कोविड-19 में लगे जेएएच के 60 डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ को होटल खाली करने को कहा
ग्वालियर. जयारोग्य अस्पताल के 60 जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ शहर के 3 होटल में रह रहे है यह वा डॉक्टर है जिनकी ड्यूटी कोविड-19 के मरीजों को देखने और उनके इलाज के लिए लगाई गई है। अस्पताल का संक्रमण घर तक न पहुंचे लिहाजा जनता कर्फ्यू के बाद से लागू लॉकडाउन में यह डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी के बाद होटल में अलग रह रहें है लेकिन अब इन डॉक्टरों को होटल के कमरे जल्द खाली करने होंगे। नई व्यवस्था के तहत जेएएच के इन जूनियर डॉक्टरों को अब अस्पताल परिसर में ही बने इंटर्न हॉस्टल में रहना होगा इसके लिए इंटर्न हॉस्टल को रिनोवेट कराने की डिमांड जूनियर डॉक्टरों ने रखी है।
जूनियर डॉक्टर्स को जिस इंटर्न हॉस्टल में रहने के लिए कहा जा रहा है वहां प्रशासन ने क्वारेंटाइन सेंटर बनाया था। इस क्वारेंटाइन सेंटर्स में देश भर के हॉट स्पॉट से ग्वालियर आने वाले लोगों को रोका जा रहा था। जूनियर डॉक्टर्स ने अस्पताल परिसर में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने का विरोध यह कहते हुए किया था कि यहां आम बीमारियों के मरीज भी आते है ऐसे में कोरोना वायरस का खतरा सभी को है लिहाजा प्रशासन ने इस क्वारेंटाइन सेंटर को बंद कर दिया।
अब डॉक्टर्स ने प्रशासन से पूरी सुविधाएं जुटाने की डिमांड रखी
होटल खाली कर इंटर्न हॉस्टल में शिफ्ट होने के निर्देश पर अब जूनियर डॉक्टर्स ने प्रशासन से पूरी सुविधाएं जुटाने की डिमांड रखी है। हॉस्टल में करीब 66 कमरे है इनमें से कुछ कमरों में फर्नीचर, एयर कंडीशनर, टेबल कुर्सी, अलमारी व खानपान की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है। इसको लेकर कल जीआरएमसी डीन डॉ. एसएन अयंगर ने एक समिति का गठन किया है। समीति सदस्य डॉ. विनीत चतुर्वेदी, डॉ सुनील अग्रवाल, डॉ. देवेन्द्र कुशवाह व जूनियर डॉक्टर अनिल शर्मा ने इंटर्न हॉस्टल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जल्द ही हॉस्टल के कमरों को रिनोवेट कराने का निर्णय लिया गया।