बड़ा खुलासा, स्टूडेंट वीजा पर जा रहे पाकिस्तान, आतंक की ट्रेनिंग लेकर लौट रहे जम्मू कश्मीर
जम्मू कश्मीर. तमाम नाकाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान घाटी में अशांति के लगातार प्रयास कर रहा है। 2021 में ही जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने अभी तक 7 पाकिस्तानी नागरिकों सहित कुल 89 आतंकवादियों को मार गिराया फिर भी 200 से ज्यादा आतंकवादी अभी सक्रिय है। ये सभी सेना के रडार पर है।
सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश
कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि इन 89 आतंकवादियों में से 7 विदेशी आतंकवादी थे। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले कम है लेकिन इस साल ज्यादा संख्या में उनके शीर्ष कमांडर मारे गए है इसी दौरान सेना की 15वीं कोर के जनरल अफसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी.पी. पांडेय ने बताया कि केन्द्र शासित प्रदेश में करीब 200 से 225 आतंकवादी मौजूद होंगे हालांकि उन्होंने कहा कि इस साल अभी तक सीमा पार से घुसपैठ की कोई कोशिश सफल नहीं हुई है।
पाकिस्तान से वैध वीजा पर घुसपैठ की साजिश
लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय ने बताया कि घुसपैठ की एक-दो कोशिशों की सूचना थी हमने अभियान चलाया है जिसका लक्ष्य आतंकवादियों का पता लगाना और उन्हें मार गिराने का है लेकिन जमीनी स्तर से मिली सूचना के अनुसार घाटी में 15वीं कोर के जोन में घुसपैठ की कोई कोशिश सफल नहीं हुई है। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में शोकबाबा सुमलार-अरागाम इलाके में अभियान चलाकर पिछले सप्ताह 3 आतंकवादियों को मारे जाने के संबंध में सेना के अधिकारी ने बताया कि तीन आतंकवादियों में से दो वैध वीजा लेकर 2017 से 2018 में पाकिस्तान से भारत आए थे।
शिक्षा के नाम पर आतंकवाद की ट्रेनिंग
लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय ने कहा कि ये घुसपैठियों का यहां युवकों को पाकिस्तान ले जाकर ट्रेनिंग देने और आतंकवादी के रूप में वापस भेजने का तरीका है। कम से कम 40 युवक शिक्षा के नाम पर वैध वीजा लेकर पाकिस्तान गए है लेकिन वे सभी आतंकवादी बनकर लौटे है। दक्षिण कश्मीर में तैनात विक्टर फोर्स के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल राशिम बाली ने कहा कि वहां से लौटने वाले युवकों का उचित स्वागत किया जाएगा लेकिन जो हथियार लेकर लौट रहे है उन्हें नहीं बख्शा जाएगा। आईजी ने कहा कि वैध वीजा लेकर पंजाब में वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान जाने वाले 40 युवकों में से 27 हथियार लेकर लौटे है और उन सभी को मुठभेड़ में मार गिराया गया है उन्होंने कहा कि बाकी अभी सीमा पार ही है उनमें से कुछ ही अपने परिवार के संपर्क में हैं।