किसान नेताओं ने किया विश्वासघात, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा- दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव
नई दिल्ली. मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पुलिस ने बताया कि लाल किले पर हुई घटना और हिंसा की जांच की जा रही है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या-क्या शर्तें रखी थी दिल्ली पुलिस ने
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस द्वारा किसान नेताओं से अपील की गई थी कि गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च ना निकालें हालांकि किसानों ने इससे इंकार कर दिया इसके बाद पुलिस ने किसानों से कंुडली हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालने को कहा लेकिन इस बात पर भी किसान नेता नहीं माने। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया था कि कुछ शर्तें लागू की जाएंगी जिसके बाद उन्हें ये शर्तें लिखित में भी दी गई जिसमें बताया गया था कि रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक होगी और किसान नेता अपने संगठनों की अगुवाई करेंगे। शर्तों में यह भी लिखित में बताया गया था कि रैली में 5000 से ज्यादा ट्रैक्टर नहीं होने चाहिए और ना ही किसी के पास कोई हथियार होना चाहिए। 25 जनवरी की शाम तक उपद्रवी तत्वों द्वारा किसानों के मंच पर कब्जा कर लिया गया और उकसाने वाले भाषण दिए गए जिसमें उनकी मंशा साफ थी।
किसान नेताओं ने किया विश्वासघात
पुलिस कमिश्नर ने ये भी कहा कि किसान नेताओं ने विश्वासघात किया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, राकेश टिकैत के नाम शामिल है। पुलिस ने कई ट्विटर हैंडल की भी पहचान की है जिनसे लोगों को भड़काया गया। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को मुकरबा चौक पर किसान तय रूट से अलग जाने लगे इस दौरान किसान नेताओं सतनाम सिंह पन्नू ने भडकाऊ भाषण भी दिया इसके साथ ही किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने भी तय रूट पर जाने से मना कर दिया। पुलिस के मुताबिक टीकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने हंगामा किया।