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किराये की कोख-विधवा और तलाकशुदा महिलायें भी मां बन सकेगी, कैबिनेट ने मसौदे को दीं मंजूरी

नई दिल्ली. केन्द्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सेरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 के मसौदे को मंजूरी दे दी । प्रस्तावित बिल के अनुसार, कोई भी महिला अपनी इच्छा से सरोगेट मां बन सकेगी। निःसंतान जोड़ों के अलावा विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी इसका लाभ मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा-नये बिलके मसौदे में राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी की सभी सिफारिशों को शामिल किया गया है। कमेटी ने सरोगेसी बिल के पुराने ड्राफ्ट का अध्ययन करके किराये की कोख के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। इसके साथ ही नये बिल में इसे नैतिक रूप देने की बात कहीं गयी थी।
कैबिनेट बैठक के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि प्रस्तावित बिलमें प्रावधान किया गया है कि सिर्फ भारतीय जोड़े ही देश में सरोगेसी के माध्यम से संतान प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिये किसी भी जोड़े में शामिल दोनों सदस्यों का भारतीय होना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के संतान को जम्न देने के अधिकार के बारे में पीएम नरेन्द्र मोदी खुला नजरिया रखते हैं। उन्होंने गर्भपात और तकनीकी मदद से गर्भ धारण करने को कानूनी जामा पहनाने के लिये लाये जाने वाले सरोगेसी बिल की जमकर पैरवी की हैं।
पुराने बिल में संशोधन किया गया
सरोगेसी के नए प्रस्तावित बिल में पुराने विधेयक को संशोधित किया गया हैए जिसे लोकसभा ने 2019 में मंजूरी दी थी। इसमें केवल नजदीकी रिश्तेदार महिला को ही सरोगेट मदर बनने की इजाजत दी गई थी। इस प्रावधान की काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद सरकार ने विधेयक को राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की सहमति दी थी। कमेटी का अध्यक्ष भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव को बनाया गया था। इस कमेटी को विस्तार से चर्चा करके नए बिल के बारे में अनुशंसा करने को कहा गया था। संशोधित बिल को अगले महीने शुरू होने वाले बजट सत्र के दूसरे भाग में पेश किए जाने की संभावना है।

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