MP में 1 जनवरी 2026 से बदलेंगे 48 साल पुराने अवकाश के नियम, अब संतान पालन के लिये 1 साल से अधिक अवकाश लेने पर सिर्फ 80 प्रतिशत वेतन ही मिलेगा
भोपाल. मध्यप्रदेश के 7 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की अवकाश की व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। फायनेंस डिपार्टमेंट ने एमपी सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा और इसके साथ ही 1978 के पुराने छुट्टी के नियम समाप्त हो जायेंगे। महिला कर्मचारियों की संतान पालन अवकाश व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया गया है। अभी तक महिला कर्मचारियों को 2 वर्ष (730 दिन) की संतान पालन अवकाश पूर्ण वेतन के साथ दिया जाता था। लेकिन नये नियमों में पहले 365 दिन का 100% वेतन और उसके बाद अगले 365 दिन केवल 80 प्रतिशत वेतन देने का प्रावधान किया गया है।
महिला कर्मचारी यह अवकाश एक बार में ले या अलग-अलग हिस्सों में 365 दिनों के बाद 80% वेतन ही मिलेगा। नियमों में सरोगेसी से जन्मे बच्चे की देखभाल करने वाली महिला कर्मचारी को भी चाइल्ड केयरलीव का फायदा मिलेगा।
हरवर्ष 30 दिन का अर्जित अवकाश मिलेगा कर्मचारियों को
नये नियमों में कर्मचारियों को हरवर्ष 30 दिन का अर्जित अवकाश देने का प्रावधान किया गया है। यह 2 किश्तों में (6 माह पर 15-15 दिन) होगा। किसी भी कर्मचारी को एक साथ 5 वर्ष से ज्यादा का लगातार अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। फायनेंस डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया हैकि आवकाश मांगना कर्मचारी का ‘‘अधिकार’’ नहीं माना जायेगा। यानी अब अंतिम निर्णय स्वीकृति देने वाले अधिकारी का होगा।
मेडीकल लीव के नियम सख्त
नये नियम के मुताबिक मेडीकल सर्टिफिकेट अवकाश की गारंटी नहीं रहेगी। निर्णय स्वीकृति प्राधिकारी के आदेश पर निर्भरन करेगा। ऐसा मामला जिसमें कर्मचारी के दोबारा कार्यग्रहण करने की संभावना न हो अवकाश आवेछन अमान्य नहीं माना जायेगा। पूरे सेवाकाल में 180 दिन का अर्द्धवेतन अवकाश बिना मेडीकल सर्टिफिकेट भी मिल सकेगा। लेकिन यदि कर्मचारी इस बीच इस्तीफा देता है तो यह अवकाश अर्द्धवेतन अवकाश के समान माना जायेगा और अंतर की राशि भी वसूल की जायेगी।
स्टडी लीव का भी प्रावधान
कर्मचारियों को अध्ययन के लिये भी अवकाश की सुविधा मिलेगी। सामान्यतः 1 वर्ष तक की स्टडी लीव दी जायेगी। पूरे सेवाकाल में अधिकतम 24 माह की छुट्टी मिलेगी पर फीस तथा अन्य खर्च कर्मचारी को स्वयं वहन करने होंगे। यात्रा भत्ता भी नहीं मिलेगा। लीव से पहले बॉड भरना अनिवार्य होगा। ताकि अध्ययन के बाद कर्मचारी नौकरी पर लौटे।
35 दिन बाद लागू होंगे नए नियम
नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने जा रहे हैं, जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियों की व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी।
दत्तक संतान पर भी मिलेगी छुट्टी
नए अवकाश नियमों में दत्तक संतान ग्रहण अवकाश भी शामिल किया गया है। दत्तक लिए गए बच्चे की एक साल की उम्र तक कर्मचारी अवकाश ले सकेंगे।

