पार्किंग में 3घंटे तक रूककर किसी से निर्देश ले रहा था उमर, मृतकों की संख्या 12 तक पहुंची, मोदी बोले गुनहगार बख्शे नहीं जायेंगे

नई दिल्ली. चांदनी चौक के मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 पर हुए धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गयी है। इनमें 2 महिलायें भी शामिल है। 20 घायलों का उपचार चल रहा है। 2 शवों की पहचान हो गयी है। बाकी की पहचान डीएनए टेस्ट से की जायेगी। सोमवार की शाम 5.52 बजे लालकिला मेट्रो स्टेशन के गेट नम्बर 1 के पास चलती कार में जोरदार विस्फोट हुआ था। विस्फोट में जिस सफेद आई-20 कार का उपयोग हुआ था। उसका सीसीटीवी फुटेज मंगलवार को सामने आया है।
मेट्रो स्टेशन की पार्किंग से निकल रही कार में काला मॉस्क पहने एक युवक बैठा दिखाई दिया है। उसका नाम डॉक्टर उमर नवी बताया जा रहा है। यह पुलवामा का निवासी है। पुलिस के अनुसार उमर ने विस्फोटकों के साथ स्वयं को उड़ा लिया। उसके डीएनए टेस्ट केलिये कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में उसकी मां और दो भाई को हिरासत में लिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि पुलिस को शुरूआती जांच से पता चला है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल और डेटोनेटर का उपयोग किया गया। इधर 2 दिन के भूटान दौरे पर गये पीएम मोदी ने दिल्ली विस्फोट में मृतकों को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा है कि पूरा देश दिल्ली विस्फोट से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है। दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।
किसी से निर्देश का इंतजार कर रहा था उमर
आखिर सोमवार की दोपहर 3 बजकर 19 मिनट पर वह गाड़ी पार्किंग में पहुंच गयी थी। उसके बाद 6 बजकर 22 पर गाड़ी पार्किंग से बाहर आयी ।इन 3 घंटों के दौरान उमर ने क्या किसी से बात की। क्या किसी से वह निर्देश ले रहा था? या किसी के निर्देश का इंतजार कर रहा था। उमर को पता चल चुका था कि उसके साथी पकड़ंे जा चुके हैं। पुलिस कभी उस तक पहुंच सकती है। ऐसे में उसने दिल्ली की सबसे उच्च सुरक्षा वाले इलाके में 3 घंटे तक रूकने का रिस्क क्यों? क्या कोई स्लीपर सेल या लॉजिस्टिक उसका सपोर्ट कर रहा था?

