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ग्वालियर में लोकायुक्त पुलिस ने डिप्टी कलेक्टर के बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

ग्वालियर.   बुधवार की दोपहर डिप्टी कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू को 900 रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है। बाबू एक युवक के आरएनआई रजिस्ट्रेशन की फाइल को एक महीने से ज्यादा समय से अटकाए हुए था। जब युवक ने कारण पूछा तो उसने 1 हजार रुपए रिश्वत मांगी। 900 रुपए में फाइल को आगे बढ़ाना तय हुआ। युवक ने मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस में की।

बुधवार दोपहर बाबू अपने कार्यालय में बैठा था। जैसे ही युवक ने उसे 900 रुपए दिए उसने लेकर जेब में रख लिए, तभी लोकायुक्त के अफसरों ने बाबू की कलाई थाम ली। कैमिकल लगाकर जैसे ही बाबू के हाथ पानी में लगाए तो रंग गुलाबी हो गया। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया है। बाबू को सस्पेंड करने की कार्रवाई भी की जा रही है।

लोकायुक्त एसपी संजीव सिन्हा ने बताया कि दो दिन पहले फोर्ट रोड सुमेर सिंह का बाड़ा निवासी सौरभ पुत्र रविन्द्र कुमार ने शिकायत की थी कि डिप्टी कलेक्टर संजीव खेमरिया के कार्यालय में पदस्थ बाबू रविन्द्र सिंह राजपूत आरएनआई के रजिस्ट्रेशन के लिए एक हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। रिश्वत ना देने पर काफी समय से फाइल को अटकाए हुए है। आगे फाइल को नहीं बढ़ा रहा है साथ ही धमकी दे रहा है कि रजिस्ट्रेशन नहीं होने देगा। शिकायत पर एक दिन पहले सौरभ ने बाबू से बातचीत की और एक हजार रुपए से उसे 900 रुपए पर की रिश्वत पर राजी कर लिया। यह पूरी बातचीत रिकॉर्डिग डिवाइस में लोकायुक्त पुलिस को सौंपी जिसके बाद बुधवार को डिप्टी कलेक्टर के बाबू को ट्रैप करने की प्लानिंग की गई। सौरभ कैमिकल लगे 900 रुपए लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां बाबू रविन्द्र सिंह राजपूत को उन्होंने रुपए दिए तो तत्काल उन्होंने लेकर जेब में रखे और बोले आपका काम हो जाएगा। पर इसी समय दफ्तर में लोकायुक्त अफसर पहुंचा और बाबू का हाथ पकड़कर बोले कि आपका काम हो गया है। इसके बाद कार्यालय में सभी के सामने उसके हाथ पानी में धुलाए तो कैमिकल के कारण पानी गुलाबी हो गया साथ ही रिकॉडिंग और अन्य साक्ष्य के आधार पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया है।

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