महिला अधिकारी सीमा पर उड़ते ड्रोन को तबाह करने की ग्वालियर स्थित बीएसएफ अकादमी में लें रही है ट्रेनिंग

ग्वालियर. सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में भागीदारी करने वाली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की महिला अधिकारियों को ग्वालियर की टेकरपुर अकादमी में 6 सप्ताह का ड्रोन कमांडो प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई बहादुरी के चलते इन महिला अधिकारियों का चयन किया गया है। इस प्रशिक्षित स्क्वॉड्रन को दुर्गा ड्रोन स्क्वॉड्रन का नाम दिया गया है।प्रशिक्षण के लिये चयनित इन महिला अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पंजाब की पाक सीमा पर पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का मुकाबला किया था। इस पहली प्लाटून के बाद देश के अन्य राज्यों की सीमा से भी महिला अधिकारियों को टेकनपुर अकादमी में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
ग्वालियर में ट्रेंड हुई थी बीएसएफ की पहली महिला काम्बैट अधिकारी तनुश्री
ग्वालियर की टेकनपुर अकादमी में ही बीएसएफ की पहली महिला कॉबैट अधिकारी तनुश्री पारीक को भी प्रशिक्षित कर पंजाब सीमा की एक यूनिट पर तैनात किया गया था। तनुश्री बीएसएफ की पहली महिला कॉबैट अधिकारी है। बीएसएफ की टेकनपुर अकादमी के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि अकादमी स्थित स्कूल ऑफ ड्रोन वारफेयर(एसडीडब्ल्यू) में बल के पहले दुर्गा ड्रोन स्क्वॉड्रन को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
धैर्य, शुद्धता व दृढ़ता पहचान ड्रोन स्क्वाड्रन तैयार कर रहे
अकादमी के महानिदेशक दलजीत सिंह ने कहा- वर्तमान में युद्ध बल से नहीं तकनीक से लड़ा जा रहा है। महिलाओं की तीन विशेषताएं- धैर्य, शुद्धता व दृढ़ता को पहचान कर ड्रोन संचालित ऑपरेशन में उनकी विशेष भूमिका के लिए स्क्वाड्रन को तैयार किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम अकादमी के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह नेतृत्व में संचालित किया जाएगा। इसमें महिला अफसरों को आधुनिक तकनीक से लैस कर सीमा प्रबंधन और सुरक्षा में उनकी भागीदारी और सशक्त होगी।
रियल-टाइम इंटेलिजेंस, डेटा विश्लेषण भी सीखेंगी
महिला प्रहरियों को ड्रोन उड़ाने, नियंत्रित करने और निगरानी मिशनों के लिए डेटा एकत्रित करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रशिक्षुओं को सीमा पार से आने वाले ड्रोन खतरों से निपटने के उपाय, इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्शन और रेस्पॉन्स सिस्टम की ट्रेनिंग। ड्रोन के माध्यम से खोज एवं आपदा में बचाव कार्यों की जानकारी मिलेगी। प्रशिक्षण से महिला स्क्वाड्रन रियल-टाइम इंटेलिजेंस, डेटा विश्लेषण और निर्णय क्षमता में दक्ष होगी, जिससे सीमा की सुरक्षा व्यवस्था और सुदृढ़ बनेगी।

