किडनी एम्स और लिवर को इन्दौर भेजेे, भोपाल से बनाये 2 ग्रीन कॉरिडोर, आंखे मेडीकल कॉलेज को दी दान
भोपाल. शुक्रवार को 2 ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये। दोनों ही कॉरिडोर बंसल अस्पताल से बनाये गये। इसमें एक कॉरिडोर बंसल से एम्स तक, दूसरा बंसल से इन्दोर के बीच बनाया गया। इस बीच राजधानी भोपाल की कुछ प्रमुख सड़कें थोड़ी देर के लिये थम गयी। यातायात पुलिस ने दोनों ग्रीन कॉरिडोर के लिये किसी तरह का रूट डायवर्ट नहीं गया गया। जिन रास्तों से एम्बूलेंस को गुजरना था। सिर्फ वहीं कुछ देर के लिये ट्रैफिक हॉल्ट लेकर एम्बूलेंस को रास्ता दिया गया।
एम्स भेजी गयी इंदौर के लिये रवाना
भोपाल के बंसल अस्पताल से एक किडनी को एम्स भेजा गया और लिवर को इन्दौर के चौइथराम अस्पताल भेजा गया। दूसरी किडनी बंसल अस्पताल में ही ट्रांसप्लांट की जायेगी। 2 आंखें गांधी मेडीकल कॉलेज को दान दी गयी। बंसल और एम्स में शुक्रवार की शाम को किडनी ट्रांसप्लान किया गया। वहीं लिवर को इन्दौर के चौइथराम अस्पताल में देर रात का ट्रांसप्लांट कर दिया गया।
अंगदान करने वाले पुलिस बैण्ड से बिदाई
अस्पताल में अंगदान करने वाले पार्थिव शरीर का पूरे सम्मान के साथ पुलिस बैंड से अंतिम यात्रा निकाल कर अंतिम विदाई दी गयी। अंगदान का निर्णय लेने पर परिजन का सम्मान भी किया गया। दरअसल, बुधनी निवासी गिरीश यादव 73, का उपचार के दौरान निधन हो गया था। परिजन ने उनके अंगदान का निर्णय लिया था।
ब्रेन स्टोक से गिरीश यादव का निधन
बुधनी निवासी गिरीश यादव उम्र 73 वर्ष को कुछ दिन पूर्व ब्रेन स्ट्रोक आया था। जिस कारण से उनके परिजन ने उन्हें बंसल अस्पताल में भर्ती कराया। गुरूवार को चिकित्सकों ने मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया था। गिरीश यादव के बड़े बेटे विनय यादव ने डाूक्टरों के परामर्श पर अपने पिता की देह से अंगदान करने का निर्णय लिया।
बेटे ने बताया
मेरे पिता गिरीश यादव बुधनी में एडवोकेट थे। वह कांग्रेस में सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई और समाज सेवा में खर्च किया। यही कारण रहा कि हमने उनकी देह से अंगदान करने का फैसला लिया है। ताकि पिता जी का शरीर शांत होने के बाद भी किसी के काम आ सके।

