मप्र में लॉकडाउन के बाद फिर होगा मंत्रालय से लेकर मैदानी पदस्थापना में परिवर्तन
भोपाल. कोरोना की आहट के बीच हुए सत्ता परिवर्तन के कारण धीरे धीरे ही सही पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रशासनिक सर्जरी को अंजाम दे दिया। मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक अब तक कई बदलाव किए जा चुके है। यह सिलसिला अभी जारी रहेगा और लॉकडाउन समाप्त होने के बाद एक बार फिर मंत्रालय और मैदानी स्तर पर पदस्थापना में परिवर्तन होगा इसमें उन 24 विधानसभा सीटों का भी खास ध्यान रखा जाएगा जहां उपचुनाव होने हैं।
मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर फीडबैक ले रहे
इसके मद्देनजर अभी मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों से प्रतिदिन मुलाकात कर फीडबैक भी ले रहे है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने अभी तक जो प्रशासनिक बदलाव किए है उसका मुख्य आधार कोरोना नियंत्रण में प्रभावी भूमिका निभाने में असफल रहना या फिर संगठन व जनप्रतिनिधियों का फीडबैक रहा है। राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता हो या रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव दोनों को एक झटके में मुख्यमंत्री ने हटा दिया। दोनों को लेकर संगठन की नाराजगी थी वहीं इंदौर, उज्जैन, खंड़वा, बुरहानपु कलेक्टर कोरोना नियंत्रण में प्रभावी भूमिका निभाने में असफल रहे। उमरिया कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी के अगुवाई में पूर्व मंत्री संजय पाठक के रिसॉर्ट पर बुल्डोजर चलाया गया था तो छिदवाड़ा कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा विभानसभा चुनाव के समय से ही निशाने पर थे।
सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल को निजी वजहों से कलेक्टर की जिम्मेदारी से मुक्त किया गया। भोपाल कमिश्नर पद से कल्पना श्रीवास्तव को हटाए जाने का निर्णय जरूर चौंकाने वाला रहा क्योंकि पिछली सरकार में भी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई थी। इसी तरह कुछ जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की पदस्थापना में भी बदलाव किया गया।
मंत्रालय स्तर पर अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर पर कई बदलाव हुए। मुख्यमंत्री सचिवालय में सचिव एम. सेलवेंद्रन को छोड़कर पूरी नई टीम बनाई गई। पुलिस की टीम में बड़ा बदलाव किया जा चुका है। नई पारी में नए अंदाज में काम इसके माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज ने यह संदेश भी दिया कि नई पारी में काम बिल्कुल नए अंदाज में होगा।
मैदानी स्तर पर कुछ और बदलाव किए जाएंगे
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक स्तर पर परिवर्तन का यह सिलसिला अभी जारी रहेगा। 31 मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए मैदानी स्तर पर कुछ और बदलाव किए जाएंगे। खासतौर पर उन 24 विधानसभा सीटों को मद्देनजर रखते हुए निचले स्तर पर जमावट होगी जहां उपचुनाव होने है इसके लिए मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों से फीडबैक भी ले रहे है।