पार्क में बनाये मंदिर-मजार तो जस्टिल बोले पार्क को पार्क ही रहने दें, अतिक्रमणकारियों को भेजे जेल
ग्वालियर. अतिक्रमण हटाने के लिये जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेशकुमार कैत औरे जस्टिस आनंद पाठक की डिवीजन बैंच ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि आज मंदिर और मजार बनाई है। कल कोई चर्च बनायेगा फिर पार्क कहां बनेगा। पार्क को पार्क ही रहने दो। शहर में बहुत सारे मंदिर और मजार है। जस्टिस बोले कि पार्क में इनकी क्या जरूरत है। मंदिर-मजार के बाद कल तीसरा और फिर चौथा आयेगा। ग्वालियर कलेक्टर और नगरनिगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह अतिक्रमण हटाये पालन नहीं होने पर दोनों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का भी निर्देश दिया गया है। वहीं मामले की अगामी सुनवाई 11 नवम्बर को होगी।
अतिक्रमणकारियों को जेल भेजने निर्देश
इस मामले में समीर शर्मा ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि समाधिया कॉलोनी के पार्क में अतिक्रमण कर मंदिर और मजार का निर्माण किया गया है। निगम की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट दीपक खोत ने कहा कि पूर्व में भी इन्हीं स्थानों पर अतिक्रमण किया गया था, जिसे निगम ने हटा दिया था। बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रत्येक जिले में एक कमेटी बनाई गई है, जिसकी कमान कलेक्टर के हाथों में दी गई है। ये कमेटी ऐसे तमाम धार्मिक निर्माण जो अतिक्रमण की श्रेणी में आते हैं, उन्हें हटाने के निर्णय लेकर कार्रवाई करती है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जिन भी लोगों ने अतिक्रमण किया है, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सलाखों के पीछे भेजे।

