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जल संसाधन के अधिकारी ही गायब कर गये नहर, विधानसभा दी झूठी जानकारी, आज भी नहर क्षेत्र की जमीन पर कम्पनी का कब्जा

ग्वालियर. 108 वर्ष पहले निरावली मायनर नहर अब महज दस्तावेजों में ही बची है। मौके पर इसका किसी भी प्रकार का नामोनिशान नहीं बचा है। इस नहर प्रणाली का निर्माण 3200 एकड़ जमीन के लिये पानी मुहैया कराने के लिये किया गया था। नहर की देख-रेख करने का जिम्मा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के हवाले था। उन्होंने ही बापुना एल्कोब्रू प्रायवेट लिमिटेड (रायरू डिस्टलरी) प्रबंधन से सांठगांठ कर समतल सखे (ग्राउण्ड) बनाकर नहर को गायब कर दिया है। यह जांच विधानसभा में लगे तारांकित प्रश्न नम्बर 1988 के बाद कराई गयी ।लेकिन जांच की जिम्मेदारी उन्हीं को दी जिन्होंने नहर की बजाय डिस्टलरी को फायदा पहुंचा रहे थे। इसकी झलक उस रिपोर्ट में साफ दिखाई दी जो कि जांच पड़ताल करने के बाद विधानसभा को सौंपी गयी है।
इसमें जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री पंकज सिंह ने डिस्टलरी प्रबंधन को बचाते हुए लिखा है कि निरावली सब मायनर नहर के ऊपर बनी हुई नहर की प्री-कास्ट बाउंड्री को तुड़वा दिया गया है। मायनर नहर के दोनों सिरे खुले हैं। जब मौके पर देखा तो वहां नहर तो दिखाई नहीं दी। लेकिन उसके स्थान पर डिस्टलरी प्रबंध द्वारा की गयी बाउंड्रीवॉल साफ दिखाई दिी। हालांकि छोर पर तोउ़ा गया। दीवार का हिस्सा भी अपनी व्यथा कह रहा था। उल्लेखनीय है कि तिघरा जलाशय से 1917 में सिंचाई के लिये नहर प्रणाली तैयारी की गयी थी। यह नहर जिनालली तालाब में जाकर मिली है। इस नहर से आने वाले का पानी का उपयोग गांव वाले ग्रामीण करते हैं।
अतिक्रमण की स्थिति
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फैक्ट्री में कोई कब्जा नहीं पाया गया।
मौके पर हकीकत यह है कि जिनावली के सर्वे नम्बर 225, 440, 226, 500, 227, 530, और 229, 920 कुल रकबा 2.30-2.390 हेक्टेयर नहर क्षेत्र है। जिसकी न सिर्फ नहर बल्कि दूसरी जमीन पर भी अन्य निर्माण से डिस्टलरी ने कब्जा कर लिया है।
नहर के आसपास की जमीन पर भी कब्जा
रायरू डिस्टलरी प्रबंधन ने न सिर्फ नहर को बन्द किया बल्कि नहर की आसपास पर भी कब्जा कर लिया है। नहर के आसपास की जमीन पर भी कब्जा कर अपनी यूनिाटों का निर्माण कर रहे है। यह प्लांट नहर से लगी जमीन पर बने हुए है। सरकारी दस्तावेजों एवं मैपिंग में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। लेकिन अधिकारियों ने प्रबंधन से मिली भगत कर इसकी अनदेखी कर रखी है।
जिसे कब्जा बताया उसे हमने तोड़ दिया
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण में जिस दीवार तोड़ने के लिए कहा था। उसको हमने तोड़ दिया है। अब हमारा कहीं कोई कब्जा नहीं है।-
पीवी मुरलीधरन, जनरल मैनेजर / बापुना एल्कोबू

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