दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन स्थित मरकज में 2 हजार लोग जमा थे, 200 कोरोना संदिग्ध निकले
नई दिल्ली. हजरत निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से अधिक लोग आये थे। इनमें इन्डोनेशिया, मलेशिया और थाईलैण्ड सेआये लोग भी थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग रूके हुए थे। इनमें से 200 लोगों को कोरोना से संक्रमित होने की आशंका है। संदिग्धों को जांच के लिये अस्पताल भेजा गया हे। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत है। इस जगह से 1200 लोगों को अभी निकाला जा रहा है।
निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लाम की शिक्षा का विश्व का सबसे बड़ा केन्द्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। मरकज से कुछ ही दूरी पर सूफी निजामुद्दीन औलिया की मजार है, लेकिन इन दिनों दरगाह पूरी तरह से बन्द हैं।
7 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये
म्रकज में रूके लोगों से अधिकतर अपने देशों और भारत स्थित शहरों में लौट आये थे। इन लोगों में से 6 कोरोना पॉजिटिव पाये गये और एक व्यक्ति की मौत हो गयी। हालांकि, मृतक की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग, डब्ल्यूएचओ नगर निगम और पुलिस की टीमें यहां से लोगों को निकालने का काम कर रही हैं।
मरकज में रहने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 60 से ऊपर
पुलिस ने बताया कि लॉकडाउन से पहले ही यहां से भीड़भाड़ हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे और लोगों से अपील की जा रही थी। लेकिनए तब्लीगी मरकज में जमा लोगों ने बात नहीं सुनी। यहां रहने वाले लोगों में ज्यादातर लोगों की उम्र 60 साल से ऊपर है।