” सिटी फोरेस्ट परियोजना के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, नगर निगम आयुक्त, वन मण्डाधिकारी अंकित पाण्डेय, अपर कलेक्टर टी एन सिंह, “हरि पर्वत” विकास में सहयोग कर रही संस्था राम आस्था मिशन के प्रतिनिधिगण व अन्य संबंधित अधिकारी एवं एनसीसी कैडेट मौजूद थे।
शहरवासी वृक्षारोपण के इस पुनीत मिशन में सहभागी बनें
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जितेन्द्र माहेश्वरी ने इस अवसर पर शहरवासियों से आह्वान किया कि वे श्रमदान कर इस अच्छे मिशन से जुड़ें। इसी प्रकार के रचनात्मक कार्यों से वास्तविक विकास होता है। उन्होंने कहा विकास के लिये केवल सरकार पर निर्भर न रहें, सरकार आपको विकास के अवसर मुहैया कराती है, लेकिन उन्हें हासिल करने के प्रयास स्वयं करने होते हैं। न्यायमूर्ति श्री माहेश्वरी ने कहा कि पथरीला इलाका होने से ग्वालियर का तापमान ज्यादा रहता है। तापमान को कम करने के लिये वनीकरण से अच्छा कोई उपाय नहीं है। खुशी की बात है कि इस दिशा में “हरि पर्वत” के रूप में अर्बन वन विकसित करने का काम हाथ में लिया गया है। उन्होंने आह्वान किया कि ग्वालियर के चिकित्सक, अधिकारी, अधिवक्तागण एवं मीडिया प्रतिनिधिगण सहित अन्य सेवाभावी नागरिक “हरि पर्वत” पर कम से कम 5 – 5 पौधे रोपने एवं उनकी रक्षा करने का संकल्प लें। न्यायमूर्ति ने कहा यह भी खुशी की बात है कि “हरि पर्वत” पर अर्बन फोरेस्ट के विकास में सहयोग कर रही संस्था “राम आस्था मिशन” ने काम पूरा होने के बाद ही ग्वालियर छोड़ने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने इस रचनात्मक कार्य में सहयोग कर रहे सभी लोगों को अपनी ओर से साधुवाद भी दिया।
हरि पर्वत पर पौधे रोपकर मनाएं वैवाहिक वर्षगांठ व जन्मदिन – मुख्य न्यायाधीश
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने इस अवसर पर आह्वान किया कि वैवाहिक वर्षगांठ, जन्मदिन, तीज-त्यौहार एवं अपने पूर्वजों की स्मृति में शहरवासी “हरि पर्वत” पर पौधे रोपें। इससे शहर में हरीतिमा बढ़ेगी और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।
साझा प्रयास कर हरि पर्वत को पुष्पित व पल्लवित करें
उच्च न्यायालय ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक ने कहा कि “हरि पर्वत” पर आज एक पौधरोपण भर नहीं है, अपितु रचनात्मक विचार का अंकुरण है। उन्होंने भरोसा जताया कि सभी के साझा प्रयासों से यह विचार निश्चित ही पल्लवित व पुष्पित होगा। न्यायमूर्ति श्री पाठक ने अन्य पहाड़ियों पर भी इसी तरह अर्बन वन विकसित कर हरा भरा करने का आह्वान भी किया।
न्यायमूर्ति की पहल से प्रेरित होकर विकसित हो रहा है “हरि पर्वत” उपवन
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक की पहल पर सिरोल पहाड़ी पर हुए वृहद एवं सफल वृक्षारोपण से प्रेरित होकर जिला प्रशासन द्वारा साझा प्रयासों से अलापुर पहाड़ी पर “हरि पर्वत” के नाम से सिटी फोरेस्ट विकसित करने की यह परियोजना शुरू की गई है। ज्ञात हो उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति द्वारा समय-समय दिए गए विभिन्न न्यायिक आदेशों के माध्यम से सिरोल पहाड़ी पर वृहद स्तर पर सफल वृक्षारोपण हुआ है। इससे सिरोल पहाड़ी ने हरीतिमा की चादर ओढ़ ली है। न्यायमूर्ति श्री पाठक की यह पहल पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनुकरणीय उदाहरण बनी हैं।
शहर के कचरे, पराली, भूसा, गौमूत्र व गोबर से वनीकरण के लिये तैयार हुआ है “हरि पर्वत”
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि न्यायमूर्ति आनंद पाठक की पहल से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार की सिटी फॉरेस्ट योजना के तहत गत 7 नवम्बर को अलापुर पहाड़ी को अर्बन वन के लिये तैयार करने का काम शुरू किया गया था। गत 27 नवम्बर को यह पहाड़ी अर्बन वन के लिये तैयार कर ली गई। आज “हरि पर्वत” के रूप में इसका शुभारंभ हुआ है। उन्होंने बताया कि अलापुर पहाड़ी को वनीकरण के लिये तैयार करने में शहर का हरा व गीला कचरा, जलकुंभी, राख, पराली, भूसा, गौमूत्र व गोबर इत्यादि का इस्तेमाल किया गया है। हरि पर्वत को देश भर में वनीकरण के लिये विख्यात “राम आस्था मिशन” के सहयोग से अर्बन वन के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह संस्था देश में अब तक 917 सफल वृक्षारोपण प्रोजेक्ट पूरे कर चुकी है।
लगभग 6 हजार पौधे रोपकर हरि पर्वत को ओढ़ाई जायेगी हरीतिमा की चादर
हरि पर्वत पर दो चरणों में कुल मिलाकर 6 हजार पौधे रोपे जायेंगे। प्रथम चरण में 5 एकड़ में लगभग 2 हजार और द्वितीय चरण में लगभग 10 एकड़ इलाके में 6 हजार पौधे रोपने का कार्यक्रम बनाया गया है। यह परियोजना 18 माह में पूर्ण होगी। सुबह की सैर पर आने वाले लोगों के लिये हरि पर्वत पर पाथवे बनाए जा रहे हैं। साथ ही आगे चलकर योगा स्थल भी यहां पर स्थापित किया जायेगा। लगाए गए सभी पौधे पेड़ बन सकें, इसकी जिम्मेदारी राम आस्था मिशन ने ली है। पौधों की सिंचाई के लिये पाइपलाइन डाली जा रही हैं। साथ ही स्प्रिंकलर पद्धति से भी सिंचाई कराई जायेगी। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि हरि पर्वत पर समय-समय पर विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट व्यक्तियों एवं गणमान्य नागरिकों के माध्यम से सामूहिक वृक्षारोपण कार्यक्रम कराए जायेंगे।