जीवाजी विश्वविद्यालय के बीएससी नर्सिंग फर्जीैवाडे में हुई एफआईआर अब पुलिस करेगी जांच
ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय (जेयू) में बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष की मार्कशीट में गड़बड़ी करने और फेल छात्रों को पास कराने का मामला 5 माह बाद थाने तक पहुंच ही गया है। जेयू ने पूरा दोष एक अज्ञात आरोपी पर मढ़ दिया है। बुधवार की रात इस मामलेमें थाना विश्वविद्यालय में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। अब इस पूरे नर्सिंगकांड फर्जीवाड़े की जांच पुलिस नये सिरे से करेगी। इसमें जेयू के कई बड़े अधिकारी व कर्मचारी फंस सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
जीवाजी विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद् के सदस्य अनूप अग्रवाल ने श्किायत की थी कि बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष 2019 के परिणाम में बहुत गड़बड़ी की गयी हैं। जो छात्र फेल हो गये थे उन्हें पास कर मार्कशीट बनाकर दे दी गयी। इस मामले में कुलपति संगीता शुक्ता ने अपने स्तर पर प्रांरभिक तोर पर मामले की जांच कराई तो शिकायत सही पायी गयी और इसके बाद कर्मचारी जरदान सिंह, सूरज भटेजा और विनोद जाटव को निलंबित कर दिया गया और इसके साथ ही मामले की विस्तृत जांच के लिये कमेटी गठित की गयी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारी एचके द्विवेदी और वंदना अहिरवार को निलंबित कर दिया गया। अब इस मामले में कई बाहरी लोगों के साथ पूरा रैकेट शामिल होने की आशंका है। इस पर बुधवार को कुलपति के सचिव जगपाल सिंह यादव शिकायती आवेदन लेकर विश्वविद्यालय थाने में पहुंचे। जिस पर पुलिस ने जांच करने और अभी तक कीगयी सभी जांचों की रिपोर्ट चेक कराने के बाद अज्ञात आरोपी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है।