रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास काफी धीमा, यात्री हो रहे परेशान, 72 दुकानों का विस्थापन डेढ़ वर्ष पहले तय लेकिन नहीं हो पाया
ग्वालियर. रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास योजना में स्टेशन बजरिया की 72 दुकानों को हटाने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर ढिलाई बरत रहे हैं। जिसका परिणाम यह है कि स्टेशन के मुख्य प्रवेशद्वार की ओर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। बजरिया की तरफ से स्टेशन का फ्रंट लुक खोलने के लिये यहां से इस 2 मंजिला बाजार को हटाया जाना प्रस्तावित है।
डाकघर भी हटाया जाना था जिसे महीनों पहले हटा दिया गया, मगर दुकानों को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। जबकि लगभग डेढ़ से पहले ही इन दुकानदारों को यहां र्से िशफ्ट करने के लिये दूसरी जगह चिन्हित कर ली गयी थी। यह जगह रेलवे स्टेशन से बाहर निकल कुछ दूरी पर कृषि कॉलेज और उससे सटी हुई जमीन है। जिसका रकबा लगभग 2 हेक्टर है और उसमें बहुमंजिला कॉम्पलेक्स बनाकर दुकानदारों को शिफ्ट किया जाना तय हुआ था। लेकिन विस्थापन के लिये होने वाली प्लानिंग इस डेढ़ साल में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है। हाउसिंग बोर्ड, जिला प्रशासन और दुकानदार एसोसियेशन के बीच यह मामला फंसता ही जा रहा है।
3 टॉवर बनकर तैयार
रेलवे कर्मचारियों के लिये 3 टॉवर बनकर तैयार हो चुके है। जनवरी 2026 तक कर्मचारी व अधिकारियों को 101 फ्लैटों में शिफ्ट कर दिया जायेगा। झांसी मंडल के डीआरएम अनिरूद्ध कुमार ने बताया है कि फ्लैट बनकर तैयार है। आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। लेकिन कुछ कर्मचारी मुहूर्त के इंतजार में अभी शिफ्ट नहीं हो पा रहे है। इससे अभी वक्त लग रहा है। डीआरएम ने बताया है कि 15 जनवरी तक 3 टॉवर में कर्मचारी-अधिकारी शिफ्ट हो जायेंगे। केपीसी कम्पनी करीब 535 करोड़ रूपये खर्च कर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास का काम कर रही है। 3 टॉवर में 2 टॉवर प्लेटफार्म नम्बर 1 के बाहर सर्कुलेटिंग एरिया में 2 टॉवर बनाये गये है। यह 7 मंजिला है। जबकि अधिकारियों के बनाये टॉवर तानसेन रोड पर एक टॉवरी बनाया गया है। इस तरह 3 टॉवर में 101 फ्लैट बनाये गये है। रेलवे स्टेशन पुनर्विकास के काम की गति काफी धीमी है। इसके चलते जीएम भी नाराजगी जता चुके हैं। डिप्टी सीई कंस्ट्रक्शन सुधीर पटेल को इसके लिये जिम्मेदारी तय की है। लेकिन डिप्टी सीई काम को लेकर तालमेल बैठा नहीं पा रहे है। इससे काम गति धीमी है। जीएम ने यह तक कह दिया है कि यदि काम की गति यही रहीं तो 2 साल और प्रोजेक्ट को पूरा लग जायेंगे।
ये 3 विकल्प तलाशे, एक फाइनल किया
मॉल के पीछे खाली जगह
38 नंबर बंगले के सामने की साइड।
बस स्टैंड के सामने कृषि कॉलेज एवं उसके पास की भूमि (जिसे फाइनल किया)।
रोड बाइडिंग की जगह पर दुकानें
स्टेशन बजरिया क्षेत्र में ये दुकानें हाउसिंग बोर्ड द्वारा आवंटित की थीं। स्टेशन के पुनर्विकास प्लान के तहत, फ्रंट लुक को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होना है, जिसमें इन दुकानों की वजह से काम लगातार लेट हो रा है। नगर तथा ग्राम निवेश (टीएंडसीपी) ने इन्हें मास्टर प्लान के विरुद्ध बताते हुए हटाने के निर्देश दिए थे।
दुकानें हटाने की प्रक्रिया चल जारी है
रेलवे स्टेशन पर बनी 74 दुकानदारों को शिफ्ट किए जाने को लेकर प्लान बना था। दुकानें हटाए जाने को लेकर प्रक्रिया चल रही है। अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। –एनके वर्मा, उपायुक्त/ हाउसिंग बोर्ड

