स्वर्ण प्राशन दवा के सेवन से बच्चों की बढ़ती इम्नुनिटी और याददाश्त-डॉ. रामवीर वर्मा
ग्वालियर. कोरोना की तीसरी की संभावनाओं को तलाशते हुए। कोरोना, जुकाम, खांसी, डेंगू और बुखार जैसी बीमारियों से लड़ने के लिये बच्चों की प्रतिरोध क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने के लिये सबसे अधिक कारगर है स्वर्ण प्राशन है, और इन बीमारियों का असर न हों। इसके लिये आयुर्वेद विशेषज्ञों की अनुसार आयुर्वेद दवा पुष्य नक्षत्र में ही बच्चों को प्राश्न दवा पिलाई जाती है। एक सार्थक पहल आमखो स्थित शासकीय आयुर्वेद कॉलेज के छात्र-छात्रओं और चिकित्सकों द्वारा की गयी। प्राशन दवा 6 माह से 16 वर्ष तक के 765 बच्चों को पिलाई गयी। इस मौके पर डॉ. रोहित सिंह, डॉ. ़ऋचा विश्वकर्मा, यह जानकारी डॉ. रामवीर वर्मा ने दी है।
प्राशन दवा से इम्युनिटी और याददाश्त बढ़ती है
शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के बालरोग विशेषज्ञ डॉ रीतेश वर्मा के अनुसार स्वर्ण प्राशन शारीरिक वृद्धि के साथ मानसिक वृद्धि करने में भी सहायक होता है। इतना ही नही इस दवा के सेवन से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते है और उन्हें सर्दी-जुकाम, खांसी रहता है वह भी इस दवा के सेवन से ठीक हो जाते है। स्वर्ण भस्म व्यक्ति को रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) में मददगार साबित होती है। लिये कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिये बच्ऋचों की अच्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना आवश्यक है।