MP के 5 लाख पेंशनर्स को कैशलेस इलाज
भोपाल. मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों से रिटायर अधिकारी-कर्मचारियों को अब इलाज के लिए आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। 2 साल पहले कैबिनेट में पास प्रस्ताव पर अब कवायद तेज हुई है। मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य कर्मचारी बीमा योजना को प्रदेश की आयुष्मान भारत निरामयम सोसाइटी के जरिए संचालित किया जाएगा। इस स्कीम से प्रदेश के करीब 5 लाख रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को फायदा होगा।
रिटायरमेंट के बाद इलाज के लिए नहीं मिलती मदद
केंन्द्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम से इलाज की सुविधा मिलती है लेकिन राज्य सरकार के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए कोई हेल्थ स्कीम नहीं है। ऐसे में इस योजना से रिटायर कर्मचारियों को देशभर के अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिल सकेगा। हालांकि यूपी, राजस्थन, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पेंशनर्स को फ्री इलाज की सुविधा मिलती है।
एक पेंशनर्स को दवाओं के लिए मिलते हैं 288 रुपए
दो साल पहले हुई चर्चा के मुताबिक मध्यप्रदेश में एक पेंशनर को एक महीने की दवा के लिए मात्र 24 रुपए मिलते हैं। 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार मप्र में एक पेंशनर को दवाओं के लिए औसतन सिर्फ 288 रुपए ही दिए जाते हैं।
दवाओं के लिए सालाना 10 हजार की मदद
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मानें तो योजना में पेंशनर्स को सालाना ओपीडी मरीज के तौर दवाओं के लिए 10 हजार तक की मदद मिलेगी। सर्जरी और दूसरे इलाज के लिए 5 लाख रुपए प्रति परिवार के हिसाब से मदद मिलेगी। गंभीर बीमारी के इलाज के लिए 10 लाख तक इलाज के लिए मदद देने का प्रावधान किया गया था।