लालकिला दंगा-किसानों के नाम पर राजनीतिक दल सैंक रहे राजनीतिक रोटियां
नई दिल्ली. नये कृषि कानून के विरोध कर रहे किसान आन्दोलन में ट्रैक्टर मार्च के नाम पर लोकतंत्र से जुड़े महापर्व पर जो कुछ हुआ उससे पूरा देश शर्मसार हो गया है। कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिये सरकार पर दबाव बना रहे किसान नेताओं की जिद के आगे देश की राजधानी में कानून कल दंगाईयों के आगे बेबस दिखाई दिया है। तिरंगा हाथ में लेकर ट्रैक्टर मार्च के जरिये टेरर फैला रहे दंगाईयों की करतूत पर दिल्ली पुलिस एक्सन लेने की तैयारी में गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक कर रहे हैं। लोकतंत्र को शर्मसार करने वाले इस वाकये पर राजनीति जारी है।
विपक्ष को मौका ही मौका
नये कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष केन्द्र की मोदी सरकार पर हमलावर किसानों की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही है ऐसा लगता है कि मानों दंगाईयों की करतूत को जायज ठहराने की कोशिश हो रही हो। 26 जनवरी को सामने आये घटनाक्रम को लेकर विपक्ष के नेताओं को बैठे बिठाये सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है। इस दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ट्वीट कर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने किया ट्वीट
रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि महात्मा बिदुर जैसे मंत्री कृपाचार्य जैसे राजगुरू, दोणाचार्य जैसे महारथी और भीष्म जैसे मार्गदर्शक होते हुए भी हस्तिनापुर का सर्वनाश कैसे हो गया? क्योंकि दुर्योधन के अहंकार के सामने सब मौन रहें और इस मौन की कीमत सबको चुकानी पड़ी थी। सोचा, याद दिला दूं।