20 लाख बच्चों से सच क्यों छिपा रही सरकार, पुलिस रिकॉर्ड में 4 पेपर रात में ही लीक होना दर्ज

भोपाल. एमपी बोर्ड पेपर लीक मामले में सरकार 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षा दे रहे 20 लाख बच्चों और उनके परिजनों से सच छिपा रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार परीक्षा से 30 मिनट पहले आउट हुए पेपर को लीक नहीं मान रहे हैं, लेकिन 12वीं बायलॉजी का पेपर आउट होने की राजगढ़ के माचलपुर थाने में दर्ज एफआईआर में साफ लिखा है कि पेपर सुबह 6 बजे ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। इसके अलावा एफआईआर में 4 अन्य पेपर के सोशल मीडिया पर वायरल होने का समय रात का लिखा हुआ है।

13 पेपर एग्जाम से 10 घंटे पहले लीक होना पाए गए
हालांकि पड़ताल में प्रश्नपत्र एक दिन पहले लीक होने के भी प्रमाण मिले हैं। 11 मार्च को हुआ 10वीं गणित का पर्चा एक दिन पहले यानि 10 मार्च को रात 11:01 बजे ही टेलीग्राम पर पहुंच गया था। अब तक कुल 16 दिन परीक्षाएं हुई हैं, जिनमें 13 पेपर एग्जाम से 10 घंटे पहले लीक होना पाए गए हैं। लेकिन, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार आज भी पेपर लीक मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि आप चाहे कुछ भी कहो, हम लीक नहीं मानेंगे।

बोर्ड ने 9 परीक्षा केन्द्रों पर की कार्रवाई
प्रदेश में कुल 9 परीक्षा केन्द्रों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें केन्द्राध्यक्ष, सह केन्द्राध्यक्ष सहित अन्य स्टाफ मेंबर्स पर परीक्षा से पहले पेपर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में एफआईआर कराई गई। लेकिन पड़ताल में एक दिन पहले रात 11:01am बजे, 01:27am, 01:49am और 02:23am बजे से टेलीग्राम पेपर वायरल हुए पर्चों के संबंध में कहीं कोई एफआईआर नहीं हुई।

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