Author: Vishal Jha

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ग्वालियर समेत पूरे MP में चांदी पहली बार 1 लाख पार

ग्वालियर. दुनिया भर में मंदी की आशंका के बीच चांदी के दाम नए रिकॉर्ड बनाते हुए ग्वालियर समेत पूरे एमपी में 1 लाख 1 हजार रुपए प्रति किलो के स्तर को पार कर गए हैं। कीमती धातु चांदी के दाम हर दिन बढ़ना इसके निवेशकों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है। चांदी में निवेश करना निवेशकों के लिए महज ढ़ाई महीने में 16 फीसदी तो साल भर में 32 फीसदी से अधिक रिटर्न दे रहा है। एक साल में चांदी के दामों में 24800 रुपए प्रति किलो का उछाल आ चुका है, पिछले साल इन दिनों चांदी के दाम 76200 रुपए प्रति किलो थे। सराफा कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति किलो के आंकड़े को भी पार कर जाएगी। ऐसे में निवेश के लिए अभी भी चांदी को काफी मजबूत माना जा रहा है।

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MP में ईवी प्रमोशन बोर्ड का होगा गठन, रजिस्‍ट्रेशन में मिलेगी 100 प्रतिशत छूट

भोपाल. प्रदेश में ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी प्रमोशन बोर्ड बनाया जाएगा। मप्र ईवी पालिसी 2025 में इसके प्रविधान किए गए हैं। ईवी प्रकरणों से संबंधित सभी निर्णय, दिशा निर्देश एवं आवश्यक समन्वय मध्य प्रदेश ईवी प्रमोशन बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए एक आवश्यक अनुसंधान एवं परीक्षण उपकरणों की खरीदी के लिए दो करोड़ रुपये तक एकमुश्त अनुदान भी दिया जाएगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 के तहत प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। दो पहिया, तीन पहिया और कार के लिए एक वर्ष तक रोड टैक्स फ्री रहेगा।
दो पहिया वाहनों पर पांच हजार, तीन पहिया पर 10 हजार और ई कार पर 25 हजार रुपये की छूट वाहन कर और पंजीयन शुल्क में एक वर्ष के लिए मिलेगी। बस, स्कूल बस को रोड टैक्स, पंजीयन और परमिट में दो साल तक छूट दी जाएगी, ट्रक, ट्रैक्टर और एम्बुलेंस को केवल वाहन कर और पंजीयन में छूट मिलेगी।
चार्जिंग स्टेशन लगाने पर 30 प्रतिशत अनुदान देगी सरकार
चार्जिंग स्टेशन लगाने पर सरकार द्वारा 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इनमें छोटे, मध्यम और बड़े चार्जिंग स्टेशन में 30 प्रतिशत अनुदान और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के उपकरणों की लागत पर यह सब्सिडी मिलेगी। पहले नीति में केपिटल सब्सिडी देने की तैयारी थी, लेकिन वित्त विभाग की असहमति के बाद किसी भी वाहन पर केपिटल सब्सिडी नहीं मिलेगी।
पांच साल में 80 प्रतिशत सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का लक्ष्य
नई ईवी पालिसी लागू होने से लेकर पांच साल की अवधि में 80 प्रतिशत सरकारी वाहन इलेक्ट्रिक किए जाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मध्य प्रदेश में पंजीकृत सभी ईवी को ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी। व्यक्तिगत उपयोग वाले ईवी को सफेद अक्षरों वाली एवं व्यावसायिक उपयोग वाले ईवी को पीले अक्षरों वाली ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी। नीति अवधि के अंत तक सभी पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट लगाया जाएगा।

 

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MP में 23.81 करोड़ का घोटाला, कर्मचारियों और रिश्तेदारों के खाते में भेजे सरकारी रुपए MP में 23.81 करोड़ का घोटाला, कर्मचारियों और रिश्तेदारों के खाते में भेजे सरकारी रुपए

भोपाल. मध्य प्रदेश में हद से ज्यादा बारिश, ओलावृष्टि, सूखा या अग्नि हादसे जैसी प्रा कृतिक आपदाओं पर सरकार की तरफ से मिलने वाली राहत राशि में बडा घोटाला हुआ है। 13 जिलों में 23.81 करोड रुपए हितग्राहियों की बजाय कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर किए गए है। यह खुलासा सीएजी यानी नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन योजनाओं में जिन हितग्राहियों के आवेदन मंजूर किए गए है उनकी बजाय अन्य के बैंक खाते में पैसे डाल दिए गए। 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष की सीएजी की यह रिपोर्ट वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने सोमवार को विधानसभा में पेश की। ये रिपोर्ट 2018 से 2022 तक की है। भोपाल. मध्य प्रदेश में हद से ज्यादा बारिश, ओलावृष्टि, सूखा या अग्नि हादसे जैसी प्रा कृतिक आपदाओं पर सरकार की तरफ से मिलने वाली राहत राशि में बडा घोटाला हुआ है। 13 जिलों में 23.81 करोड रुपए हितग्राहियों की बजाय कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर किए गए है। यह खुलासा सीएजी यानी नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन योजनाओं में जिन हितग्राहियों के आवेदन मंजूर किए गए है उनकी बजाय अन्य के बैंक खाते में पैसे डाल दिए गए। 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष की सीएजी की यह रिपोर्ट वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने सोमवार को विधानसभा में पेश की। ये रिपोर्ट 2018 से 2022 तक की है।
केवलारी तहसील की जांच में सामने आया घोटाला
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिवनी जिले में ही साल 2018 से 2022 के बीच वित्तीय सहायता के 59 प्रकरणों में हितग्राही की बजाय अन्य लोगों के खाते में 11 करोड़ 64 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। यह घोटाला केवलारी तहसील की जांच में सामने आया है।
श्योपुर जिले में श्योपुर, कराहल और बड़ौदा तहसील में इस तरह के 804 प्रकरणों में 2 करोड़ 21 लाख रुपए की गड़बड़ी सीएजी ने पकड़ी है। सीहोर जिले में 671 प्रकरणों में 1 करोड़ 17 लाख रुपए का गलत भुगतान किया गया।
शिवपुरी जिले में 1 हजार से ज्यादा प्रकरणों में 2 करोड़ 77 लाख रुपए का घोटाला पकड़ा गया है। देवास, छतरपुर, खंडवा, मंदसौर, रायसेन, दमोह, सतना, आगर मालवा और विदिशा में भी इसी तरह हितग्राहियों की बजाय अन्य के खाते में राहत राशि ट्रांसफर की गई।
एक महिला को 4 साल में 38 बार राहत राशि मिली
विदिशा जिले में 41 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें हितग्राहियों की बजाय अन्य व्यक्ति के खाते में राशि जमा की गई। ऐसा दो साल में 298 बार किया गया। यहां 47 लाख 15 हजार रुपए का घोटाला किया गया है। इतना ही नहीं, 6 केस तो ऐसे हैं, जिसमें एक ही व्यक्ति के खाते में 19 से 10 बार तक राशि ट्रांसफर की गई।
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। विदिशा में एक महिला को 4 साल में 38 बार में 5 लाख 19 हजार रुपए राहत राशि दे दी गई। विदिशा कलेक्टर ने 2018–19 में सूखा राहत के नाम पर संतोष पत्नी अरविंद के खाते में 18 बार में 2 लाख 55 हजार रुपए ट्रांसफर किए।
जबकि सिरोंज के तहसीलदार ने 2019 से 2021 तक कीट प्रकोप और अत्यधिक वर्षा के लिए 2 लाख 64 हजार रुपए की राहत राशि संतोष को दी। यह राशि उनके खाते में 28 बार में ट्रांसफर की गई।

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औरंगजेब कब्र विवाद- नागपुर में पथराव-आगजनी, गाड़ियों में तोड़फोड़,DCP को कुल्हाड़ी मारी

महाराट्र. औरंगजेब कब्र विवाद में महाराष्ट्र के नागपुर के महल इलाके में सोमवार रात 8.30 बजे दो पक्षों में हिंसा हो गई। विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला फूंका था इसके बाद हिंसा भडकी। अधिकारियों ने बताया कि अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने पुतले के साथ एक धार्मिक पुस्तक जलाई है। इससे दो पक्षों में पथराव हुआ। कई गाडियों में तोडफोड हुई और दो जेसीबी में आग लगाई गई। पुलिस ने बवाल कर रहे लोगों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड है। डीसीप निकेतन कदम पर कुल्हाड से हमला किया गया। हिंसा में कई लोग घायल है। पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से प्रशासन का पूरा सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा हम लगातार पुलिस-प्रशासन के संपर्क में हैं। नागपुर एक शांतिपूर्ण शहर है। किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा प्लानिंग के साथ हमला किया गया है। पुलिस पार्टी पर पत्थर फेंके गए हैं। ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। औरंगजेब देश का दुश्मन है। उसके समर्थकों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। नागपुर डीसीप अर्चित चांडक ने कहा- गलतफहमी के कारण यह घटना हुई है। स्थिति कंट्रोल में है। सभी से अपील है कि बाहर न निकलें। पत्थरबाजी न करें। कुछ पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। मेरे पैर में भी हल्की चोट आई।

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RGPV के पूर्व कुलपति और रजिस्ट्रार की प्रॉपर्टी कुर्क, बैंक अधिकारियों और पूर्व वित्त नियंत्रक 10.77 करोड़ रूपये की प्रॉपटी की जब्त

ईडी ने आरजीपीवी के पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार और फाइनेंस कंट्रोलर समेत अन्य की प्रॉपर्टी कुर्क की है। - Dainik Bhaskar

भोपाल. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) ने हुए 19.48 करोड़ रूपये के गवन के मामले में पूर्व कुलपति सुनीलकुमार सहित इस घपले से जुड़े आरोपियों की 10.77 करोड़ रूपये की प्रॉपर्टी कुर्क कर ली है।
ईडी ने सुनील कुमार के अलावा आरजीपीवी के तत्कालीन रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत और पूर्व वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, कुमार मयंक, रामकुमार रघुवंशी और आरजीपीवी संबंद्ध बैंक के पूर्व अधिकारियों और आरजीपीवी घोटाले में शामिल अन्य निजी व्यक्तियों की प्रॉपर्टी कुर्क की है। ईडी के अनुसार आरजीपीवी के 19.48 करोड़ रूपये के गवन घोटाले में कुर्क की गयी प्रॉपर्टी में 10.77 करोड़ रूपये की चल और अचल संपत्यिां शामिल है। यह कुर्की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के अंतर्गत की गयी है। ईडी ने यह जांच भोपाल के गांधीनगर थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।

1.67 करोड रूपये के गहने, बैंक बैलेंस और म्युचुअल फंड किये थे फ्रीज
ईडी की जांच में पता चला है कि आरजीपीवी के अधिकारियों, कुमार मयंक और अन्य व्यक्तियों ने विश्वविद्यालय के 19.48 करोड़ रूपये के फंड की हेराफेरी की है। इसे अपने निजी लाभ के लिये उपयोग किया। इससे पहले ईडी ने पीएमएलए 2002 की धारा 17 के तहत तलाशी और जब्ती की कार्यवाही के दौरान 1.67 करोड रूपये के सोने के आभूषण, म्यूचुअल फंड और बैंक बैलेंस भी फ्रीज किये थे।
भोपाल की राजीव गांधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं। यह काम अनाधिकृत तरीके से किया गया। यह खुलासा मामले की जांच के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट में हुआ है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शनिवार रात 9 बजे विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार रहे डॉ. आरएस राजपूत को निलंबित कर दिया गया।
जबलपुर के शैलेंद्र पसारी की भी प्राॅपर्टी कुर्क
उधर, एक अन्य मामले में ईडी भोपाल ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत शैलेंद्र पसारी की 57.96 लाख रुपए की चल और अचल संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। ईडी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में शैलेंद्र पसारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई एसीबी, जबलपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। जांच के दौरान सीबीआई एसीबी जबलपुर ने शैलेंद्र पसारी और उनकी पत्नी ज्योति पसारी के खिलाफ 1.30 करोड़ रुपए की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया।
ईडी की जांच में पता चला है कि शैलेंद्र पसारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक खातों में नकदी जमा करके बड़ी मात्रा में चल और अचल संपत्तियां जमा की थीं और अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट बनाकर उनका उपयोग किया था। इससे पहले सीबीआई ने शैलेंद्र पसारी और उनकी पत्नी के घर, दफ्तर और लॉकर से 72.97 लाख रुपए की नकदी बरामद की थी।

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महिला अधिकारी व कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय कार्यषाला महिला अपराधों में घरेलू हिंसा के लिये 

ग्वालियर- पुलिस कन्ट्रोल रूम सभागार ग्वालियर में एसएसपी धर्मवीर सिंह के निर्देश पर प्रषिक्षण की नोडल अधिकारी एएसपी सुमन गुर्जर की अगुआई में थानों के ऊर्जा डेस्क में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिये ‘‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का सरंक्षण’’ विषय पर एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रषिक्षण देने आये एडीपीओ महिला अपराध प्रगति नायक के द्वारा ग्वालियर जिले के थानों में संचालित ऊर्जा डेस्क में पदस्त लगभग 40 महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को घरेलू हिंसा अधिनियम की बारीकियों से अवगत कराया गया।
प्रषिक्षण कार्यषाला में एडीपीओ महिला अपराध प्रगति नायक द्वारा कार्यशाला में उपस्थित महिला पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कहा कि घरेलू हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो महिलाओं, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के जीवन को प्रभावित करती है। यह हिंसा शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप में हो सकती है। उन्होने कहा कि घरेलू हिंसा से बचाव के लिए भारत में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 लागू किया गया है। इस अधिनियम का उद्देष्य पीडित महिला को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है, ।
कार्यषाला के द्वितीय सत्र में एएसपी सुमन गुर्जर द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम एक विषेष अधिनियम है जो घरेलू हिंसा से पीडित महिला व बच्चों को संरक्षित करती है, उन्होने डीआईआर फॉर्म के संबंध में विस्तार से बताया गया। तथा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों से कहा कि थाने में प्रत्येक पीडित महिला के आने पर अनिवार्य रूप से डीआईआर फॉर्म जरूर भरवायें जिसकी हर हफ्ते उनके द्वारा समीक्षा की जावेगी और हफ्ते में एक दिन शक्ति समिति के सदस्यों को काउसलिंग में शामिल जरूर करें व परामर्ष की अवधि 90 दिन से अधिक नही होना चाहिये। कार्यषाला के दौरान उनके द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों से उनको थाने एवं फील्ड़ के दौरान आने वाली समस्याओं के संबंध में बातचीत की गई एवं उनकी समस्याओं के समाधान का आष्वासन दिया गया।

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इकहरा की महिलाओं ने मधुमक्खी पालन को बनाया अपना रोजगार 

ग्वालियर -राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने संगठित होकर मधुमक्खी पालन को अपना व्यवसाय बनाकर अपने जीवन को बेहतर बनाने का उल्लेखनीय कार्य किया है। स्व-सहायता समूह की 25 महिला सदस्यों द्वारा मधुमक्खी पालन कर लगभग 120 बॉक्स के साथ अपना कार्य प्रारंभ किया है। महिलाओं के उत्साह और मेहनत से 700 किलोग्राम शहद एवं 25 किलोग्राम मोम समूह ने एकत्रित किया है।
जिले की ग्राम पंचायत उदयपुरा, जखारा एवं इकहरा के 4 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय प्रारंभ किया। महिलाओं की मेहनत और प्रशासनिक अधिकारियों के मार्गदर्शन से समूह का काम निखरने लगा और उन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त होने लगा। मधुमक्खी पालन समूह की महिलाओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुँचकर कलेक्टर रुचिका चौहान को समूह द्वारा तैयार किए गए शहद की बोतल भी प्रदान की। कलेक्टर ने महिलाओं से विस्तार से चर्चा की तथा मधुमक्खी पालन के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
समूह की महिलाओं ने कलेक्टर को बताया कि जिला पंचायत के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिलाया गया है। इसके साथ ही समूह द्वारा 120 बॉक्स के माध्यम से मधुमक्खी पालन का कार्य प्रारंभ किया गया। प्राप्त शहद को समूह के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र मुरैना में प्रोसेसिंग कराकर बाजार में 350 रूपए से 400 रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से विक्रय किया जा रहा है।
कलेक्टर के निर्देश पर समूह द्वारा तैयार किए गए शहद विक्रय के लिये एक अस्थायी केन्द्र कलेक्ट्रेट में बनाया गया। जिले के अधिकारियों ने भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं से शहद क्रय कर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने मधुमक्खी पालन के कार्य में लगे स्व-सहायता समूह के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही जिले में अन्य जगहों पर भी स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।
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कैग की रिपोर्ट में खुलासा, संबल सहित कई योजनाओं में गड़बड़ी, कांगेस बोली -एमपी बना भ्रष्टाचार का अड्डा

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज सोमवार को 5वॉ दिन है। विधानसभा में कैग रिपोर्ट 2022 पेंश की गयी थी। इसमें सीएम कन्यादान योगना, संबल योजना, नलजल योजना सहित कई योजनाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात सामने आयी है। इस पर ग्वालियर से विधायक सतीश सिकरबार ने कहा है कि एमपी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
ठससे पहले बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा है कि 2024-25 औरे और 2025-26 के राजकोषीय घाटे में 20प्रतिशत का अंतर है। सरकार मध्यप्रदेंश की जनता को कितना कर्ज में डुबोयेगी? 31 मार्च 2026 तक 28 हजार 236 करकोड़ रूपये कर्ज का ब्याज हमें चुकाना होगा। राजकोषीय प्राप्ति आमदनी यानी बढ़ाने में भी सरकार फेल साबित हो रही है।
कांग्रेस ने मंडला नक्सली के एनकाउंटर को फर्जी बताया
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मंडला में नक्सली एनकाउंटर का फर्जी बताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। मण्डला विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा है कि सरकार एनकाउंटर की जांच नहीं करा रही है। विधानसभा में अध्यक्ष ने भी हमारी मांग का अस्वीकार कर दिया। इस तानाशाही रवैये के विरोध में हमने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया है। वहीं भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा है कि स्पीकर ने साफतौर पर कहा है कि प्रतिवेदन आ जायेगा तो इस पर चचा्र करायेंगे। आज शाम तक वहां से जानकारी आ जायेगी। इसके बाद सरकार जवाब देगी, कांग्रेस मीडिया में छाने के लिये जबरदस्ती नाटक कर रही है।
उधर, सदन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश संशोधन विधेयक पेश किया।
पूर्व सीएम कमलनाथ भी विधानसभा पहुंचे
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आज विधानसभा पहुंचे। उन्होंने मऊगंज में एएसआई की हत्या और इंदौर में वकील-पुलिस झड़प पर कहा- मध्यप्रदेश कानून अव्यवस्था की राजधानी बन चुका है। भ्रष्टाचार की राजधानी बन चुका है। पूरा देश मध्यप्रदेश की ओर देख रहा है।
बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन

बजट सत्र के पहले दिन 10 मार्च को कांग्रेस विधायकों ने चेहरे पर काले कपड़े का नकाब और तख्तियां लेकर सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की थी।
बजट सत्र के पहले दिन 10 मार्च को कांग्रेस विधायकों ने चेहरे पर काले कपड़े का नकाब और तख्तियां लेकर सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की थी।
सत्र के दूसरे दिन 11 मार्च को कांग्रेस विधायकों ने टोकरी में प्लास्टिक के सांप के साथ प्रदर्शन किया। कहा कि सरकार नौकरियों पर कुंडली मारकर बैठी है।
सत्र के दूसरे दिन 11 मार्च को कांग्रेस विधायकों ने टोकरी में प्लास्टिक के सांप के साथ प्रदर्शन किया। कहा कि सरकार नौकरियों पर कुंडली मारकर बैठी है।
तीसरे दिन 11 मार्च को कांग्रेस विधायकों ने बजट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए सदन से वॉक आउट किया था। जंजीरें लगाकर और काली गठरी को लेकर प्रदर्शन भी किया।
तीसरे दिन 11 मार्च को कांग्रेस विधायकों ने बजट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए सदन से वॉक आउट किया था। जंजीरें लगाकर और काली गठरी को लेकर प्रदर्शन भी किया।
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वक्फ बिल संशोधन के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। अगले हफ्ते वक्फ संशोधन बिल को संदन में पेश किया जा सकता है। यह बिल 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश हुआ था। लेकिन इस पर हंगामे के बाद बिल का जेपीसी के पास भेज दिया गया था। लेकिन अब कभी सरकार को इस बिल को पारित कराने के लिये लोकसभा में ला सकती है। इस बिल से मुस्लिम संगठनों से लेकर विपक्षी दल नाराज हैं उनका आरोप है कि सरकार बिल के जरिये वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।
सरकार बनाम विपक्ष बिल के मुद्दे पर
सरकार का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल से वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने और ऐसी संपत्तियों से संबंधित विवादों को निपटाने का अधिकार मिलेगा और साथ ही सरकार का मानना है कि बिल के जरिये वक्फ की संपत्ति का बेहतर उपयोग हो सकेगा। मुस्लिम महिलाओं को भी मदद मिल पायेगी। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने इस वर्ष 27 जनवरी को भाजपा और उसके सहयोेगियों की ओर से बिल के लिये प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी है। जबकि विपक्ष की ओर से प्रस्तावित 44 संशोधनों को खारिज कर दिया है।
क्या होता है वक्फ
इस्लामी परंपरा में वक्फ मुसलमानों के लाभ के लिये किया गया धार्मिक दान है। ऐसी संपत्तियों को बेचा या किसी अन्य उद्देश्य के लिये उपयोग नहीं किया जा सकता है। न ही उन्हें विरासत में हासिल किया जा सकता है। बल्कि वह सदैव अल्लाह के मार्ग में समर्पित रहती है। वक्फ की गयी संपत्ति को दोबारा दावा नहीं किया जा सकता है। देश में इनमें से बड़ी संख्या में संपत्तियों का उपयोग मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों के लिये किया जाता है। कई अन्य संपत्ति खाली पड़ी है या उन पर अतिक्रमण हो चुका है।
मुस्लिम संगठनों और विपक्ष की 4 प्रमुख आपित्तयां
1. वक्फ के किसी संपत्ति विवाद पर अब फैसले के लिए खिलाफ हाई कोर्ट जा सकते हैं. हालांकि पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला ही आखिरी माना जाता था.
2. अब दान किए बिना किसी संपत्ति पर वक्फ अपना अधिकार नहीं जता सकता, लेकिन इससे पहले दावे के साथ ही कोई भी संपत्ति वक्फ का अधिकार हो जाती थी.
3. वक्फ बोर्ड में महिला और अन्य धर्म से दो सदस्य होने चाहिए. लेकिन पहले बोर्ड में महिला और अन्य धर्म के सदस्य नहीं होते थे.
4. कलेक्टर वक्फ की संपत्ति का सर्वेक्षण कर सकेगा और उसे संपत्ति का निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है.

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कूनों के जंगल में छोड़े 5 चीते, 4 शावकों सहित गामिनी को किया रिलीज

 4 शावकों सहित गामिनी को किया रिलीज
श्योपुर. कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में चीतों की संख्या बढ़ गयी हे। खजूरी पर्यटन जोन में सोमवार की दोपहर गामिनी और उसके 4 शावकों को खुले जंगल में आजाद कर दिया गया है। कूनो प्रबंधन इन चीतों को रिलीज किया और शावकों में 2 नगर और 2 मादा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी। आजाद किये गये शावकों की उम्र एक साल से ज्यादा है। इन 5 चीतों के छोड़े जाने के बाद खुले जंगल में चीतों की संख्या 17 हो गयी है। बाड़े में केवल 9 चीते रह गये हैं। इनमें 2 माह के 2 शावक भी शामिल हैं। इससे पहले, यही पर 5 फरवरी का ज्वाला और उसके 4 शावकों को भी सीएम ने रिलीज किया था। प्रबंधन ने यह निर्णय धीरा, आशा और उसके 3 शावक सफल प्रदर्शन के बाद लिया है।
पांचों चीतों को कॉलर रेडियो कॉलर पहनाया
वन विभाग ने गामिनी और उसके शावकों को रेडियो कॉलर पहना दिया है। इससे खुले जंगल में उनकी निगरानी की जा सकेगी। विभाग का उद्देश्य इन चीतों को जंगली बनाना है, इसलिए उन्हें नए वातावरण में ढलने का मौका दिया जा रहा है। पार्क में कुल 26 चीते हैं। डीएफओ आर थिरुकुराल ने बताया कि सभी चीते स्वस्थ हैं। अब पर्यटकों को चीतों को देखने का मौका मिल सकेगा।
अब तक 100 हेक्टेयर बाड़े में थे चीते
सीएम ने लिखा कि सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा जिससे निश्चित ही पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पित है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में आई गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था। इनमें से 4 जून और 5 अगस्त को एक-एक शावक की मौत हो गई थी। अब बचे चार शावकों में दो शावक नर और दो मादा हैं।