सीएम शिवराज के नजदीकी अफसर नीरज वशिष्ठ ने दो बार गुजरात के सीएम को 5-5 करोड़ रु. भेजे थे
भोपाल. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी की रिपोर्ट में अफसरों के साथ कांग्रेस नेताओं के नाम उजागर होने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सबसे करीबी अफसर नीरज वशिष्ठ ही पैसों का लेन-देन का काम देखते है। 2013 में आयकर ने छापे मारे थे, जिसमें कम्प्यूटर की जांच में यह जानकारी मिली थी कि 12 और 29 नवंबर 2013 को नीरज वशिष्ठ ने गुजरात के मुख्यमंत्री को 5-5 करोड़ रुपए दिए, ऐसी कई एंट्री आयकर विभाग को मिली थी।
दिग्विजय ने कहा कि उस समय डायरी और कम्प्यूटर से मिली जानकारी के आधार पर नीरज वरिष्ठ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए, उन्होंने कहा कि नीरज वरिष्ठ प्रथम श्रेणी के अफसर है। प्रथम श्रेणी के अफसर पूर्व मुख्यमंत्री का ओएसडी नहीं बनाया जा सकता लेकिन शिवराज सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से कह कर नियमों के खिलाफ वशिष्ठ की पोस्टिंग कराई थी।
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में जिन अफसरों के नाम है वे ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच कर रहे थे। शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में 1 हजार करोड़ का घोटाला हुआ जिसने यह घोटाला पकड़ा, वे सीएम के प्रमुख सचिव है। यदि पांच साल मौका मिलता तो शिवराज सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई होती इससे बचने के लिए बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को गिराया था।