स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा के दौरान सीएम ने जताई नाराजगी, कहा मैं खुद ग्वालियर सहित सातों स्मार्ट सिटी की समीक्षा करूंगा
भोपाल. भोपाल में स्मार्ट सिटी के कैमरे बंद पड़े हुए है और आप यहां सब अच्छा-अच्छा बता रहे है, यह नही चलेगा। कांग्रेस की सरकार में लूट मची थी, टेंडर भी वैसे निकाले गए थे। वर्ष 2019 में स्मार्ट सिटी मिशन में जो काम हुए उसके औचित्य, टेंडर की प्रकिया और व्यय राशि की फाइलें निकालकर देखिए बहुत गड़बड़ी हुई है। यह बात सीएम शिवराज सिंह ने स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि अब मैं खुद सातों स्मार्ट सिटी (भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर और सतना) की समीक्षा करूंगा। कोई भी नया टेंडर नहीं होगा। जो काम अभी शुरू नहीं हुए हैं, उनकी पहले समीक्षा करेंगे।
मैं सातों स्मार्ट सिटी के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद करूंगा
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में हुई बैठक में नाराजगी जताते हुए अधिकारियों से पूछा कि सागर के लाखा बंजारा तालाब का काम इतना धीरे क्यों चल रहा है। मैं सातों स्मार्ट सिटी के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद करूंगा। मुझे इसे मिशन से जुड़े कामों को पूरी तरह समझना है। प्रत्येक सोमवार को स्मार्ट सिटी के कामों की समीक्षा की जाएगी। अब परिणाम आने चाहिए। अब जनप्रतिनिधियों और नगरवासियों की सलाह से कामों की प्राथमिकता तय होगी। अनियमितता करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरे का काम पुलिस को दिया जा सकता है। खराब सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर सुधारा जाए। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राज्य में छह हजार 600 करोड़ रुपये से 587 योजनाएं संचालित हैं। इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।