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अतेन्द्र रावत आशा कार्यकर्त्ताओं से वसूली और अभद्रता करता है, पुनः पदस्थ न किया जाये-आशा कार्यकर्त्ता

ग्वालियर. डबरा के सिविल अस्पताल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाली मानसेवी आशा कार्यकर्त्ताओं को प्रताणित करने की शिकायत की जांच होने के बाद सही पाये जाने पर नेत्र सहायक कर्मचारी अतेन्द्र रावत को बीसीएम के पद से हटा दिया गया था। इस पर आशा कार्यकर्त्ताओं से जबरन वसूली और प्रताड़ना के आरोप लगे थे विभागीय जांच के बाद फरवरी 2024 में हटा दिया गया था। जिसके बाद धर्म शुक्ला यह दायित्व को देख रहे थे। अभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 31 जुलाई को पुनः बीएमओ की अनुशंसा पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा विवादित कर्मचारी नेत्र सहायक अतेन्द्र रावत को विभागीय जांच के पूरी होने से पहले फिर से बीसीएम पद का पदभार ग्रहण करने के आदेश जारी कर दिये गये। इसी शिकायत को कलेक्टर की जनसुनवाई में आशा कार्यकर्त्ताओं अपने आत्म सम्मान के लिये शिकायत की है। इस पर सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार ने सीएचएमओ कॉल किया है। लेकिन वह जन-सुनवाई में नहीं थे।
डबरा के सिविल अस्पताल से आशा कार्यकर्त्ताओं के प्रतिनिधि मंडल में मानसेवी आशा कार्यकर्त्ता अंजना राणा, रमा परिहार, मानसी गुर्जर, कंचन जाटव, सावित्री शर्मा, किरण लता, मिथलेश शर्मा, नीलम परिहार, विमलेश पांडे, रानी जाटव, चन्दा शाक्य, शशि, मंजू, आशा कुशवाह, रजनी, रामसखी, राजेश्वरी, रागिनी जाटव, मीना जाटव, नर्मदा जाटव और प्रीती जाटव आदि ने सीईओ विवेक कुमार के समक्ष अपने आत्म सम्मान की मांग रखते हुए अतेन्द्र रावत को बीसीएम के पद पर पदस्थ न किया जाये।

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