पहलगाम हमले के आतंकियों के मददगारों तक मोबाइल चार्जर से पहुंची श्रीनगर पुलिस, एनकाउंटर में मार गिराया था
श्रीनगर. कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे की साजिश धीरे-धीरे सामने आ रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक ऐसे ओवरग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया है जिसने आतंकियों से 4 बार मुलाकात की थी। उनको रसद सहायता उपलब्ध कराई थी। उनका मोबाइल फोन चार्जर लाकर दिया था। 26 वर्षीय आरोपी का नाम मोहम्मद यूसुफ कटारी है जो कि पेशे से शिक्षक है। केन्द्रीय जांच एजेंसियों के अनुसार मोहम्मद युसूफ कटारी ने पूछताछ में स्वीकार किया है। कि वह पहलगाम हमलें शामिल तीन आतंकियों सुलेमान उर्फ आसिफ, जिबरान और हमजा अफगानी स 4 बार बार मिला था। यही नहीं उसने उन्हें एक एंड्रॉइंड मोबाइल फोन चार्जर भी दिया था। जो कि बाद में जांच की सबसे अहम कड़ी साबित हुआ। उसी के माध्यम से पुलिस उस तक पहुंच पायी है।
मोबाइल चार्जर के सीरियल नम्बर से आतंकियों तक पहुंची पुलिस
दरअसल, जुलाई में शुरू किये गये आतंकवाद रोधी अभियान ’’ऑपरेशन महादेव‘‘ के दोरान श्रीनगर के बाहरी इलाके जबरवान पहाडि़यों की तलहटी में तीनों आतंकियों का खात्मा हुआ था। घटनास्थल से पुलिस को जो सामग्री मिली। उसमें एक आंशिक रूप से जला हुआ मोबाइल चार्जर भीथा। यही मामूली सा सबूत पुलिस को उस नेटवर्क तक ले गया। जो पहलगाम पहले की साजिश का हिस्सा था। फोरेंसिक जांच में मोबाइल चार्जर के सीरियल नम्बर और कनेक्टिविटी डेटा से पुलिस का महत्वपूर्ण सुरगा मिला। श्रीनगर पुलिस ने जब इसकी ट्रेसिंग की तो चार्जर के असली मालिक का पता चल गया। उसने एक डीलर का बेचा थां। वहीं से कडी से दूसरी कड़ी जोड़ते हुए जांच टीम मोहम्मद यूसुफ कटारी तक पहुंची गयी। उसको सितम्बर के आखिरी हफ्ते में गिरफ्तार किया गया था।
एक पुलिस ऑफीसर ने बताया कि आरोपी ऊंचे इलाको में रहने वाले खानाबदोश छात्रों को पढ़ाने का काम करता था। लेकिन पर्दे के पीछे आतंकियों को गाइड करने और उनके लिये सामान जुटाने जैसी जिम्मेदारी निभाता था। ऐसा बताया जा रहा है कि उसने न सिर्फ मोबाइल फोन चार्जर उपलब्ध कराया था।बल्कि पहलगाम के हमलावरों को पहाड़ी रास्तों से गुजरने में मदद भी की थी। मोहम्मद यूसुफ कटारी, सुलेमान उर्फ आसिफ जिबरान और हमजा अफगानी जैसे बड़े आतंकियों के संपर्क में था। सुलेमान पहलगाम हमले का मास्टर माइंड था। जिबरान अक्टूबर 2024 में सोनमर्ग सुरंग हमले में शामिल था। हमजा अफगानी कई छोटे आतंकी ऑपरेशनों में शामिल रहा था। तीनों को 29 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के तहत मुठभेड में मार गिराया था।