मिग-21 के खाते में केवल हादसे नहीं रहा बल्कि जीत का लम्बा सिलसिला भी है
नई दिल्ली. मिग-21 एक मशहूर फायटर प्लेन है। यह सोवियत संघ में 1950 के दशक में तैयार किया गया था। इसकी पहली उड़ान 1955 में हुई थी। यह दुनिया का पहला सुपरसोनिक जेट फायटर था जो कि ध्वनि की गति से तेज उड़ सकता था। मिग-21 की खासियत थी इसकी तेज रफ्तार -यह मैक 2 की रफ्तार तक पहुंच जाता था। यह हवा में ऊचाई जल्दी चढ़ सकता था और दुश्मन के विमानों को आसानी से पकड़ लेता था। लेकिन मिग-21 की कहानी सिर्फ दुर्घटनाओं की नहीं है। यह शौर्य और जीत की लम्बी दास्तान है। कई युद्धों में इसने दुश्मनों को धूल चटाई है।
वियतनाम युद्ध में दिखाया कमाल
वियतनाम युद्ध 1966-1972 में उत्तर वियतनाम की हवाई सेना ने मिग-21 उड़ाये थे। अमेेरिकी विमानों के खिलाफ यह बहुत ही कारगर साबित हुआ। वियतनामी पायलटों ने मिग-21 से 165 दुश्मन विमान गिराये। जिसमें 103 एफ-4 फैटम शामिल थे। लेकिन स्वयं 65 मिग-21 खोये। दिसम्बर 1966 में मिग-21 ने बिना नुकसान के 14 अमेरिकी एफ-105 थंडरचीफ गिराये। 1972 में ऑपरेशन लाइनबैकर द्वितीय के दौरान एक मिग-21 ने बी-52 बॉम्बर को गिराया। यह पहली बार था जब बी-52 का हवा में मार गिराया गया। न्गुयेन वानकोक ने सबसे अधिक 9 जीत हासिकी की। मिग-21 ने अमेरिकी पायलटों के लिये सिरदर्द बना गया।
भारत के एयरफोर्स में मिग-21 का जलवा
भारत ने 1963 में पहला मिग- 21 खरीदा। 1962 में के चीन युद्ध के बाद हवाई सेना को मजबूत करने के लिये यह जरूरी था। 1966-80 तक भारत ने 872 मिग-21 लिये। नासिक में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन्हें बनाना शुरू किया। यह भारत का पहला सुपरसोनिक फायटर था। शुरू में ऊंचाई पर दुश्मन को रोकने के लिये इसका उपयोग किया। बाद में नजदीकी लड़ाई और जमीन पर हमलों में भी उपयोग किया गया।
1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध
1965 के युद्ध में मिग-21 की संख्या कम थी और पायलटों का प्रशिक्षण अधूरा. लेकिन फिर भी, इसने रक्षात्मक उड़ानों में अनुभव दिया. ग्नाट विमानों के बाद मिग-21 ने अपनी श्रेष्ठता दिखाई. यह युद्ध मिग-21 के लिए सीखने का मौका था.
1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध – जीत की ऊंची उड़ान
1971 का युद्ध मिग-21 का सुनहरा दौर था. भारतीय हवाई सेना के मिग-21 ने पश्चिमी मोर्चे पर हवाई श्रेष्ठता हासिल की. उन्होंने 4 पाकिस्तानी एफ-104 स्टारफाइटर, 2 शेनयांग एफ-6, 1 एफ-86 सेबर और 1 सी-130 हर्क्यूलिस गिराए. दो एफ-104 की पुष्टि हुई.
उपमहाद्वीप की पहली सुपरसोनिक हवाई लड़ाई में एक मिग-21एफएल ने जीएसएच-23 तोप से पाकिस्तानी एफ-104 गिराया. मिग-21 ने एफ-104 को हरा दिया, जिसके बाद पाकिस्तान ने सभी एफ-104 बंद कर दिए. इसके अलावा, मिग-21 ने रात के समय कम ऊंचाई पर पाकिस्तान के अंदर गहरे हमले किए.