शहरों में विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए शहरवासी दे रहे हैं फीडबैक
ईज ऑफ लिविंग सर्वे में स्मार्ट सिटी कर रही है शहर के नागरिकों को जागरूक
ग्वालियर केंद्र सरकार द्वारा देशभर में रहने लायक शहरों ;इज ऑफ लिविंगद्ध के लिए कराए जा रहे सिटीज़न पर्सेप्शन सर्वे में नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट सिटी की टीम सक्रिय भूमिका निभा रही है। उनके द्वारा शहर के अलग.अलग हिस्सों में जाकर लोगों को जागरूक करने के अलावा होर्डिंगए बैनर.पोस्टर आदि लगवाए जा रहे हैं तथा जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है । लोगों को इनके जरिए सर्वे के बारे में जानकारी दी जा रही है।
आम नागरिकों की सक्रिय भूमिका और भागीदारी के चलते 19 दिनों में देश भर में 39000 से अधिक फ़ीड्बैक के साथ 9 वें स्थान पर पहुँच गया है। गौरतलब है कि सिटिज़न फ़ीड्बैक का योगदान रैंकिंग प्रक्रिया में 30 प्रतिशत की वेटेज रखता है।
ईज़ आफ लिविंग इंडेक्स सर्वे
शहरों में नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं के आँकलन व भविष्य के लिए कार्य योजना तैयार करने के उद्देश्य से केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देशभर में ईज़ आफ लिविंग इंडेक्स सर्वे कराया जा रहा है। एक फरवरी से सर्वे प्रारंभ हो चुका है और 29 फरवरी तक चलेगा। इसके लिए ग्वालियर स्मार्ट सिटी की टीम प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। चैक. चौराहा, स्कूल कॉलेज परिसर, आवासीय परिसर, बसस्टैंड, उद्यान समेत सभी सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को सर्वे में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा आटो.टैक्सी तथा सोशल मीडिया के जरिए भी नागरिकों को फीडबैक देने के लिए अपील की जा रही है।
शहर की वर्तमान स्थिति का आकलन
भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर शुरू हुए इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह है कि जरूरत के अनुरूप सरकार शहरों में संस्थागत, आर्थिक और सामाजिक विकास की रूपरेखा तय कर सके। शहर के लोगों के फीडबैक के आधार पर उस शहर की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाये। जिन क्षेत्रों में बदलाव की ज्यादा जरूरत है, वहां फोकस किया जाये। सर्वे में दैनिक जीवन से जुड़े पहलुओं पर आधारित कुल 24 सवाल लोगों से पूछे जा रहे हैं। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से यह सर्वे कराया जा रहा है। शहरवासियों से अपील है कि वे बढ़चढ़ कर इस सर्वे में हिस्सा लें और अपनी राय दें। सरकार के पास जितना ज्यादा फीडबैक पहुंचेगा, उसी के आधार पर शहर की रैंकिंग भी तय होगी और भविष्य में उसी के आधार पर शहर के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।