Gwalior में जहां जाले-गंदगी बन रही थी पेटीज, सिर्फ सैंपल लेकर लौटे अफसर

ग्वालियर. शहर में बेकरी उत्पाद कतई खाने के लायक नहीं हैं। यह आपको अस्पताल पहुंचा सकते हैं या इससे भी ज्यादा भारी पड़ सकता है। सेहत से खिलवाड़ का खुलेआम खेल चल रहा है और जिला प्रशासन मौन है। गुरुवार को दो बेकरी निर्माण ठिकानों पर खाद्य सुरक्षा विभाग के निरीक्षण से यह साफ हो गया। हैरानी तब और बढ़ गई जब काई, जाले और गंदगी में बन रहे बेकरी उत्पाद मिलने के बाद भी सैंपल लेकर टीम लौट आई। यूनिट को न बंद कराया गया न काम रोका गया। टीम सैंपल लेकर आ गई, अब आगे कोई उन खाद्य उत्पादों को खाकर बीमार हो तो खूब हों। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम सैंपलिंग की कार्रवाई करती है, सप्ताह में दो तीन बाद यह सैंपलिंग होती है। ऐसे प्रतिष्ठान जो साफ सफाई व अन्य मानक पूरे करते हैं,वहां सैंपलिंग तक को ठीक, लेकिन जहां सेहत से ही खिलवाड़ हो रहा हो, वहां भी सैंपलिंग करके लौटना लापरवाही की हद जैसी है। कुछ समय पहले ऐसे प्रतिष्ठानों पर कड़ी कार्रवाई की जाती थी और प्रशासन के भी अफसर साथ में आते थे। अब त्योहार पर दिखावटी सैंपलिंग और शेष दिनों में इक्का-दुक्का सैंपल लेकर खानापूर्ति का रवैया चल रहा है।

ना सीलिंग, ना ठोस कार्रवाई
शहर में गली-मोहल्लों में ढेरों बेकरी चल रही हैं। यह मकान व कमरों में बड़ी मात्रा में बेकरी उत्पाद तैयार कर लेते हैं और गंदगी में पूरा काम होता है। ऐसा नहीं कि अफसरों को पता नहीं,लेकिन कहीं गड़बड़ी है। इन्हें इतनी गंदगी मिलने के बाद भी क्यों छोड़ा जा रहा है, यह बड़ा सवाल है।

काई, जाले, गंदगी, खुले बदन मजदूर
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को सुलैया बेकर्स, गेंडेवाली रोड पर गंदगी मिली। यहां कमरों में वर्षो से पुताई नहीं हुई थी,प्लास्टर तक ठीक से नहीं था, छत पर काई इतनी जमी थी, जो टपक तक रही थी। दीवारों पर धूल जमी थी। जिस टेबल पर पेटीज बनाने के लिए मैदा को रखा हुआ था वहां काफी गंदगी थी। इस बेकरी का मालिक शाहिद हुसैन है। यहां से पपड़ी और मैदा का सैंपल लिया गया। खाद्य सुरक्षा की टीम पंचवटी कालोनी स्थित श्री धनलक्ष्मी बेकर्स पहुंची। यह दिनेश बघेल की बेकरी है। यहां खुले बदन मजदूर पेटीज व बेकरी उत्पादों को बना रहे थे, जिस चौड़ी टेबल पर काम किया जा रहा था वह बेहद गंदी थी। आटा जहां रखा मिला वहां कचरा भी जमा था। फर्श पर इतनी गंदगी कि देखकर कोई भी हैरत में पड़ जाए।

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