मुरैना व श्योपुर के तत्कालीन कलेक्टरों ने अवैध की थी, सीएजी रिपोर्ट में खुलासा हुआ
भोपाल. मध्य प्रदेश में इस वक्त उपचुनाव की तैयारियों के बीच देश की स्वतंत्र जांच संस्था पूरी तरह एक्शन में है। कुछ दिनों पहले सीएजी ने प्रदेश विधानसभा में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की थी, सीएजी जिसे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक कहते है जो देश की एक स्वतंत्र जांच संस्था है। इस रिपोर्ट में प्रदेश सरकार का पूरा लेखा-जोखा सामने आया है। सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि मुरैना और श्योपुर कलेक्टर ने सहायक ग्रेड-3 के पदों पर अवैध नियुक्तियां की जिससे लगभग 76.12 लाख रुपये का अनियमित व्यय हुआ है।
20 पदों पर अवैध नियुक्तियों की पोल खुली
सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया कि जनवरी 2016 से मार्च 2018 के बीच मुरैना और श्योपुर जिले के कलेक्टरों ने अलग-अलग अवधि में कर्मचारियों की अवैध भर्ती की थी। तत्कालीन मुरैना कलेक्टर विनोद शर्मा और श्योपुर कलेक्टर विनोद सोलंकी ने सहायक ग्रेड-3 और सेवा कर्मचारियों के 20 पदों पर अवैध नियुक्तियां की थी। ये भर्तियां नियमों को ताक पर रख कर की गई थी। यहां वेतन और भत्तों के रूप में लगभग 76.12 लाख रुपये का खर्च किया गया जिसकी आधिकारिक जानकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास नहीं मिली है।
सीएजी ने बीते 21 सितम्बर को विधानसभा सदन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 से 2016 के बीच भोपाल और रायसेन के परियोजना अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मिलने वाले मानदेय में 3.19 करोड़ रुपए को डाटा एंट्री ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटरों के खाते में जमा करा दिए। ऐसे 89 खातों की जानकारी सीएजी की रिपोर्ट में सामने आयी थी।