राजकमल बिल्डर्स की अवैध मार्केट के टूटने का रास्ता साफ
ग्वालियर. जिला पंजीयन कार्यालय के सामने ग्राम ओहदपुर के सरकारी सर्वे नम्बर 200 के 10 हजार वर्गफीट से ज्यादा क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाई गयी मार्केट को खाली कराने में जिला प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जमीन को सरकारी माना था। इस पर बनाई गयी बिल्डिंग को अवैध माना था। लेकिन रामकुमार शर्मा ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए युगल पीठ में एक रिट याचिका दायर की थी। लेकिन युगल पीठ ने एकल पीठ के फैसले में हस्तक्षेप न क रते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि सबसे पहले 6 सितम्बर की मीडिया रिपोर्ट्स पर इस मामले पर ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद से प्रशासन करोड़ों रूपये की सरकारी जमीन को बचाने के लिये हरकत में आया और अब कहीं जाकर उम्मीद है कि जल्द ही यह बेशकीमती सरकारी जमीन शासन के कब्जे में होगी और जनहित के लिये इसका उपयोग हो सकेगा।
तत्कालीन अधिकारीं संदेह मे घेरे में
आपको बता दें कि सरकारी जमीन पर बनाई गयी इस मार्केट में लगभग 100 दुकानें बना दी गयी। जिनमें से कई दुकाने 10 लाख और इससे भी ज्यादा कीमत वसूल कर बेच दी गयी। मामले में तत्कालीन अधिकारी कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेर में है। यह जांच का विषय है कि किसी आधार पर सरकारी जमीन की नजूल एनओसी आदि कागजात जारी कर दिये गये। हालांकि हब इस सरकारी जमीन को अपने कब्जे में लेने का प्रशासन का रास्ता साफ हो चुका है।