चेन्नई के एक इंजीनीयर ने विक्रम लैंडर ढूंढा, 16 दिन तक रोज 6 घंटे 1-1 पिक्सल देखा
चेन्नई. चंद्रयान-2 के हिस्से विक्रम लैंडर के मलबे का चांद पर पता लग गया है और इसके बाद इसकी तस्वीरें भी जारी हो चुकी है। तस्वीरों में बताया गया है कि किस जगह पर विक्रम लैंडर गिरा था और कहां उसका मलबा है हालांकि यह सारी जानकारी इसरो या नासा ने नहीं बल्कि चेन्नई के एक इंजीनीयर ने जुटाई है। इस इंजीनियर ने हालांकि विक्रम लैंडर को ढूंढने के लिए इसरो और नासा के ऑर्बिटर्स द्वारा भेजी गई तस्वीरों का ही एनालीसिस किया था। इस सफलता के बाद अब नासा ने भी इस खोज के लिए चेन्नई के इस इंजीनियर को क्रेडिट दिया है।
अपनी इस सफलता के बाद शनमुगाप सुब्रमण्यम ने कहा कि मैं एक स्पॉट में कुछ असाधारण ढूंढने में कामयाब रहा और मुझे लगा यह विक्रम लैंडर का मलबा होना चाहिए इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। चेन्नई में एक टेक्नीकल आर्किटेक्ट के रूप में काम करने वाले शनमुगा सुब्रमण्यम एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर है। मदुराई के रहने वाले शनमुगा ने नासा के ऑर्बिटर्स द्वारा जारी की गई चांद की उन तस्वीरों को लिया जो 17 सितंबर, 14 और 15 अक्टूबर के अलावा 11 नवंबर को ली थी उसके बाद इनकी लगातार स्टडी कर आखिरकार विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकाला।
अपनी इस सफलता के बाद शनमुगा ने नासा को इस खोज के बारे में सूचना दी जिसके बाद नासा ने इसकी पुष्टि के लिए कुछ समय मांगा। आखिरकार नासा ने भी शनमुगा की इस खोज को मानते हुए उनके इसके लिए क्रेडिट दिया है। नासा के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने शनमुगा के ईमेल का जवाब देते हुए लिखा है कि आपके उस मेल के लिए धन्यवाद जिसमें आपने हमें अपनी खोज की जानकारी दी है। लैंडिंग के पहले और बाद की तस्वीरों में लैंडिंग साइट पर कुछ बदलाव नजर आए है। इस जानकारी को लेते हुए एलआरओसी टीम ने इसका और एनालिसिस किया और इस जगह को विक्रम लैंडर के टकराने की प्राइमरी जगह के रूप में पाया है।