भोपाल. VIP रोड पर रविवार की रात को मोटरसाईकिल सवार दम्पत्ति सड़क हादसे में घायल हो गये। लगभग आधे घंटे तक सड़क पर पति-पत्नी लहूलुहान अवस्था में तड़पते रहें। घटनास्थल पर पुलिस और भारी भड़ एकत्रित थी। इस दौरान वहां वीवीआईपी का काफिला गुजरा। घायलों को अस्पताल पहुंचान तो दूर पुलिस सड़क खाली कराने में जुटी रही। जिसके बाद घायल के पास ही काफिले को निकाल गया। इस बीच यातायात पुलिस का जवान कहता सुनाई दिया कि चलो साइड में रहो और बाद में लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और जहां कुछ ही देर के बाद युवक को मृत घोषित कर दिया गया है।
क्या है घटनाक्रम
आकाश मालवीय पुत्र नरेश मालवीय 25 वर्ष निवासी न्यू जेल रोड गोंडीपुरा एक मेडिकल स्टोर पर सेल्समैन था। तीन साल पहले उसने लव मैरिज की थी। रविवार की रात को पत्नी परी मालवीय के साथ ससुराल रिश्तेदार की शादी में शामिल होने कमला पार्क इलाके जा रहे थे। वीआईपी रोड पर होटल नूर उस सबा के पास उनका एक्सीडेंट हो गया था। परिजनों का कहना है कि, फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि किसी वाहन ने आकाश की बाइक को टक्कर मारी या वह खुद डिसबैलेंस होने के बाद वाहन सहित गिरा था। हालांकि पुलिस का अनुमान है कि, तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से उसकी मौत हुई। पुलिस हादसे का सही कारण जानने घटना स्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है।
भाई बोला कि अगर पुलिस मुस्तैदी दिखाती तो शायद भाई बच जाता
मृतक के छोटे भाई अंशु मालवीय ने कहा है कि हादसे के बाद भाई की सांसें चल रही थी। भाभी भी गंभीर हालत है। इस दौरा वहां से एक वीवीआईपी का काफिल गुजरा। पुलिस इस काफिले के गुजरने के लिये व्यवस्था बनाती रहीं। घायलों को समय पर अस्पताल नहीं भेजने कोई प्रयास नहीं किया। शायद समय पर पुलिस भाई को अस्पताल पहुंचाती को उनकी जान बच जाती है।
ग्वालियर. आपने प्रेम कहानिंया तो बहुत सुनी होगी। लेकिन ग्वालियर में इन दिनों एक अलग ही प्रेम कहानी की चर्चा हो रही है। घर से भागकर एक प्रेमी जोडे ने लव मैरिज कर ली है। प्रेमी मुस्लिम समुदाय से है तो प्रेमिका हिन्दू समुदाय से है। लेकिन इस बार इसे लव जेहाद नहीं कहा जा रहा है। अपने प्यार के लिये लड़का-लड़की के हिन्दू धर्म को अपनाना चाहता है। उसने कहा है कि वह प्यार के लिये हिन्दू धर्म अपनायेगा।
वहीं, दूसरी तरफ प्रेमिका ने कहा है कि मेरे लिये अब सब कुछ यही है। इस लव मैरिज का विरोध दोनों के परिवार कर रहे है। अब इस प्रेमी जोड़े ने हिम्मत कर एसपी धर्मवीर सिंह से सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस अधिकारियों ने इस प्यार को समझते हुए उनकी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
क्या है मामला
यह मामला ग्वालियर के जनकगंज थाना क्षेत्र के सब्जी मंडी के पास स्थित संजय नगर का है। संजय नगर निवासी विक्की उर्फ सलमान खान को पास ही रहने वाली एकता कुमारी से प्यार हो गया। बचपन से दोनों साथ खेले थे और परिवार में आना जाना था। कुछ दिन पहले दोनों ने अपने-अपने धर्म, समाज व परिवार की परवाह न करते हुए घर से भागकर दिल्ली में 13 सितंबर को आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ दोनों शादी कर ली। शादी करने के बाद 24 सितंबर को दोनों ग्वालियर वापस लौट आए। इसके बाद वह ग्वालियर के हाईवे स्थित गिरवाई इलाके में किराये पर रूम लेकर रहने लगे थे। इस दौरान एक दूसरे के परिजन दोनों को तलाशते हुए मारपीट करने के लिए ढूंढ़ रहे थे।
हिन्दू प्रेमिका बोली हिन्दू धर्म अपनायेगा
विक्की उर्फ सलमान और एकता ने बताया है िकवह एक दूसरे से प्यार करते हैं। इस प्यार को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने शादी कर ली है। लेकिन उनके परिवार वाले इस शादी के लिये तैयार नहीं थे। इसलिये उन्होंने घर से भाग कर दिल्ली में हिन्दू धर्म को साक्षी मानकर शादी कर ली। दोनों एक-दूसरे के साथ ही रहना चाहते है। एकता का कहना है कि उसने अपनी मर्जी से सलमान से शादी की है। एकता ने बताया है िकवह अपना धर्म नहीं बदलेगी बल्कि सलमान ने वादा किया था कि वह अपना धर्म बदलकर हिन्दू धर्म अपनायेगा।
झांसी. उत्तरप्रदेश के झांसी में अस्पताल हत्याकांड ने 12 बच्चों जान ले ली और पूरे देश को हिलाकर रख दिया। अब उसमेंु सबसे बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। हॉस्पिटल में आग लगने के मामले में अब बड़ी चूक की बात सामने आ रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि झांसी मेडीकल कॉलेज में जिस Co2 मल्टी पर्पज फायर एक्सटिग्विशर से आग बुझाई जा रही थी। उसका उपयोग ICU वार्ड में नहीं किया जाना चाहिये था। ICU या NICU वार्ड में Co2 बेस्ड फायर एक्सटिंग्विशर का ही उपयोग किया जा सकता है। एसएनसीयू वार्ड स्विच बोर्ड में शॉर्ट-सर्किट से आग लगी और उसे सिर्फ Co2 बेस्ड फायर एक्सटिंग्विशर से ही बुझाया जा सकता है।
अस्पताल बोला कि
आपको बता दें कि दिल दहला देने वाले इस अग्निकांड में अभी तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन 12 मासूमों की मौत की बात को नकार रहा है। अस्पताल प्रबंधन अग्निकांड में 10 बच्चों की मौत की बात तो मान रहा है लेकिन बाद में हुई 2 बच्चों की मौत की वजह कुछ और ही बता रहा है।
6 नर्स 2 लेडी डॉक्टर भी मौजूद
घटना के समय एनआईसीयू वार्ड में 6 नर्स, अन्य स्टाफ और 2 लेडी डॉक्टर मौजूद थी। स्विच बार्ड में शॉर्ट सर्किट के चलते चिंगारी भड़की थी। जिससे आग लग गयी। स्विच बोर्ड में लगी आग वार्ड में लगी मशीनों के ऊपर प्लास्टिक कवर तक पहुंच गयी थी। प्लास्टिक कवर से आग टपक कर नीचे गिरने लगी। जिसके बाद तेजी से वार्ड में फैल गयी थी।
भोपाल. राज्य सरकार का स्थाई आदेश है कि मुख्य सचिव को न्यायालय में पार्टी न बनने दिया जाये। जहां भी अवमानना के प्रकरण में मुख्य सचिव नामजद पार्टी हैं। उसे वहां हटवाया जाये। बावजूद इसके 167 स्थाई कर्मियों के नियमितीकरण के अवमानना प्रकरण में पूर्व मुख्य सचिव वीरा राणापार्टी बन गयी है। उन्हें न्यायालय में उपास्थित रहने का नोटिस जब पहुंचा त बवह सेवानिवृत्त हो चुकी थी। मुख्य सचिव कार्यालय में उपसचिव डीके नागेन्द्र ने नोटशीट लिखी थी कि हाईकोर्ट के प्रकरण क्रमांक 2946/2024 राजेन्द्रप्रसाद पटेल बनाम वीरा राणा में मुख्य सचिव कोर्ट में उपस्थित होना है इसलिये समस्त विभाग प्रकरण आवश्यक कार्यवाही कर अवगत कराये। इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल इस मामले में विभागों से जो जानकारी मुख्य सचिव कार्यालय को भेजी गयी, उसमें कहा गया हैकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप स्थाई कर्मियों के जो आवेदन मिले है। उनका समाधान कर दिया गया है।
50 हजार स्थाई कर्मियों के न्यायालय में लंबित हैं मामले
मध्यप्रदेश में दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण के मामले में सरकार सोई रहती है न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रकरणों का निराकरण नहीं कर रहे है। ऐसे न्यायालय मुख्य सचिव को तलब करता है तो उन्हें नामजदगी से हटाने के लिये आवेदन दे रहे है। यह तो सरासर लापरवाही है। स्थाई कर्मियों का मामला बड़ा ही पैचीदा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम कर्नाटक राज्य प्रकरण में 2006 में जो फैसला सुनाया, असी के अनुरूप् राज्यों में खासतौर पर वर्क्स डिपार्टमेंट में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में समस्त संभागों में चीफ इंजीनियर की अगुवाई में एक छानबीन समिति गठित की गयी है। जिसे न्यायालय के निर्देशानुसार दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करना था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफतौर पर कहा था कि ऐसे कर्मी फैसले की तारीख को जिनकी सेवा 10 वर्ष की हो गयी है। उन्हें नियमित किया जाये। भर्ती अनियमित हो लेकिन अवैधानिक न हो। जिस पद के लिये नियमित किया जाना है।
उस उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हों यह समस्त प्रक्रिया सिर्फ एक बार के लिये रहेगी। इसे परंपरा न बनाया जाये। राज्य सरकार ने इन्हीं मापदंडों के मुताबिक दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण कर दिया जाये और जो मापदंड पूरे नहीं कर रहे थे उन्हें सेवा से अलग नहीं किया जाये और एक नया नाम दिया स्थाई कर्मी । इनका अलग से वतन का स्ट्रक्चर निर्धारित किया गया और शासकीय सेवकों के समान रिटायरमेंट की आयु भी 62 वर्ष तय कर दी। इस परिधि में प्रदेश में विभिन्न विभागों में कार्यरत 50 हजार से अधिक कर्मचारी है जो स्थाई कर्मी है। इसके बाद से ही लगातार स्थाई कर्मी बने यह कर्मचारी नियमितीकरण की मांग करते रहे हैं।
ओआईसी दें नाम हटाने के आवेदन
जीएडी के स्टेंडिंग आर्डर है, कि चीक सेक्रेटरी को न्यायालय में पार्टी नहीं बनाया जाये, क्योंकि प्रकरण से उनका कोई लेना देना ही नहीं है। संबंधित विभाग के प्रभारी अधिकारी न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर प्रकरण से नाम हटाने के लिये आवेदन दें। यह कार्यवाही सुनवाई के दौरान ही की जा सकती है।
बीके वख्शी, अधिवक्ता, एमपी हाईकोर्ट
सरकार के न्यायालय में चल रहे अलग-अलग प्रकरणों में सुनवाई के लिये लॉ ऑफीसर नियुक्त किये गये है जो इस काम को देख रहे है। हर एक प्रकरण का आफीसर अध्ययन करते हैं और न्यायालय में जबाव रखते हैं।
प्रशांत सिंह, महाधिवक्ता
ग्वालियर – मेडीकल स्टोर सहित अन्य दवा एजेंसियों के भण्डारों का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। इस कड़ी में औषधि निरीक्षक अनुभूति शर्मा द्वारा रविवार को सहकारी बाजार स्थित अक्षय ट्रेडर्स, गुप्ता मेडीकल एजेंसी व मनन फार्मा का औचक निरीक्षण किया गया। इन दवा दुकानों के रिकॉर्ड की जाँच के साथ-साथ दवाओं के नमूने जाँच के लिये एकत्रित किए गए हैं।
निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने दवाओं के रख-रखाव, एक्सपायरी डेट की दवाओं का प्रबंधन तथा दवाओं के क्रय-विक्रय संबंधी दस्तावेजों की बारीकी से जाँच की। उन्होंने अक्षय ट्रेडर्स के संचालक को दवाओं की खरीदी-बिक्री के समस्त रिकॉर्ड दो दिन के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने गुप्ता मेडीकल एजेंसी से भूख बढ़ाने वाले सीरप सिप्रो फोर्ट व शरीर में कैल्शियम की कमी दूद करने वाले महाकेल सशपेंशन के नमूने जाँच के लिए एकत्रित किए। इसी तरह मनन फार्मा से शिशुओं के लिये इस्तेमाल होने वाले मसाज ऑयल व फैशियल कॉस्मैटिक बार के सेम्पल उन्होंने लिए। फर्म को खरीदी बिल प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सभी फर्मों से लिए गए दवाओं के इन नमूनों को राज्य औषधि प्रयोगशाला भोपाल में जाँच के लिये भेजा जायेगा।
शिवपुरी. खनियाधाना कस्बे में आज आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील के पास चक्काजाम कर दिया। लगभग 1 घंटे के बाद जाम की खबर मिलने पर प्रशासन ने चक्काजाम स्थल पर पहुंचकर मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर घरना प्रदर्शन खत्म हुआ है। इन्दौर से खनियाधाना पहुंचे आजाद समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद यादव ने इस बीच सीएम मोहन यादव पर जमकर हमला बोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव -गांव अवैध शराब की दुकान खोली गयी। ऐसा करने में सरकार का ही हाथ है।
नशे को बढ़ावा दे रही सरकार
केन्द्र सरकार देश को विश्व गुरू बनाने का सपना दिखा रही है। वहीं, दूसरी ओर नशे को भी बढ़ावा दे रही है। इस प्रकार केन्द्र सरकार यह सपना कभी पूरा नहीं होने वाला। पिछोर विधानसभा में भी गांव-गांव शराब बिक रही है। गरीब लोगों पर अत्याचार हो रहे है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसी के चलते आज खनियाधाना में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। प्रशासन ने आश्वस्त किया है िकवह जल्द-जल्द उनकी मांगों को पूरा करेंगे।
श्योपुर, -विजयपुर विकासखण्ड के ग्राम गोहटा पहुंचे कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल एवं पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन द्वारा सर्व समाज से एक साथ बैठाकर चर्चा की गई तथा संतुष्टिपूर्ण समाधान कराया गया। इस अवसर पर एसडीओपी राधवेन्द्र सिंह तोमर, तहसीलदार श्रीमती मनीषा मिश्रा, नायब तहसीलदार नरेन्द्र जैन, थाना प्रभारी विजयपुर पप्पू यादव सहित अन्य अधिकारी एवं सरपंच प्रतिनिधि रामस्वरूप रावत उपस्थित थे।सर्व समाज को एक साथ बैठाकर चर्चा की गई तथा सामाजिक सद्भाव बनाये रखने की समझाइश दी गई, ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में आज तक सामाजिक स्तर पर किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न नही हुई। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सभी के द्वारा स्वतंत्रतापूर्वक मतदान किया गया है। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि गांव के बुजुर्ग लोग आपसी सामंजस्य बनाये रखे। गांव में 91 प्रतिशत मतदान हुआ है, पिछले विधानसभा चुनाव में भी इतना ही मतदान संपन्न हुआ था।
गांव हमारी संस्कृति, परम्परा के संवाहक
गांव हमारी संस्कृति, परम्पराओं, रीति रिवाजो के संवाहक है। सभी समाजों का दायित्व है कि प्रेम और भाईचारा बना रहें, जैसा कि ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में कभी सामाजिक विवाद नही हुआ, इस परम्परा को बनाये रखे तथा समाज के बुजुर्ग अपने-अपने समाज के युवाओं पर नियंत्रण रखें। किसी को कोई परेशानी हो तत्काल एसडीओपी और तहसीलदार को बताये।कानून सर्वोपरी है, समस्या होने पर पुलिस को सूचित करें, तत्काल उचित कार्यवाही की जायेगी। कानून एवं सुरक्षा की स्थिति बनी रहें, इसके लिए सभी समाज के बुजुर्ग आगे आये और अपना दायित्व निभायें।
सदभाव समन्वय समिति का गठन
कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी में ग्रामीणों द्वारा सुझाये गये नामों को शामिल करते हुए सदभाव समन्वय समिति का गठन किया गया, इस समिति में धारा सिंह जाटव, सियाराम जाटव, रोशन जाटव, बिडंल जाटव, रामनिवास पंडित, कंमोदी रावत पटेल, मुंशी मेहते, रामजी पटेल, अमर सिंह मेहते को शामिल किया गया। समिति को जिम्मेदारी दी गई कि किसी भी पक्ष की ओर से कोई विवाद सामने आने पर समिति में शामिल लोग मिल बैठकर बात करेंगे तथा ग्राम स्तर पर उसका निराकरण करेंगे। इसके अलावा एसडीओपी एवं तहसीलदार को अवगत करायेगे। समिति को गांव में शांति व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी सौपी गई है।
ग्वालियर -प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययन शाला, जीवाजी विश्वविद्यालय, के छात्र/छात्राएँ आज अजयगढ़ किला, मध्यप्रदेश जो पन्ना जिले में स्थित है। इसे चंदेल वंश के राजाओं ने 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच बनवाया। इसके बाद यह किला विभिन्न शासकों के अधीन रहा, जिनमें बुंदेला और मुगल शामिल थे। यह किला विंध्य पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों पर बना हुआ है और समुद्र तल से लगभग 688 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे बुंदेला राजवंश द्वारा बनवाया गया था और यह ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वास्तुकला एवं स्थापत्य
किला उत्कृष्ट वास्तुकला का उदाहरण है। इसमें पत्थरों से बनी ऊंची दीवारें, दरवाजे और गढ़ संरचनाएं हैं। किले के भीतर जलाशय और प्राचीन मंदिर भी मौजूद हैं। यहां से केन नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। किले के अंदर कई प्राचीन मूर्तियां और शिलालेख रॉक कट शैली में निर्मित किए गए हैं जिनमें हिंदू एवं जैन धर्म की मूर्तियों को बनाया गया हैं
गुप्त काल की वास्तुकला अपनी सादगी और कलात्मक भव्यता के लिए जानी जाती है। अजयगढ़ किले में पत्थरों पर की गई नक्काशी, मूर्तियां और मंदिर निर्माण में गुप्तकालीन शैली की छाप स्पष्ट दिखाई देती है। भगवान शिव को समर्पित गुप्त कालीन मंदिरो की स्थापत्य शैली के साथ साथ दुर्ग के सामरिक और रणनीतिक महत्व को समझा यहां मंदिर प्रांगण में कुल तीन मंदिर जिनमें दो मंदिरों में गर्भ ग्रह, सभा मंडप, मंडप बनाए गए है और एक मंदिर में तीन ओर से प्रवेश द्वार और तीन तलीय बनाया गया हैं एक अन्य मंदिर जो अर्द्धनिर्मित मंदिर हैं जिसका शिखर ऊंचा बनाने की कोशिश की गई यह मंदिर पूर्ण रूप से अपूर्ण है। ये मंदिर गुप्त कालीन मंदिर के मंदिर स्थापत्य कला के अंतिम मंदिर श्रेणी में आते है जो लगभग 8- 9वीं शताब्दी के हैं साथ ही गुप्तों द्वारा जल प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत जल संरक्षण और प्रबंधन पर जोर दिया गया था। अजयगढ़ किले में मौजूद जलाशय और सरोवर गुप्तकालीन तकनीकों और योजनाओं की झलक भी देखने को मिलती हैं।
अजयगढ़ दुर्ग के बाद में खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर, वराह मंदिर, नंदी मंडप, मतंगेश्वर आदि चंदेल कालीन मंदिरों का छात्र/छात्राओं ने अवलोकन किया इस अवसर पर प्रो शान्तिदेव सिसोदिया, विभागाध्यक्ष ने मंदिर स्थापत्य के विकाश को समझाया कि गुप्त काल से चंदेलकाल तक मंदिर वास्तु में कौन-कौन से मंदिर वास्तु अंगो का उत्तरोत्तर विकास कैसे हुआ जिसको अजयगढ़ दुर्ग के गुप्त कालीन एवं खजुराहो के मंदिर मंदिर स्थापत्य में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता हैl
इस अवसर पर छात्रों ने व्यवहारिक रूप से इसे बहुत ही सरलरूप से समझा l इस अवसर पर शोध छात्र राहुल बरैया, राजकुमार गोखले एवं सामिन खान के साथ- साथ विश्वविद्यालय के वाहन चालक असलम खान एवं विशाल के साथ सभी छात्र/छात्राएँ भी उपस्थित थे l