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CM शिवराज सिंह ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को तलब किया, बोले कितना भी बड़ा स्कूल हो कार्रवाई करें

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के निजी स्कूल की बस में साढ़े तीन साल की बच्ची से रेप के मामले में गुरुवार को भोपाल पुलिस कमिश्नर को तलब किया। सीएम ने कहा- ये बिल्कुल नहीं चलेगा कि कोई प्रभावशाली व्यक्ति है तो हम बात भी नहीं करेंगे, सभी को बुलाइए। स्कूल प्रबंधन को बुलाएं और कड़ी कार्रवाई करें। यह कोई साधारण घटना नहीं है। कितना भी बड़ा स्कूल हो, जवाबदार है। कितनी जल्दी सजा हो सकती है देखिए। बैठक के बाद पुलिस भी एक्शन में आ गई है। दोपहर में SIT की टीम पिछले गेट से स्कूल के भीतर दाखिल हुई। एक के बाद एक 3 गाड़ियों से अधिकारी पहुंचे। हालांकि सुबह से स्कूल के गेट पर तैनात पुलिस जवानों को दोपहर में हटा लिया गया। घटना के बाद स्कूल बसों में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए गए हैं। स्कूल की सभी बसों में एक महिला टीचर को तैनात किया गया है। यह टीचर बस के सबसे आगे वाली सीट पर बैठी नजर आईं। इसके साथ ही कई पेरेंट्स खुद ही बच्चों को लाते-ले जाते नजर आए। पुलिस भी प्रशासन के साथ मिलकर बसों की चेकिंग कर रही है।

स्कूल मालिक को बुलाया है: गृह मंत्री
सीएम ने स्कूल बसों के सभी ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन चेक करने के भी निर्देश दिए। सभी स्कूलों में क्लियर मैसेज जाए कि जरा भी लापरवाही हो तो प्रबंधन जिम्मेदार है। सीएम की समीक्षा बैठक में पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, एडिशनल सीपी सचिन अतुलकर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- स्कूल मालिक को आज बुलाया गया है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल की डायरेक्टर पर हो सकती है FIR
स्कूल बस में रेप के मामले की जांच के लिए गुरुवार को गठित एसआईटी स्कूल पहुंची है। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया कि टीम आरोपी ड्राइवर की भर्ती प्रक्रिया, बस में जीपीएस का डाटा और सीसीटीवी खराब होने को लेकर स्कूल के डायरेक्टर से पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही पीड़िता की मां द्वारा घटना बताए जाने के बाद भी 3 दिन तक प्रबंधन ने घटना को छिपाकर रखा। इसे लेकर भी डायरेक्टर से पूछताछ की जाएगी। अभी तक 3 दिन के गैप को लेकर प्रबंधन सही जवाब नहीं दे पाया है। पुलिस कमिश्नर देउस्कर ने कहा स्कूल की डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। पुलिस लोक अभियोजन अधिकारियों से कानूनी सलाह ले रही है। प्रारंभिक तौर पर पॉक्सो एक्ट की धारा-21 (अपराध को दर्ज कराने में विफलता) के तहत डायरेक्टर पर केस बन रहा है। इसके साथ ही स्कूल बस में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के उल्लंघन का भी केस बनेगा।

 

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