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बंगलादेश में फंसे भारतीय छात्रों के लिये मसीहा बनी BSF, 1 हजार छात्र भारत वापिस लौटै

नई दिल्ली. बंगलादेश में इन दिनों हालात सामान्य नहीं हैं। सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग को लेकर छात्र हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालात को नियंत्रित करने के लिये राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू किया गया है और इसके बाद लगभग 1 हजार भारतीय छात्र बंगलादेश से वापिस लौट आये हैं। आपको बता दें कि हिंसक झड़पों में अभी तक 115 से अधिक लोग मारे गये हैं।
त्रिपुरा से सटे बंगलादेश के सीमावर्ती जिले ब्राहम्णबारिया मेडीकल कॉलेज में पढ़ने वाले 36 छात्रों के लिये बीएसएफ मसीहा बन गयी है। दरअसल, 20 जुलाइ्र की सुबह त्रिपुरा फ्रंटियर के महानिरीक्षक पीयूष पुरूषोत्तम पटेल के पास बंगला देश के ब्राहम्णबारिया मेडीकल कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र के परिजन का फोन आया है। उन्हें वहां फंसे भारतीय छात्रों की दुर्दशा के बारे में बताया गया और साथ ही कहा कि इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह छात्रों की कुशलक्षेम पता करना मुश्किल हो रहा है।
IG बीएसएफ ने कॉमिला में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (BGB) के क्षेत्र कमांडर से कॉन्टेक्ट किया और दोनों सीमा सुरक्षाबलों के बीच चैनल एक्टिव किए गए. इसके बाद एक सुनियोजित ऑपरेशन में BSF और BGB ने मिलकर काम किया. BGB ने BOP अखुरा के पास बॉर्डर तक स्टूडेंट्स के सुरक्षित मार्ग का ध्यान रखा और उसके बाद BSF ने इन छात्रों की देखभाल की. बॉर्डर पर इन छात्रों को खाना उपलब्ध कराया गया. इसके बाद BSF की गाड़ियों से उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।
भारतीय उच्चायोग ने 13 नेपाली छात्रों की वापसी में भी मदद की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. हम इसे देश का आंतरिक मामला मानते हैं. भारतीयों की सुरक्षा के संदर्भ में विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद इस मामले पर करीब से नजर रख रहे हैं.’ पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित बेनापोल-पेट्रापोल; गेडे-दर्शाना और त्रिपुरा में अखौरा-अगरतला क्रॉसिंग छात्रों और भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए खुले रहेंगे. भारतीय उच्चायोग बीएसएफ और इमिग्रेशन ब्यूरो के समन्वय से बांग्लादेश से भारतीय छात्रों की वापसी की सुविधा प्रदान कर रहा है।

 

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