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रामकृष्ण आश्रम के सचिव से कंबोडिया के ठग ने बिग-बॉस के मैसेज ठगे थे 2.53 करोड़ रूपये, ठगने में बैंक ऑफिसर से लेकर सब्जी वाला तक की भूमिका, 19 गिरफ्तार

ग्वालियर. रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद के साथ 2.53 करोड़ रूपये की ठगी के मामले में कम्बोडिया कनेक्शन सामने आया है। जांच में पता चला है कि ठगों ने विदेश से कॉल कर डिजीटल अरेस्ट की साजिश रची थी। यह गिरोह लगातार विदेश नेटवर्क के जरिये लोगों को फर्जी मामलों में फंसाकर मोटी रकम ऐंठ रहा था। मामले में पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) अभी तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन आरोपियों में बैंक अधिकारी, बैरोजगार युवा और यहां तक कि सब्जी बेचने वाला तक शामिल है।
आश्रम के सचिव से ठगी के मामले में जब एसआईटी ने जांच का दायरा बढ़ाया तो ठगी के गैंग के पीछे फैले जाल का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस नेटवर्क की जड़ें सिर्फ ग्वालियर या यूपी में नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश दिल्ली और कम्बोडिया तक फैली हुई थी। ठगी के इस अंर्त राज्यीय और अंर्त राष्ट्रीय गिरोह में कोई मास्टर माइंड था, तो कोई बैंक अधिकारी, कोई बेरोजगार छात्र था ितो कोई सब्जी बेचने वाला।
क्या है पूरा मामला
ग्वालियर के थाटीपुर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 17 मार्च 2025 को एक अनजान नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने स्वामी को नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होना बताया। उनके आधार कार्ड पर कैनरा बैंक के अकाउंट की डिटेल भेजकर उसमें 20 करोड़ रुपए के लेनदेन पर गिरफ्तार करने की धमकी दी। भेजी गई डिटेल में अकाउंट स्वामी के नाम पर दर्ज होना बताया गया।कॉल करने वाले ने खुद को नासिक (महाराष्ट्र) पुलिस का इंस्पेक्टर बताया। इसके अलावा स्वामी पर नासिक में FIR दर्ज होने की बात कही थी। सचिव को बैंक अकाउंट की पीडीएफ व स्टेटमेंट की कॉपी उनके वॉट्सएप पर भेजी, जिसे देखने के बाद उन्होंने यह बैंक अकाउंट उनका नहीं होने और इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं होने की बात कही। इस पर उनकी और उनके परिवार की पूरी जानकारी ली गई। साथ ही धमकी दी कि अगर उन्होंने पूछताछ और कार्रवाई में सहयोग नहीं किया तो कुछ ही घंटों में अरेस्ट कर लिया जाएगा।
सचिव को यह कहते हुए धमकाया गया कि यह सारी कार्रवाई गोपनीय है और बिना अनुमति आप कहीं जाएंंगे। जो चर्चा आपसे हो रही है, उसकी जानकारी सीनियर या परिवार के सदस्यों को भी नहीं बताएंगे। यदि जानकारी लीक हुई तो 3 से 7 साल की सजा और 5 लाख रुपए या फिर दोनों की सजा से दंडित किया जाएगा। आरोपियों ने हर 1 घंटे में उनकी लोकेशन और सेल्फी वॉट्सएप पर सेंड करने के लिए कहा। इसके बाद ठगों ने महाराष्ट्र पुलिस बनकर 26 दिन में स्वामी से रामकृष्ण मिशन आश्रम के खातों में जमा 2.53 करोड़ रुपए तीन बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। जब ठगी का एहसास हुआ तो 16 अप्रैल को पीड़ित सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद पुलिस के पास पहुंचे और मामले में शिकायत दर्ज करवाई।
करोड़ों की ठगी का कंबोडिया कनेक्शन
रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव सुप्रदिप्तानंद स्वामी के साथ हुई 2.53 करोड़ की ठगी में विदेशी नेटवर्क की बात सामने आई है। ठगी के लिए जो कॉल किया गया था वह कंबोडिया देश से आया था, जबकि महाराष्ट्र के नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बनकर उन्हें धमकाया और डिजिटल अरेस्ट किया गया था।
यूएसडीटी, क्रिप्टो करेंसी से धन विदेश भेजा गया
पुलिस को जांच में ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिसमें 2.53 करोड़ रुपए की ठगी के बाद पैसा देश के अलग-अलग राज्यों में बंदरबांट किया गया। यहां से गिरोह के गुर्गों ने रुपए निकालकर आगे बढ़ाए और वहां से यूएसडीटी और क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया। पुलिस इसकी भी पड़ताल कर रही है।

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