पुतिन की कार के चारों टायर फटने के बाद भी 80किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है ऑरस सीनेट
नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा में शामिल उनकी लिमोजिन कार ‘‘ऑरस सीनेट’’ एक फिर से चर्चाओं में है। 7 टन वजनी यह कार एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक दरवाजा हाथ से नहीं बल्कि हाइड्रोलिक सिस्टम के जरिये खुलता है। कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रतिघंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की कार ‘‘द बीस्ट’’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ती है। ‘‘द बीस्ट’’ की रफ्तार 112 किमी प्रतिघंटा है। यह कार पूरी तरह से बुलेट और ब्लास्ट प्रूफ है।
टायर फटने के बाद भी फर्राटे से दौड़ेगी लिमोजिन कार
चारों टायर फटने के बाद भी यह गाड़ी 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। 6सीएम मोटा कांच पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है। यह असॉल्टी राइफल एक-47, ग्रेनेड हमले झेल सकता है। केमीकल हमले होने पर कार के अन्दर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम शुरू हो जाता है। पुलिस की ऑरस सीनेट एक मात्र ऐसी कार है। जो पूरी तरह से स्वदेशी है। दुनिया किसी राष्ट्राध्यख्ज्ञ के पास स्वदेशी कार नहीं है।
काउंटर अटैक में सक्षम
1. टियर गैस लॉन्चर सिस्टम: सेल्फडिफेंस के लिए इसमें ऑटोमैटिक टियर गैस लॉन्चर फिट किए गए हैं। दुश्मन के करीब आने पर ऑटोमैटिकली टियर गैस फायर होता है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
2. स्मोक स्क्रीन सिस्टम: गाड़ी के विभिन्न हिस्सों से ऑटोमैटिक स्मोक ग्रेनेड निकलते हैं। इस सिस्टम के ऑन करते ही कार के चारों तरफ से धुएं की एक चादर बन जाती है। यह दुश्मन की नजर को धुंधला कर चकमा दे सकती है।
3. फायर सप्रेशन सिस्टम: अगर बम विस्फोट हो जाए या आग लग जाए, तो इसका सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेता है। इसके बाद इसमें लगा फायर सप्रेशन सिस्टम खुद ऑन हो जाता है और फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) बाहर निकलकर आग पर काबू पा लेता है। इसमें विशेष फ्लेम रिटार्डेंट केमिकल स्प्रे होता है।
4. इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम: गाड़ी इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम से भी लैस रहती है। इसके गेट व हैंडल से इलेक्ट्रिक शॉक छोड़ा जा सकता है। हमले की स्थिति में इसका इस्तेमाल होता है, ताकि बाहर से कोई हमलावर उसे पकड़ न सके।

