सिंधिया के कारण भाजपा में अदरूनी कलह, कई नेताओं में विरोध के स्वर फूटने लगे
भोपाल. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार तो बना ली है लेकिन अब सिंधिया समर्थक नेताओं के कारण पार्टी में विरोध के स्वर फूटने लगे है। मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। उपचुनाव से पहले पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है सिंधिया खेमे के नेताओं को टिकट देने के बाद पार्टी में गुटबाजी को कम करना।
विधानसभा उपचुनाव से पहले पार्टी में अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। भाजपा से तीन बार के विधायक और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने संकेत दिए है कि यदि उनके साथ राजनीतिक रूप से नाइंसाफी हुई तो वे दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर सकते है। जोशी ने बगावती सुर के संकेत देते हुए साफ कहा है कि अभी मैं पार्टी के साथ हूं लेकिन मेरे लिए सारे विकल्प खुले है और वक्त आने पर इस पर विचार किया जाएगा।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के अंदर रोष
दीपक जोशी ने आगे कहा कि अगर राजनीति का यही रूप है तो इसका प्रयोग मैं भी करूंगा मैं भी मनुष्य हूं। दीपक जोशी के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है वहीं दूसरी तरफ जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद भी मध्य प्रदेश में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के अंदर रोष है और अपनी नाराजगी भी जता चुके है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक भी भाजपा में शामिल हो गए और कहा गया था कि सभी 22 नेताओं को पार्टी से टिकट मिलेगा। अब हाटपिपल्या विधानसभा सीट से उपचुनाव मनोज चौधरी लड़ेंगे। ऐसे में दीपक जोशी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति में है।