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उत्कृष्टता की खोज प्रतिदिन जारी रहनी चाहिए – मुख्य न्यायाधिपति

नवीन अधिवक्तागणों के लिये विशेष कार्यशाला आयोजित

ग्वालियर जिस जमीन की नींव मजबूत न हो उस पर एक सुदृढ़ भवन नहीं बन सकता। उसी प्रकार जब तक एक नवीन विधि स्नातक छात्र विधि की समस्त आधारीय संकल्पनाओं एवं न्यायालयीन कार्यशैली का ज्ञान अपने वरिष्ठों से नहीं सीखता तब तक वह एक योग्य अधिवक्ता नहीं बन सकता। इस आशय के उदगार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमथ ने राज्य न्यायिक अकादमी के तत्वावधान में उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में नवीन अधिवक्तागणों के लिये आयोजित हुई विशेष कार्यशाला में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता की खोज प्रतिदिन जारी रहनी चाहिए।
शनिवार को उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर परिसर में स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र में मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा नवीन अधिवक्तागणों के लिये विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
नवीन अभिभाषक की कानूनी आधारशिला को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसलिये नवीन अभिभाषकगणों के लिये न्यायिक प्रक्रिया के संदर्भ में कानूनी व्यवहारिकता तथा विचारधारा को समझाने तथा उन्हें अपने व्यवहार में लाने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है इस कार्यशाला में पाँच वर्ष तक के विधि व्यवसाय वाले अभिभाषकों के लिये यह कार्यशाला आयोजित की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य नवीन अभिभाषकगणों को न्यायिक प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना था।
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति रोहित आर्या ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सभी प्रतिभागी विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए है। लेकिन इन सब में एक सामान्य बात यह है कि आप सब एक अधिवक्ता के रूप में यहाँ उपस्थित हुए हैं। इसलिए हमें पेशेवर सोच व पहचान बनाना है।
कार्यशाला में मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के अधिकारीगण, उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष, सदस्यगण, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं अन्य समस्त अभिभाषकगण शामिल हुए। कार्यशाला में लगभग 150 नवीन अभिभाषक शामिल हुए।

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