22 जुलाई को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी की हड़ताल
भोपाल. मध्य प्रदेा कैबिनेट व राज्य सरकार द्वारा संविदा नीति 2023 मध्य प्रदेश कैबिनेट से स्वीकृत कर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को संविदा नीति जारी कर समस्त विभागों को तत्काल लागू करने के दिशा निर्देश दिए गए थे परंतु 1 वर्ष पूरा होने के उपरांत भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश द्वारा अब तक मानव संसाधन नीति जारी कर संविदा नीति 2023 के समस्त प्रावधान लागू नहीं किए गए है। यह कहा एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्या विजय ठक्कर ने। उन्होंने बताया कि सके विरोध में प्रदेश भर के सभी 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी हडताल पर रहेंगे। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारा प्रदेशभर के 32 हजार एचएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मी सामूहिक छुट्टी लेकर सेवा के दौरान मृत हुए साथियों के परिवार को न्याया दिलाने राज्य स्तरीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन एचएचएम कार्यालय भोपाल के सामने करेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदा नीति जारी कर एनपीएस 5 लाा रुपए का आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा संविदा कर्मियों और परिवार को उपलब्ध कराना, ग्रेज्यूटी, अनुकंपा नियुक्ति, प्रतिवर्ष सीपीआर दर के अनुरूप इंक्रिमेंट, शासकीय कर्मचारियों के समान समस्त अवकाश, शासकीय भर्तियों में संविदाा कर्मियों को 50 प्रतिशत का आरक्षा का लाभ, सहित कई ऐसी सुविधाएं है जो मानव संसाधन नीति के द्वारा स्पष्ट तौर पर लागू होगी जिस जारी करने में एनएचएम ने र्को संज्ञान अब तक नहीं लिया है।
नहीं तो करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल
विजय ठक्कर ने कहा कि एक ओर एनएचएमसंविदा कर्मियों के लिए नीति लागू करने के आदेश जारी नहीं हो रहे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल द्वारा स्वास्थ्य विभाग के नियमित पदों के विरूद्ध सेवाएं दे रहे संविदा कर्मियों के आदेश पिछले वर्ष ही जारी कर दिए गए है। ग्रेड- पे सुधार को लेकर 36 से अधिक केडर अपनी अपील प्रस्तुत कर चुके हैं, लेकिन एक साल हो गया अपील का निराकरण नहीं किया गया है। प्रदेश के 32 हजार एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है। इसिलए हमने यह निर्णय लिया है। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो जल्द ही अनिश्चित कालीन हड़ताल एवं काम बंद, कलम बंद का सामूहिक निर्णय लिया जाएगा।