मप्र में (एकल नागरिक डाटाबेस) बनाया जाएगा, नागरिकों को बार-बार जानकारी नहीं देनी होगी
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में शीघ्र ही (एकल नागरिक डाटाबेस) तैयार किये जाने का कार्य किया जाएगा। अभी विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए नागरिकों से बार-बार जानकारी मांगनी पड़ती है। एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से नागरिकों को बार-बार जानकारी नहीं देनी होगी। शासन के पास उपलब्ध जानकारी का विभन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
प्रदेश में वर्तमान में लगभग 600 से 700 हितग्राही मूलक योजनाएं संचालिक होती है। इन योजनाओं का लाभ देने के लिए हितग्राहियों का अलग-अलग पंजीयन किया जाता है इससे एक ओर शासकीय मशीनरी को बहुत समय खर्च करना पड़ता है वहीं नागरिकों को भी बार-बार जानकारी उपलब्ध करानी होती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से शासकीय मशीनरी का समय बचेगा वहीं नागरिकों के लिए नई व्यवस्था अधिक सुविधाजनक होगी।
अब बार-बार दस्तावेज नहीं मांगने पड़ेंगे
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश राज्यों में नागरिक डाटाबेस बनाया गया है। राजस्थान में यह योजना (भामाशाह) के नाम से व आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में (प्रजा साधिकार) नाम से संचालित है और उन्होंने बताया कि एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से हितग्राहियों से बार-बार उनके दस्तावेज नहीं मांगने होंगे। जैसे एक बार किसी नागरिक का जाति प्रमाण पत्र जारी करने के बाद उसका रिकॉर्ड एकल डाटाबेस में रहेगा अतः किसी दूसरी योजना का लाभ लेने के लिए उससे दोबारा जाति प्रमाण पत्र मांगने की आवश्यकता नहीं होगी।

