कमलनाथ के दुस्साहस की पराकाष्ठा है वचन-पत्र-राकेश सिंह
ग्वालियर मप्र. में कांग्रेस द्वारा उपचुनावों के सिलसिले में जो वचनपत्र जारी किया गया हैं, यह थके-हारे कमलनाथ के दुस्साहस की पराकाष्ठा है, क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने वचनपत्र जारी किया था उनमें एक भी वादा पूरा नहीं किया। देश में कांग्रेस ही एक मात्र पार्टी है जो जनता से किए गए वादे भी भूल जाती है। कमलनाथ को यह समझना चाहिए कि आयु की अधिकता के कारण उन्हें स्मृतिदोष हो सकता है, मप्र की जनता को नहीं। प्रदेश की जनता यह अच्छी तरह जानती है कि कमलनाथ एक ऐसे मुख्यमंत्री हुए, जिन्होंने प्रदेश की जनता को लिखित में धोखा दिया है। ग्वालियर-चंबल की जनता भी अब कांग्रेस और कमलनाथ के झांसे में नहीं आने वाली है। कमलनाथ ने अपने 15 माह के शासनकाल में गरीबों, वंचितांे एवं किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठाया, जबकि शिवराज सिंह चौहान ने मात्र 6 माह में ही अरबों रूपये की विभिन्न योजनाओं के तहत गरीबों, किसानों और अन्य वर्ग के हितग्राहियों के खाते में करोडों रूपये पहुंचाए। यह बात आज एक पत्रकारवार्ता में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं लोकसभा में मुख्य सचेतक राकेश सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को भ्रम रहता है कि देश में जनता के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है, यह आज भी इस मानसिकता से उभर नहीं पाये हैं। कमलनाथ सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनावों में जो सैकडों वादे जनता से किए थे, एक भी वादा पूरा नहीं किया और 52 नए वादे फिर जनता से कर दिए, यह कांग्रेस और कमलनाथ का दुस्साहस है।
कमलनाथ ने संविधान विरोधी काम किया
राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता इस बात को कभी भूल नहीं सकती कि भारत के किसी राज्य के एक मात्र मुख्यमंत्री कमलनाथ हुए थे जिन्होंने सीएए की आड़ में संविधान के विरोध में भोपाल की सड़कों पर खुलेआम रैली निकाली थी, क्योंकि जब कमलनाथ रैली निकाल रहे थे उससे पहले नागरिक संशोधन विधयेक पारित हो चुका था, जबकि कमलनाथ अच्छी तरह से जानते थे वे उसी संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने थे, जिसकी वे अवमानना कर रहे हैं।